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शिमला व्यापार मंडल में अब होंगे दो प्रधान, धड़ों में बंटे व्यापार मंडल ने बनाई अपनी-अपनी कार्यकारिणी

शिमला व्यापार मंडल के नाराज धड़े ने नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. शहर में दूसरे व्यापार मंडल की कमान संजीव ठाकुर संभालेंगे. ऐसे में अब शहर के व्यापारियों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस कार्यकारिणी को मान्य माना जाए. वहीं, दोनों गुट यह दावा करते आ रहे हैं कि शहर के व्यापारी उनके साथ हैं.

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Published : Oct 17, 2021, 6:41 PM IST

शिमला: शिमला व्यापार मंडल में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. रविवार को शिमला व्यापार मंडल के नाराज धड़े ने नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. दूसरे धड़े ने भी नई कार्यकारिणी को निर्विरोध चुना है. ऐसे में व्यापार मंडल में अब दो प्रधान बन गए हैं, जिससे व्यापारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. व्यापारियों को यह समझ नही आ रहा है की आखिर किस कार्यकारिणी को मान्य माना जाए. हालांकि दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि व्यापारी उनके साथ है.

रविवार को नाराज धड़े की चुनाव समिति द्वारा बैठक कर आवदेन की जांच की गई और 5 पदों के लिए 5 ही आवेदन आए थे, जिसके बाद कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई. बैठक के बाद चुनाव समिति के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब शिमला में एक प्रेस वार्ता भी की. इस दौरान नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई, जिसमें संजीव ठाकुर को व्यापार मंडल शिमला का प्रधान और राजकुमार अग्रवाल को उप-प्रधान महासचिव, संदीप सूद को संयुक्त सचिव, अभिमन्यु भाकरा और राज किशोर गुप्ता को कोषाध्यक्ष चुना गया है.

वीडियो.

प्रेस वार्ता के दौरान चुनाव समिति के अध्यक्ष रमेश चोझड़ ने कहा कि हाल ही में जब चुनाव हुए थे, लेकिन उस दौरान बंद कमरे में कार्यकारिणी को चुना गया था. उन्होंंने कहा कि चुनाव समिति का काम चुनाव करवाना होता है, ना कि जो चुनाव लड़ रहे हैं उनमें सहमति करवाना. उन्होंने कहा कि जो कार्यकारिणी पहले चुनी गई थी, उसमें नियमों का उल्लघंन किया गया था और पदाधिकारियों का चुनाव सही प्रक्रिया के तहत नहीं हुआ था.

रमेश चोझड़ ने कहा कि यह बहुत निंदनीय है कि लोकतंत्र की हत्या करके इस कार्यकारिणी को बनाया गया था, क्योंकि जिस पद के लिए जिसने आवेदन किया था, उसे वह पद नहीं मिला, जिससे साफ जाहिर होता है कि किस तरीके से उस कार्यकारिणी को चुना गया होगा. उन्होंने कहा व्यापार मंडल में 2800 कारोबारी है, जिन्हें अपने मतदान के अधिकार से रोका गया था. वहीं, व्यापारियों ने दोबारा चुनाव करवाने का फैसला लिया था, जिसमें 5 पदों के लिए 5 ही आवेदन आए थे. ऐसे में व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई.

शिमला व्यापार मंडल के नए प्रधान संजीव ठाकुर का कहना है कि शिमला व्यापार मंडल में व्यापारियों की मांगों को सरकार और नगर निगम के समक्ष प्रमुखता से उठाया जाएगा. उन्होंने व्यापार मंडल के दूसरे प्रधान हरजीत कुमार मंगा को भी उनके साथ मिलकर काम करने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि अगर वह तैयार हैं, तो साथ मिलकर व्यापार मंडल चलाया जा सकता है, क्योंकि अंत में सब व्यापारी ही है. उन्होंने कहा कि यह कार्यकारिणी अगले 3 साल तक शिमला व्यापार मंडल का कार्यभार संभालेगी.

ये भी पढ़ें: अपना अध्यक्ष नहीं चुन पा रही कांग्रेस पार्टी, आखिर उन्हें किस बात का डर: अनुराग ठाकुर

शिमला: शिमला व्यापार मंडल में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. रविवार को शिमला व्यापार मंडल के नाराज धड़े ने नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. दूसरे धड़े ने भी नई कार्यकारिणी को निर्विरोध चुना है. ऐसे में व्यापार मंडल में अब दो प्रधान बन गए हैं, जिससे व्यापारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. व्यापारियों को यह समझ नही आ रहा है की आखिर किस कार्यकारिणी को मान्य माना जाए. हालांकि दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि व्यापारी उनके साथ है.

रविवार को नाराज धड़े की चुनाव समिति द्वारा बैठक कर आवदेन की जांच की गई और 5 पदों के लिए 5 ही आवेदन आए थे, जिसके बाद कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई. बैठक के बाद चुनाव समिति के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब शिमला में एक प्रेस वार्ता भी की. इस दौरान नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई, जिसमें संजीव ठाकुर को व्यापार मंडल शिमला का प्रधान और राजकुमार अग्रवाल को उप-प्रधान महासचिव, संदीप सूद को संयुक्त सचिव, अभिमन्यु भाकरा और राज किशोर गुप्ता को कोषाध्यक्ष चुना गया है.

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प्रेस वार्ता के दौरान चुनाव समिति के अध्यक्ष रमेश चोझड़ ने कहा कि हाल ही में जब चुनाव हुए थे, लेकिन उस दौरान बंद कमरे में कार्यकारिणी को चुना गया था. उन्होंंने कहा कि चुनाव समिति का काम चुनाव करवाना होता है, ना कि जो चुनाव लड़ रहे हैं उनमें सहमति करवाना. उन्होंने कहा कि जो कार्यकारिणी पहले चुनी गई थी, उसमें नियमों का उल्लघंन किया गया था और पदाधिकारियों का चुनाव सही प्रक्रिया के तहत नहीं हुआ था.

रमेश चोझड़ ने कहा कि यह बहुत निंदनीय है कि लोकतंत्र की हत्या करके इस कार्यकारिणी को बनाया गया था, क्योंकि जिस पद के लिए जिसने आवेदन किया था, उसे वह पद नहीं मिला, जिससे साफ जाहिर होता है कि किस तरीके से उस कार्यकारिणी को चुना गया होगा. उन्होंने कहा व्यापार मंडल में 2800 कारोबारी है, जिन्हें अपने मतदान के अधिकार से रोका गया था. वहीं, व्यापारियों ने दोबारा चुनाव करवाने का फैसला लिया था, जिसमें 5 पदों के लिए 5 ही आवेदन आए थे. ऐसे में व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई.

शिमला व्यापार मंडल के नए प्रधान संजीव ठाकुर का कहना है कि शिमला व्यापार मंडल में व्यापारियों की मांगों को सरकार और नगर निगम के समक्ष प्रमुखता से उठाया जाएगा. उन्होंने व्यापार मंडल के दूसरे प्रधान हरजीत कुमार मंगा को भी उनके साथ मिलकर काम करने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि अगर वह तैयार हैं, तो साथ मिलकर व्यापार मंडल चलाया जा सकता है, क्योंकि अंत में सब व्यापारी ही है. उन्होंने कहा कि यह कार्यकारिणी अगले 3 साल तक शिमला व्यापार मंडल का कार्यभार संभालेगी.

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