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रूसा के इस मामले को सुलझाने के लिए एचपीयू ने किया सब कमेटियों का गठन, एक्सपर्ट देंगे राय

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत गलत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की वजह से टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर हुए अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

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रूसा सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन
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Published : Dec 31, 2019, 7:51 AM IST

शिमलाः राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत गलत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की वजह से टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर हुए अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इस मामले को सुलझाने के लिए एचपीयू में इक्वीलेंस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में भी सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया.

बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस मामले को सुलझाने के लिए सब कमेटियों का गठन किया जाए जो इस पूरे मामले पर स्टडी कर इसे सुलझाने का काम करेगी. एचपीयू में आयोजित हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि इस पूरे मामले में एक्सपर्ट की राय ली जाएगी जिसके बाद इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, बैठक में अधिकारियों ने यह फैसला लिया कि 2015 के बैच में यूजी के छात्रों को पढ़ाई के सब्जेक्ट कॉमिनेशन के चलते टीजीटी भर्ती में जो दिक्कतें आ रही हैं. उसमें छात्रों को जल्द राहत दी जाएगी. बता दें कि इस पूरे मामले के तहत दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर किया गया है. उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं, जो नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे.

बता दें कि टीजीटी नॉन मेडिकल के पदों में हमीरपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है. यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही है, जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के तहत आर एंड पी रूल्स जो हैं उसमें टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बायो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है.

उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ तीनों विषयों को पढ़ना जरूरी है, लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी पंसद करने की सुविधा दी गई है. यही वजह है कि छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी विषय पढ़ लिए हैं, और अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे हैं.

बता दें कि 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए योग्य नहीं हो पाए. अब जब यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है, तो इस मामले में शिक्षा विभाग को एचपीयू से इक्वीलेंस कमेटी की बैठक बुलाया गया ताकि इस समस्या का समाधान हो सके. वहीं जिन छात्रों के आवेदन रद्द हुए हैं वह भी इस समस्या के समाधान के लिए एचपीयू के फैसले के लिए रूके हुए हैं.

ये भी पढ़ें: सैनवाला-सलानी सड़क का लोकार्पण, जनसभा को भी किया संबोधित

ये भी पढ़ें: दिल्ली दौरे पर सीएम जयराम ठाकुर, लोकसभा अध्यक्ष और जेपी नड्डा से की मुलाकात

शिमलाः राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत गलत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की वजह से टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर हुए अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इस मामले को सुलझाने के लिए एचपीयू में इक्वीलेंस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में भी सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया.

बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस मामले को सुलझाने के लिए सब कमेटियों का गठन किया जाए जो इस पूरे मामले पर स्टडी कर इसे सुलझाने का काम करेगी. एचपीयू में आयोजित हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि इस पूरे मामले में एक्सपर्ट की राय ली जाएगी जिसके बाद इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, बैठक में अधिकारियों ने यह फैसला लिया कि 2015 के बैच में यूजी के छात्रों को पढ़ाई के सब्जेक्ट कॉमिनेशन के चलते टीजीटी भर्ती में जो दिक्कतें आ रही हैं. उसमें छात्रों को जल्द राहत दी जाएगी. बता दें कि इस पूरे मामले के तहत दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर किया गया है. उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं, जो नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे.

बता दें कि टीजीटी नॉन मेडिकल के पदों में हमीरपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है. यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही है, जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के तहत आर एंड पी रूल्स जो हैं उसमें टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बायो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है.

उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ तीनों विषयों को पढ़ना जरूरी है, लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी पंसद करने की सुविधा दी गई है. यही वजह है कि छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी विषय पढ़ लिए हैं, और अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे हैं.

बता दें कि 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए योग्य नहीं हो पाए. अब जब यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है, तो इस मामले में शिक्षा विभाग को एचपीयू से इक्वीलेंस कमेटी की बैठक बुलाया गया ताकि इस समस्या का समाधान हो सके. वहीं जिन छात्रों के आवेदन रद्द हुए हैं वह भी इस समस्या के समाधान के लिए एचपीयू के फैसले के लिए रूके हुए हैं.

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Intro:राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत गलत सब्जेक्ट कंबीनेशन की वजह से टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर हुए अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इस मामले को , सुलझाने के लिए एचपीयू में इक्वीलेंस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया, लेकिन इस बैठक में भी सब्जेक्ट कांबिनेशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया। बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस मामले को सुलझाने के लिए सब कमेटियों का गठन किया जाए जो इस पूरे मामले पर स्टडी कर इसे सुलझाने का काम करेंगी। एचपीयू में आयोजित हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि इस पूरे मामले में एक्सपर्ट की राय ली जाएगी जिसके बाद इस पूरे मामले को सुलझाया जाएगा।


Body:बैठक में अधिकारियों ने यह फैसला लिया कि 2015 के बैच में यूजी के छात्रों को पढ़ाई के सब्जेक्ट कॉमिनेशन के चलते टीजीटी भर्ती में जो दिक्कतें आ रही हैं उसमें छात्रों को जल्द राहत दी जाएगी। बता दें कि इस पूरे मामले के तहत दो अभ्यर्थियों को अभी हाल ही में टीजीटी नॉन मेडिकल की भर्ती से बाहर किया गया है कियूंकि उन्होंने रूसा के तहत वह सब्जेक्ट ही नहीं पढ़े हैं जो उन्हें नियमों के तहत पढ़ने चाहिए थे। टीजीटी नॉन मेडिकल के पदों में हमीपुर चयन आयोग ने इन दो अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया है। यह परेशानी उन अभ्यर्थियों को आ रही हैं जिन्होंने वर्ष 2015 के बैच में अपनी यूजी की डिग्री पूरी की हैं। शिक्षा विभाग के तहत आर एंड पी रूल्स जो हैं उसमें टीजीटी मेडिकल बनने के लिए यूजी में बॉयो के साथ केमिस्ट्री पढ़ना जरूरी है। उसी तरह से नॉन मेडिकल में भी फिजिक्स,कैमिस्ट्री ओर मैथ तीनो विषयों को पढ़ना जरूरी है,लेकिन जब रूसा को यूजी में लागू किया गया तो छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन में भी च्वाइस दी गई। यही वजह है की छात्रों ने रूसा में अन्य संकायों से भी सब्जेक्ट पढ़ लिए हैं ओर अब यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की पात्रता ही पूरी नहीं कर पा रहे है।


Conclusion: यही वजह है कि अब इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और 4 साल में एचपीयू से ग्रेजुएशन करने वाले ढाई लाख के छात्र टीजीटी पढ़ने के लिए एलिजिबल नहीं हो पाए। अब जब यह मामला प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पास पहुंचा है तो इस मामले में शिक्षा विभाग को एचपीयू से इक्विवेलेंस कमेटी की बैठक बुलाए जाने की याद आई ताकि रूसा के सब्जेक्ट कॉमिनेशन की समस्या का समाधान निकल सके। इसके बाद बैठक आज सोमवार को बुला तो ली गई लिए इसमें में समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। वहीं जिन छात्रों के आवेदन रद्द हुए है वह भी इस समस्या के समाधान के लिए एचपीयू के फ़ैसले पर नज़र टिकाए हुए है।
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