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रमेश ध्वाला और पवन राणा में छिड़ी जंग! CM जयराम बोले- ये परिवार के भीतर का मामला है

राजधानी शिमला में सीएम जयराम ठाकुर के दरबार पहुंचे ज्वालीमुखी क्षेत्र के प्रधानों ने पवन राणा और रमेश ध्वाला पर कई आरोप लगाए हैं. खबर है कि सीएम ने दोनों नेताओं को शिमला बुलाया है.

Ramesh Dhwala and Pawan Rana case reached CM Jairam
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Published : Jul 21, 2019, 8:34 AM IST

शिमला: भाजपा के वरिष्ठ विधायक और योजना बोर्ड के अध्यक्ष रमेश ध्वाला और भाजपा के प्रदेश महामंत्री पवन राणा बीच की जंग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंच गई है. दो दिन पहले ध्वाला के चुनावी क्षेत्र ज्वालामुखी से 11 प्रधान ध्वाला की शिकायत करने जयराम ठाकुर के दरबार में शिमला पहुंच गए और उन पर कई आरोप लगाए. इसके जवाब में शनिवार को ध्वाला भी दर्जन से ज्यादा प्रधानों को जयराम के दरबार में ले आए.

सीएम के दरबार में पहुंचे प्रधानों ने पवन राणा पर भी आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद कांग्रेसियों के काम कराने और उन्हें तरजीह देने तक के इल्जाम लगाया है. जयराम ठाकुर दोनों को अपने दरबार में हाजिर करवा कर अपनी बादशाहत कायम रखने की रणनीति पर चल रहे हैं. खबर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ध्वाला को फिर से आने को कहा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में मामले पर चर्चा करने को कहा है.

वीडियो.

सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को ध्वाला पार्टी से बाहर करने की बात लगातार कर रहे हैं उन्हें राणा पार्टी में महत्व दे रहे हैं. इनमें अभिषेक पाधा, मनीष गर्ग और कुशल ठाकुर प्रमुख हैं. पवन राणा ने मनीष शर्मा को कौशल विकास निगम में निदेशक बना दिया है जबकि अभिषेक पाधा जो पेशे से वकील हैं, इनको चार विभागों के पैनल पर ला दिया है और कुशल ठाकुर को भाजपा की कार्यकारिणी में जगह दी है.

मुख्यमंत्री के पास शनिवार को पहुंचे ध्वाला समर्थकों ने जयराम को बताया कि राणा जिन लोगों को मजबूत कर रहे हैं उनमें से ज्वालामुखी हलके के 101 बूथों पर केवल एक कुशल राणा के बूथ से कांग्रेस को 59 मतों की बढ़त मिली है. बाकी सब बूथों पर भाजपा बढ़त में है.

चर्चा तो यह भी है कि मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की कुर्सियां खाली हैं. शांता कुमार किशन कपूर की जगह ध्वाला को मंत्री बनाना चाहते हैं और जयराम भी ऐसा चाहते हैं लेकिन राणा ऐसा नहीं चाहते. राणा और ध्वाला का चुनावी हलका एक ही है. ऐसे में पवन राणा उनको विवादास्पद कर देना चाहते हैं ताकि वह मंत्री न बन सके.

खुद पर लगे आरोप को खारिज करते हुए रमेश ध्वाला ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ लोग लगे हुए हैं. उनकी न जाने क्या मंशा है. अगर उन्हें राजनीति में आना है तो वो चुनाव लड़ें. इस तरह का दखल पार्टी और सरकार के लिए ठीक नहीं है. पार्टी को संज्ञान लेना चाहिए.

वहीं, भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा ने कहा की वह तो मुख्यमंत्री से विकास कार्यों को लेकर मिले थे. कॉलेज की इमारत बन गई है. आइटीआई और पुल भी तैयार है. इनका डेढ़ साल से उद्घाटन नहीं हुआ है. अगर कोई उनके खिलाफ कुछ बोल रहा है तो इसके बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिवार के भीतर का मामला है. जिस तरह की बात लोग सोच रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है. रमेश ध्वाला के साथ कुछ लोग मिलने आए थे वह हलके में प्रवास की मांग कर रहे थे. वह एक दो दिन में ज्वालामुखी के दौरे पर जाएंगे.

शिमला: भाजपा के वरिष्ठ विधायक और योजना बोर्ड के अध्यक्ष रमेश ध्वाला और भाजपा के प्रदेश महामंत्री पवन राणा बीच की जंग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंच गई है. दो दिन पहले ध्वाला के चुनावी क्षेत्र ज्वालामुखी से 11 प्रधान ध्वाला की शिकायत करने जयराम ठाकुर के दरबार में शिमला पहुंच गए और उन पर कई आरोप लगाए. इसके जवाब में शनिवार को ध्वाला भी दर्जन से ज्यादा प्रधानों को जयराम के दरबार में ले आए.

सीएम के दरबार में पहुंचे प्रधानों ने पवन राणा पर भी आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद कांग्रेसियों के काम कराने और उन्हें तरजीह देने तक के इल्जाम लगाया है. जयराम ठाकुर दोनों को अपने दरबार में हाजिर करवा कर अपनी बादशाहत कायम रखने की रणनीति पर चल रहे हैं. खबर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ध्वाला को फिर से आने को कहा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में मामले पर चर्चा करने को कहा है.

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सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को ध्वाला पार्टी से बाहर करने की बात लगातार कर रहे हैं उन्हें राणा पार्टी में महत्व दे रहे हैं. इनमें अभिषेक पाधा, मनीष गर्ग और कुशल ठाकुर प्रमुख हैं. पवन राणा ने मनीष शर्मा को कौशल विकास निगम में निदेशक बना दिया है जबकि अभिषेक पाधा जो पेशे से वकील हैं, इनको चार विभागों के पैनल पर ला दिया है और कुशल ठाकुर को भाजपा की कार्यकारिणी में जगह दी है.

मुख्यमंत्री के पास शनिवार को पहुंचे ध्वाला समर्थकों ने जयराम को बताया कि राणा जिन लोगों को मजबूत कर रहे हैं उनमें से ज्वालामुखी हलके के 101 बूथों पर केवल एक कुशल राणा के बूथ से कांग्रेस को 59 मतों की बढ़त मिली है. बाकी सब बूथों पर भाजपा बढ़त में है.

चर्चा तो यह भी है कि मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की कुर्सियां खाली हैं. शांता कुमार किशन कपूर की जगह ध्वाला को मंत्री बनाना चाहते हैं और जयराम भी ऐसा चाहते हैं लेकिन राणा ऐसा नहीं चाहते. राणा और ध्वाला का चुनावी हलका एक ही है. ऐसे में पवन राणा उनको विवादास्पद कर देना चाहते हैं ताकि वह मंत्री न बन सके.

खुद पर लगे आरोप को खारिज करते हुए रमेश ध्वाला ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ लोग लगे हुए हैं. उनकी न जाने क्या मंशा है. अगर उन्हें राजनीति में आना है तो वो चुनाव लड़ें. इस तरह का दखल पार्टी और सरकार के लिए ठीक नहीं है. पार्टी को संज्ञान लेना चाहिए.

वहीं, भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा ने कहा की वह तो मुख्यमंत्री से विकास कार्यों को लेकर मिले थे. कॉलेज की इमारत बन गई है. आइटीआई और पुल भी तैयार है. इनका डेढ़ साल से उद्घाटन नहीं हुआ है. अगर कोई उनके खिलाफ कुछ बोल रहा है तो इसके बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परिवार के भीतर का मामला है. जिस तरह की बात लोग सोच रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है. रमेश ध्वाला के साथ कुछ लोग मिलने आए थे वह हलके में प्रवास की मांग कर रहे थे. वह एक दो दिन में ज्वालामुखी के दौरे पर जाएंगे.

Intro:शिमला। भाजपा के वरिष्ठ विधायक और योजना बोर्ड के अध्यक्ष रमेश ध्वाला और भाजपा के प्रदेश महामंत्री पवन राणा बीच की जंग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंच गई है। दो दिन पहले ध्वाला के चुनावी क्षेत्र ज्वालामुखी से 11 प्रधान ध्वाला की शिकायत करने जयराम ठाकुर के दरबार में शिमला पहुंच गए और ध्वाला को लेकर कई इल्जाम जड़ दिए। बदले में आज ध्वाला भी दर्जन से ज्यादा प्रधानों को जयराम के दरबार में ले आए।




Body:इस मौके पर इन लोगों ने पवन राणा पर आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद कांग्रेसियों के काम कराने व उन्हें तरजीह देने तक के इल्जाम लगा दिए। जयराम ठाकुर दोनों को अपने दरबार में हाजिर करवा कर अपनी बादशाहत कायम ऱखने की रणनीति पर चले हैं. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ध्वाला को फिर से आने को कहा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में मामले पर चर्चा करने को कहा है.

सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को घ्वाला पार्टी से बाहर करने की बात लगातार कर रहे हैं उन्हें राणा पार्टी में महत्व दे रहे हैं. इनमें अभिषेक पाधा, मनीष गर्ग और कुशल ठाकुर प्रमुख है। पवन राणा ने मनीष शर्मा को कौशल विकास निगम में निदेशक बना दिया है जबकि अभिषेक पाधा को जो पेशे से वकील है को चार विभागों के पैनल पर ला दिया है और कुशल ठाकुर को भाजपा की कार्यकारिणी में जगह दे दी है। मुख्यमंत्री के पास आज पहुंचे ध्वाला समर्थकों ने जयराम को बताया कि राणा जिन लोगों को मजबूत कर रहे है उनमें से ज्वालामुखी हलके के 101 बूथों पर केवल एक कुशल राणा के बूथ से कांग्रेस को 59 मतों की बढ़त मिली है। बाकी सब बूथों पर भाजपा बढ़त में है।

चर्चा तो यह भी है कि मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की कुर्सियां खाली है किश्नकपूर की जगह शांता कुमार ध्वाला को मंत्री बनाना चाहते है और जयराम भी ऐसा चाहते है। लेकिन राणा ऐसा नहीं चाहते। राणा व ध्वाला का चुनावी हलका एक ही है। ऐसे में पवन राणा उनको विवादास्पद कर देना चाहते है। ताकि वह मंत्री न बन सके ।
Conclusion:रमेश ध्वाला ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ लोग लगे हुए है। उनकी न जाने क्या मंशा है। अगर उन्हें राजनीति में आना है तो व चुनाव लड़ लें। इस तरह का दखल पार्टी व सरकार के लिए ठीक नहीं है। पार्टी को संज्ञान लेना चाहिए।

वहीं भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा ने कहा की वह तो मुख्यमंत्री से विकास कार्यों को लेकर मिले थे। कॉलेज की इमारत बन गई है। आइटीआइ व पुल आदि भी तैयार है। इनके डेढ साल से उद्घाटन नहीं हो रहे है। अगर कोई उनके खिलाफ कुछ बोल रहा है तो उनके बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते।



मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि यह परिवार के भीतर का मामला है। जिस तरह बात आप (मीडिया वाले)सोच रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है। आज ध्वाला के साथ कुछ लोग मिलने आए थे वह हलके में प्रवास की मांग कर रहे थे तो वह एक दो दिन में ज्वालामुखी जाएंगे।
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