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कोरोना ने तोड़ी निजी बस संचालकों की कमर, 150 बसें उठाकर ले गई फाइनेंस कंपनियां

हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर को कोरोना के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि कोरोना से निजी बस ऑपरेटर बेहद परेशान हैं. निजी बस ऑपरेटर के हालात यह हैं कि सभी ऑपरेटर कर्ज के तले दब चुके हैं.

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Published : Jun 7, 2021, 4:04 PM IST

शिमलाः कोरोना ने आम आदमी के साथ व्यापारियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना के सामने निजी व्यवसायों से जुड़े लोग घुटने टेकते नजर आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर भी कोरोना से बेहद परेशान हैं. साल 2020 में लगे लॉकडाउन से अब तक निजी बस संचालकों का काम पटरी से पर लौट नहीं सका है.

कोरोना की वजह से निजी बस ऑपरेटर परेशान
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय भी निजी बस संचालक बेहद परेशान हुए. बस सेवा शुरू होने के बाद भी रूट पर सवारियां न मिलने के कारण काम नहीं चल रहा था. इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में कर्फ्यू की वजह से निजी बस संचालकों का काम बंद हो गया. हालत यह है कि निजी बस संचालकों के लिए बैंक की किश्त और सरकार को टैक्स देना भी मुश्किल हो गया है.

कर्ज तले दब चुके हैं निजी बस ऑपरेटर
प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि कोरोना से निजी बस ऑपरेटर बेहद परेशान हैं. निजी बस ऑपरेटर के हालात यह हैं कि वह कर्ज के तले दब चुके हैं. इस समय ऑपरेटर के लिए किश्त चुकाना भी मुश्किल हो गया है. कोरोना ने निजी बस ऑपरेटर की कमर तोड़कर रख दी है.

150 बस उठा कर ले गयी फाइनेंस कंपनी
राजेश पराशर के मुताबिक प्रदेश भर में करीब 150 ऑपरेटर ऐसे हैं, जिनकी बस किश्त न चुका पाने की वजह से फाइनेंस कंपनी बस को उठाकर ले गई हैं. पराशर ने कहा कि कोरोना की वजह से कारोबार ठप हो गया है. ऐसे में निजी बस ऑपरेटर के लिए घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. इसके अलावा निजी बस ऑपरेटर के साथ जुड़े ड्राइवर-कंडक्टर के लिए भी रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है.

स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ करने की मांग
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राजेश पराशर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी बस संचालकों पर लगने वाला स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ किया जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना से निजी बस संचालकों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. ऐसे में प्रदेश सरकार अप्रैल 2020 से कोरोना काल तक का स्पेशल टैक्स माफ किया जाए.

प्रदेश में चलती हैं करीब 3500 निजी बसें
हिमाचल में करीब 3 हजार 500 निजी बसों का बेड़ा है. यह निजी बस चालक प्रदेश भर में लोगों को अपनी सेवाएं देते हैं. हालांकि निजी बस संचालकों की मांग पर प्रदेश सरकार ने किराए में भी बढ़ोतरी की, लेकिन अब बस सेवा बंद होने से निजी बस संचालक परेशान हैं.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल के सिरमौर में किंग कोबरा के बाद नन्हे भालू का रेस्क्यू, वीडियो वायरल

शिमलाः कोरोना ने आम आदमी के साथ व्यापारियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना के सामने निजी व्यवसायों से जुड़े लोग घुटने टेकते नजर आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर भी कोरोना से बेहद परेशान हैं. साल 2020 में लगे लॉकडाउन से अब तक निजी बस संचालकों का काम पटरी से पर लौट नहीं सका है.

कोरोना की वजह से निजी बस ऑपरेटर परेशान
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय भी निजी बस संचालक बेहद परेशान हुए. बस सेवा शुरू होने के बाद भी रूट पर सवारियां न मिलने के कारण काम नहीं चल रहा था. इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में कर्फ्यू की वजह से निजी बस संचालकों का काम बंद हो गया. हालत यह है कि निजी बस संचालकों के लिए बैंक की किश्त और सरकार को टैक्स देना भी मुश्किल हो गया है.

कर्ज तले दब चुके हैं निजी बस ऑपरेटर
प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि कोरोना से निजी बस ऑपरेटर बेहद परेशान हैं. निजी बस ऑपरेटर के हालात यह हैं कि वह कर्ज के तले दब चुके हैं. इस समय ऑपरेटर के लिए किश्त चुकाना भी मुश्किल हो गया है. कोरोना ने निजी बस ऑपरेटर की कमर तोड़कर रख दी है.

150 बस उठा कर ले गयी फाइनेंस कंपनी
राजेश पराशर के मुताबिक प्रदेश भर में करीब 150 ऑपरेटर ऐसे हैं, जिनकी बस किश्त न चुका पाने की वजह से फाइनेंस कंपनी बस को उठाकर ले गई हैं. पराशर ने कहा कि कोरोना की वजह से कारोबार ठप हो गया है. ऐसे में निजी बस ऑपरेटर के लिए घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. इसके अलावा निजी बस ऑपरेटर के साथ जुड़े ड्राइवर-कंडक्टर के लिए भी रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है.

स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ करने की मांग
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राजेश पराशर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि निजी बस संचालकों पर लगने वाला स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ किया जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना से निजी बस संचालकों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. ऐसे में प्रदेश सरकार अप्रैल 2020 से कोरोना काल तक का स्पेशल टैक्स माफ किया जाए.

प्रदेश में चलती हैं करीब 3500 निजी बसें
हिमाचल में करीब 3 हजार 500 निजी बसों का बेड़ा है. यह निजी बस चालक प्रदेश भर में लोगों को अपनी सेवाएं देते हैं. हालांकि निजी बस संचालकों की मांग पर प्रदेश सरकार ने किराए में भी बढ़ोतरी की, लेकिन अब बस सेवा बंद होने से निजी बस संचालक परेशान हैं.

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