शिमला: पूर्व सरकार के समय खरीदी गई बायोमेट्रिक मशीन घोटाले की जांच जारी है. जिला कांगड़ा में वर्ष 2016 से 2018 के बीच खरीदी गई थी और विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में हाजरी के लिए लगाई गई है.
स्वास्थ्य विशेष सचिव डॉ. निपुण जिंदल ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रस्तुत तथ्य रिपोर्ट के आधार पर जिला कांगड़ा के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के लिए अंकन मशीनों की खरीद के मामले में तत्कालीन सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. आर. एस. राणा पर पेंशन नियम-9 के तहत 29 जुलाई, 2019 को आरोप पत्र जारी किया है.
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि प्रथम दृष्टया, 23.62 लाख की वित्तीय अनियमितता का आकलन किया गया है. इसके अलावा सरकारी नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के संदर्भ में भी इन पर आरोप लगाए गए हैं. आरोपों को नहीं मानने की स्थिति में इनके खिलाफ नियमों के मुताबिक जांच करने का निर्णय लिया गया.
तदानुसार, उप-नियम (2) और (5) (सी), नियम-14, केंद्रीय नागरिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रक एवं अपील) 1965 के प्रावधानों के अनुसार, आरोपों की जांच के लिए संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. आर.के. दरोच को अधिकारी और अधीक्षक वर्ग-1 राजेश वर्मा को प्रैजेंटिंग अधिकारी 9 सितम्बर, 2019 को नियुक्त किया गया.
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि इस मामले की जांच नियमानुसार जारी है. यह जांच की प्रक्रिया एक अर्ध-न्यायिक कार्रवाई है और इसमें हर चरण पर आरोपित अधिकारी को मौका दिया जाता है. सभी पक्षों को सुनने के बाद व साक्ष्यों के आधार पर जांच अधिकारी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं. जांच नियमानुसार प्रगति पर है और किसी भी अधिकारी को तथ्यों को प्रभावित करने, दोषियों को संरक्षण देने और मामले को दबाने का प्रयास करने की संभावना नहीं है.
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