किन्नौर: किन्नौर जिले के भावाघाटी के काफनू में रमेश व पंछोर हाइड्रो परियोजना (Panchor Hydro Project in Kinnaur) से निकाले गए स्थानीय कर्मचारी बीते 68 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन दो महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इन कर्मचारियों की सुध लेने न तो प्रशासन के अधिकारी आ रहे हैं न ही स्थानीय नेता. ऐसे में इन कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर बर्फ व कड़ाके के ठंड में आंदोलन को जारी रखा हुआ है.
संघर्ष यूनियन के अध्यक्ष रति राम ने कहा कि रमेश एवं पंछोर हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनी प्रोजेक्ट निर्माण के नाम पर जमीनों का तहस नहस करने के साथ ही वातावरण को नुकसान पहुंचा रही है. स्थानीय लोगों को रोजगार के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ कंपनी प्रबंधन सौतेला व्यवहार कर रही है. रोजगार से निकाले स्थानीय कर्मचारियों (Panchor Hydro Project employees Protest) द्वारा रोज आंदोलन किया जा रहा, लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है.
उन्होंने कहा कि लगातार 68 दिनों से आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को 9 महीने का वेतन नहीं दिया गया है और परियोजना प्रबंधन द्वारा नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को नौकरी पर भी वापस नहीं लिया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों के घर में खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों काफनू में डेढ़ फीट तक बर्फबारी हुई है. ऐसे में स्थानीय कर्मचारी ठंड (Snowfall in kinnaur) के अंदर भी परियोजना कार्यालय के बाहर धरना देकर परियोजना प्रबंधन से नौकरी के लिए मांग कर रहे हैं.
रति राम नेगी ने कहा कि यदि परियोजना प्रबंधन द्वारा 36 कर्मचारियों को नौकरी पर वापस नहीं लिया गया और 9 माह का वेतन नहीं दिया गया, तो सभी कर्मचारी जिला स्तर पर परियोजना प्रबंधन के खिलाफ उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. बता दें कि बीते दिनों प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी (Nigam Bhandari on Panchor hydro project) थी और जल्द कंपनी से कर्मचारियों को नौकरी पर वापस रखने की मांग उठाई थी.
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