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'सिक्सर किंग' युवराज को देखकर लेफ्टी बन गया ये राइट हैंडेड बल्लेबाज

देश के युवा क्रिकेटर राज अंगद बावा (cricketer raj angad bawa) के पिता और चंडीगढ़ क्रिकेट टीम के कोच सुखविंदर सिंह बावा (coach sukhwinder singh bawa) से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका और अंगद का पूरा फोकस घरेलू सीरीज पर है. अंगद 17 फरवरी से शुरू हो रही रणजी ट्रॉफी में चंडीगढ़ की सीनियर टीम के साथ खेलेगा. इसलिए हमारा पूरा ध्यान घरेलू सीरीज में ही उसके बेहतर प्रदर्शन पर रहेगा.

coach sukhwinder singh bawa
क्रिकेट कोच सुखविंदर सिंह बावा से ईटीवी भारत की खास बातचीत.
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Published : Feb 15, 2022, 10:39 PM IST

शिमला/चंडीगढ़: युवा क्रिकेटर राज अंगद बावा (cricketer raj angad bawa) आज किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गया है. महज 19 साल की उम्र में अंगद कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुका है. हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में राज अंगद बावा ने शानदार प्रदर्शन किया. अंगद खेल मैदान में जितनी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हैं, उतनी ही बेहतरीन गेंदबाजी भी करते हैं. ईटीवी भारत ने युवा खिलाड़ी के पिता और कभी सिक्सर किंग युवराज सिंह को कोचिंग देने वाले सुखविंदर सिंह बावा (coach sukhwinder singh bawa) से खास बातचीत की है.

आईपीएल नहीं, रणजी पर ज्यादा फोकस- ईटीवी भारत से बात करते हुए चंडीगढ़ क्रिकेट टीम (chandigarh cricket team) के कोच सुखविंदर सिंह बावा ने कहा कि अंडर-19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अंगद का चयन आईपीएल में हो गया है. पंजाब की टीम ने उसे 2 करोड़ में खरीदा है, लेकिन फिलहाल हमारा ध्यान आईपीएल की तरफ नहीं है. आईपीएल को शुरू होने में अभी करीब डेढ़ महीने का वक्त है. उसकी तैयारी बाद में की जाएगी. अंगद 17 फरवरी से शुरू हो रही रणजी ट्रॉफी में चंडीगढ़ की सीनियर टीम के साथ खेलेगा. इसलिए हमारा पूरा ध्यान घरेलू सीरीज में ही उसके बेहतर प्रदर्शन पर रहेगा.

बचपन में पंजाबी गानों पर डांस का था शौक- अंगद के पिता सुखविंदर सिंह बावा ने बताया कि बचपन में अंगद को क्रिकेट से कोई खास लगाव नहीं था. 10-11 साल की उम्र तक उसे सिर्फ पंजाबी गानों पर डांस करने का शौक था, लेकिन एक बार वह अंगद को धर्मशाला ले गए. जहां पर स्टेडियम में उन्होंने अंगद को एक क्रिकेट मैच दिखाया. इस मैच में वह एक टीम के कोच थे. उस मैच को देखने के बाद अंगद में क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई और तब से अंगद ने क्रिकेट खेलना शुरू किया.

क्रिकेट कोच सुखविंदर सिंह बावा से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

पिता से ही अंगद को मिल रही कोचिंग- अंगद से जुड़ी खास बात यह भी है कि उनके पिता ही उनके कोच हैं. उनके पिता ही बचपन से उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाते आ रहे हैं. इन दोनों रिश्तो में एक बारी की लकीर होती है उन्हें अंगद का पिता की तरह ध्यान भी रखना होता है और कोर्ट की तरह यह भी देखना होता है इसकी कोचिंग में कोई कमी ना रहे. उन्होंने कहा कि वे और अंगद एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं. इसीलिए कोचिंग में ज्यादा परेशानी नहीं आती.

पिता और बेटे में क्रिकेट का जुनून- उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वह कोच के तौर पर उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाते रहें, लेकिन वह इस बात को भी नहीं भुलते कि उन्हें एक पिता की तरह उसका ख्याल भी रखना है. उन्होंने कहा कि वह भी ताउम्र क्रिकेट से जुड़े रहे हैं. क्रिकेट उनका भी जुनून रहा है और क्रिकेट अंगद का भी जुनून है. इसीलिए मैदान पर खेलते हुए उन्हें कोई परेशानी नहीं आती. दोनों एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं. इसलिए कोचिंग में कभी कोई दिक्कत नहीं आई.

युवराज सिंह से प्रभावित है अंगद- सुखविंदर सिंह बावा ने कहा कि अंगद पूर्व इंडियन क्रिकेटर युवराज सिंह से काफी प्रभावित है. इसीलिए वह भी युवराज सिंह की तरह बाएं हाथ से खेलता है जबकि वह लेफ्टी नहीं है. उसने एक बार युवराज सिंह की एक तस्वीर को देखा था और उस तस्वीर को देखकर ही उसने बाएं हाथ से बल्ला पकड़ना शुरू कर दिया और तभी से वह बाएं हाथ से ही खेल रहा है.

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अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन- आपको बता दें कि राज अंगद बावा ने हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप (India U 19 World Cup) में टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वर्ल्ड कप के कुल खेले गए 6 मैचों की 5 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 63 की औसत और 100.80 के स्ट्राइक रेट से अंगद ने 252 रन बनाए थे. बावा वर्ल्ड कप में भारत के दूसरे सफल बल्लेबाज रहे थे. वहीं गेंदबाजी में उन्होंने इतने ही मैचों में 16.16 की औसत से और 4.50 की इकोनॉमी के साथ कुल 9 विकेट झटके. इसके अलावा फाइनल मुकाबले में उन्होंने 35 रन बनाने के साथ साथ 5 विकेट भी झटके थे. जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था.

बता दें कि क्रिकेट के नए सितारे राज बावा का कनेक्शन हिमाचल (Raj Bawa connection to Himachal) के सिरमौर जिले से है. राज बावा का जन्म 2002 में सिरमौर के नाहन में हुआ था और उनका ननिहाल पांवटा साहिब में है, लेकिन जन्म के कुछ समय बाद ही राज के पिता सुखविंदर बावा पंजाब चले गए थे. राज बावा का अब यहां कोई घर नहीं है. राज बचपन से ही चंडीगढ़ में परिवार के साथ रहते हैं. ऐसे में वर्तमान में राज बावा का सिरमौर जिला से कोई नाता नहीं है.

ये भी पढ़ें- क्रिकेट के नए सितारे राज बावा का हिमाचल कनेक्शन, नाहन में जन्मे और पांवटा में ननिहाल

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शिमला/चंडीगढ़: युवा क्रिकेटर राज अंगद बावा (cricketer raj angad bawa) आज किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गया है. महज 19 साल की उम्र में अंगद कई उपलब्धियां अपने नाम कर चुका है. हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में राज अंगद बावा ने शानदार प्रदर्शन किया. अंगद खेल मैदान में जितनी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हैं, उतनी ही बेहतरीन गेंदबाजी भी करते हैं. ईटीवी भारत ने युवा खिलाड़ी के पिता और कभी सिक्सर किंग युवराज सिंह को कोचिंग देने वाले सुखविंदर सिंह बावा (coach sukhwinder singh bawa) से खास बातचीत की है.

आईपीएल नहीं, रणजी पर ज्यादा फोकस- ईटीवी भारत से बात करते हुए चंडीगढ़ क्रिकेट टीम (chandigarh cricket team) के कोच सुखविंदर सिंह बावा ने कहा कि अंडर-19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अंगद का चयन आईपीएल में हो गया है. पंजाब की टीम ने उसे 2 करोड़ में खरीदा है, लेकिन फिलहाल हमारा ध्यान आईपीएल की तरफ नहीं है. आईपीएल को शुरू होने में अभी करीब डेढ़ महीने का वक्त है. उसकी तैयारी बाद में की जाएगी. अंगद 17 फरवरी से शुरू हो रही रणजी ट्रॉफी में चंडीगढ़ की सीनियर टीम के साथ खेलेगा. इसलिए हमारा पूरा ध्यान घरेलू सीरीज में ही उसके बेहतर प्रदर्शन पर रहेगा.

बचपन में पंजाबी गानों पर डांस का था शौक- अंगद के पिता सुखविंदर सिंह बावा ने बताया कि बचपन में अंगद को क्रिकेट से कोई खास लगाव नहीं था. 10-11 साल की उम्र तक उसे सिर्फ पंजाबी गानों पर डांस करने का शौक था, लेकिन एक बार वह अंगद को धर्मशाला ले गए. जहां पर स्टेडियम में उन्होंने अंगद को एक क्रिकेट मैच दिखाया. इस मैच में वह एक टीम के कोच थे. उस मैच को देखने के बाद अंगद में क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी पैदा हुई और तब से अंगद ने क्रिकेट खेलना शुरू किया.

क्रिकेट कोच सुखविंदर सिंह बावा से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

पिता से ही अंगद को मिल रही कोचिंग- अंगद से जुड़ी खास बात यह भी है कि उनके पिता ही उनके कोच हैं. उनके पिता ही बचपन से उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाते आ रहे हैं. इन दोनों रिश्तो में एक बारी की लकीर होती है उन्हें अंगद का पिता की तरह ध्यान भी रखना होता है और कोर्ट की तरह यह भी देखना होता है इसकी कोचिंग में कोई कमी ना रहे. उन्होंने कहा कि वे और अंगद एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं. इसीलिए कोचिंग में ज्यादा परेशानी नहीं आती.

पिता और बेटे में क्रिकेट का जुनून- उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वह कोच के तौर पर उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाते रहें, लेकिन वह इस बात को भी नहीं भुलते कि उन्हें एक पिता की तरह उसका ख्याल भी रखना है. उन्होंने कहा कि वह भी ताउम्र क्रिकेट से जुड़े रहे हैं. क्रिकेट उनका भी जुनून रहा है और क्रिकेट अंगद का भी जुनून है. इसीलिए मैदान पर खेलते हुए उन्हें कोई परेशानी नहीं आती. दोनों एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझते हैं. इसलिए कोचिंग में कभी कोई दिक्कत नहीं आई.

युवराज सिंह से प्रभावित है अंगद- सुखविंदर सिंह बावा ने कहा कि अंगद पूर्व इंडियन क्रिकेटर युवराज सिंह से काफी प्रभावित है. इसीलिए वह भी युवराज सिंह की तरह बाएं हाथ से खेलता है जबकि वह लेफ्टी नहीं है. उसने एक बार युवराज सिंह की एक तस्वीर को देखा था और उस तस्वीर को देखकर ही उसने बाएं हाथ से बल्ला पकड़ना शुरू कर दिया और तभी से वह बाएं हाथ से ही खेल रहा है.

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अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन- आपको बता दें कि राज अंगद बावा ने हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप (India U 19 World Cup) में टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वर्ल्ड कप के कुल खेले गए 6 मैचों की 5 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 63 की औसत और 100.80 के स्ट्राइक रेट से अंगद ने 252 रन बनाए थे. बावा वर्ल्ड कप में भारत के दूसरे सफल बल्लेबाज रहे थे. वहीं गेंदबाजी में उन्होंने इतने ही मैचों में 16.16 की औसत से और 4.50 की इकोनॉमी के साथ कुल 9 विकेट झटके. इसके अलावा फाइनल मुकाबले में उन्होंने 35 रन बनाने के साथ साथ 5 विकेट भी झटके थे. जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था.

बता दें कि क्रिकेट के नए सितारे राज बावा का कनेक्शन हिमाचल (Raj Bawa connection to Himachal) के सिरमौर जिले से है. राज बावा का जन्म 2002 में सिरमौर के नाहन में हुआ था और उनका ननिहाल पांवटा साहिब में है, लेकिन जन्म के कुछ समय बाद ही राज के पिता सुखविंदर बावा पंजाब चले गए थे. राज बावा का अब यहां कोई घर नहीं है. राज बचपन से ही चंडीगढ़ में परिवार के साथ रहते हैं. ऐसे में वर्तमान में राज बावा का सिरमौर जिला से कोई नाता नहीं है.

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