शिमलाः उत्तरप्रदेश के हाथरस और बलराम में युवतियों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ गुरुवार को विभिन्न जनसंगठनों ने प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया. इसी क्रम में राजधानी शिमला में जनवादी महिला सामिति, दलित शोषण मुक्ति मंच, नौजवान भारत सभा, सीटू, एसएफआई और किसान सभा ने धरना देकर रोष जताया. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान दोषियों को सख्त सजा दिए जाने के साथ ही इन मामलों में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए.
प्रदर्शन के दौरान सगठनों के नेताओं ने अपने भाषण में कहा कि देश में महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं और महिला सुरक्षा के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला के प्रति अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं और वहां की सराकर इन पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है. प्रदर्शनकारियों ने हाथरस और बलराम में हुई घटनाओं का कड़ा विरोध जताया और सरकार से इन मामलों में कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई.
जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष फालमा चौहान ने कहा कि हाथरस और बलराम की वारदात बहुत ही निदंनीय है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी आए दिन महिलाओं के प्रति हिंसा, रेप और अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं जिसे रोकने के लिए सरकार विफल रही है. केंद्र सरकार को इस मामले में कदम उठाना चाहिए.
फालमा चौहान ने कहा कि हमीरपुर जिला में युवती का शव मिलने और गुड़िया मामले का जिक्र करते हुए कहा महिला सुरक्षा के लिए सिर्फ नारे दिए जाते हैं, जबकि धरातल पर सरकार लोगों की महिला विरोधी सोच को नहीं बदल पाई है. देश और प्रदेश में दलितों और महिलाओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से महिला की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की मांग की. प्रदर्शन के बाद सगठनों ने भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा.
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