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रिकांगपिओ में कपड़ा मंत्रालय ने कार्यक्रम का किया आयोजन, 100 महिला कारीगरों को दी गई निशुल्क सिलाई मशीनें - kinnaur news

रिकांगपिओ में वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त हस्तशिल्प की नई डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी योजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उप मंडल अधिकारी कल्पा डॉ. मेजर अवनींद्र कुमार मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे.

women handloom worker Kinnaur
महिला हस्तकला कारीगर किन्नौर
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Published : Dec 23, 2019, 8:29 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में सोमवार को भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय की ओर से रिकांगपिओ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान महिला कारीगरों को निशुल्क सिलाई व कढ़ाई मशीनें प्रदान की गई.

इस कार्यक्रम में उप मंडल अधिकारी कल्पा डॉ. मेजर अवनींद्र कुमार मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के सहायक निदेशक हस्तशिल्प व हिमाचल प्रभारी अवदेश कुमार ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार हस्तशिल्प कला हथकरघा क्षेत्र में कलात्मक कार्य करने वालों की पहचान कर उन्हें पहचान पत्र भी देती है.

वीडियो रिपोर्ट

इन पहचान पत्र धारकों को विभाग समय-समय पर अनेक सुविधाएं प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि किन्नौर में लाभार्थियों को कढ़ाई और सिलाई मशीनें निशुल्क प्रदान करने का उद्देश्य कारीगरों के कार्य में और कलात्मक लाना है. अवदेश कुमार ठाकुर ने कहा कि सभी हस्तकला के कारीगरों को अब भारत सरकार एक पहचान पत्र भी दे रही है. इस पहचान पत्र में कारीगर के अनुभव के आधार पर उसका नाम अंकित होगा जिससे हस्तकला के कारीगर की पहचान भी बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि इससे कारीगरों को अपने कार्य करने में और सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि हस्त कलाकार नेशनल अवॉर्डी हो तो उन्हें 60 साल के बाद 3500 रुपये हर महीने पेंशन भी दी जाती है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में सोमवार को भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय की ओर से रिकांगपिओ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान महिला कारीगरों को निशुल्क सिलाई व कढ़ाई मशीनें प्रदान की गई.

इस कार्यक्रम में उप मंडल अधिकारी कल्पा डॉ. मेजर अवनींद्र कुमार मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे. इस दौरान भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के सहायक निदेशक हस्तशिल्प व हिमाचल प्रभारी अवदेश कुमार ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार हस्तशिल्प कला हथकरघा क्षेत्र में कलात्मक कार्य करने वालों की पहचान कर उन्हें पहचान पत्र भी देती है.

वीडियो रिपोर्ट

इन पहचान पत्र धारकों को विभाग समय-समय पर अनेक सुविधाएं प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि किन्नौर में लाभार्थियों को कढ़ाई और सिलाई मशीनें निशुल्क प्रदान करने का उद्देश्य कारीगरों के कार्य में और कलात्मक लाना है. अवदेश कुमार ठाकुर ने कहा कि सभी हस्तकला के कारीगरों को अब भारत सरकार एक पहचान पत्र भी दे रही है. इस पहचान पत्र में कारीगर के अनुभव के आधार पर उसका नाम अंकित होगा जिससे हस्तकला के कारीगर की पहचान भी बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि इससे कारीगरों को अपने कार्य करने में और सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि हस्त कलाकार नेशनल अवॉर्डी हो तो उन्हें 60 साल के बाद 3500 रुपये हर महीने पेंशन भी दी जाती है.

Intro:किन्नौर न्यूज़।

किन्नौर में भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा 100 महिलाओ को निशुल्क सिलाई कढ़ाई मशीने दी गयी, सहायक निदेशक हस्तशिल्प ने कहा भारत सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में आर्थिक स्थिति ठीक करना।

किन्नौर-जनजातीय जिला किन्नौर में आज भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त हस्तशिल्प की नई डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी योजना के अंतर्गत किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में 100 कारीगरों को जिनमें अधिकतर महिला कारीगर थी उनको निशुल्क सिलाई कढ़ाई मशीन प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उप मंडल अधिकारी कल्पा डॉक्टर मेजर अवनींद्र कुमार मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे।




Body:इस दौरान भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के निदेशक हस्तशिल्प व हिमाचल प्रभारी अवदेश कुमार ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हस्तशिल्प कला हथकरघा क्षेत्र में कलात्मक कार्य करने वाले कार्यक्रमों को कार्य कर पहचान पत्र प्रदान किया जाता है ऐसे पहचान पत्र धारकों को विभाग द्वारा समय-समय पर अनेक सुविधाएं प्रदान की जाती है उन्होंने कहा कि हस्त मंत्रालय के विकास आयुक्त हस्तशिल्प के सौजन्य से आज किन्नौर में ऐसे 100 लाभार्थियों को कड़ाई तथा सिलाई मशीनें निशुल्क प्रदान करने का उद्देश्य कारीगरों के कार्य में और कलात्मक लाना है।उन्होंने कहा कि सभी हस्तकला के कारीगरों को अब भारत सरकार एक पहचान पत्र भी दे रही है जिसमे उनके कार्य अनुभव अनुसार उनके कार्य के बारे में नाम अंकित होगा जिससे हस्तकला के कारीगर की पहचान भी बनी रहेगी।




Conclusion:उन्होंने कहा कि इससे जहां कारीगरों को अपने कार्य करने में और सहायता मिलेगी साथ ही साथ उनके आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी उन्होंने कहा कि हस्त कलाकार यदि नेशनल अवॉर्डी हो तो उसको 60 साल के बाद 35 सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन भी दिया जाता है जिससे उनके बुढ़ापा में भी दिक्कते नही आती,वही कार्यक्रम के अंत मे मुख्यातिथि व अन्य अतिथियों ने सभी महिलाओ को सिलाई कढ़ाई मशीने भी आबंटित की ।


बाईट---अवदेश कुमार--सह निदेशक हस्तकला व हिमाचल प्रभारी।
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