शिमला: देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा (Param Vir Chakra winner Major Somnath Sharma) और करगिल हीरो परमवीर चक्र कैप्टन विक्रम बत्रा (Kargil Hero Captain Vikram Batra) की धरती कांगड़ा जिले में भारतीय सेना का शौर्य देखने को मिलेगा. कांगड़ा जिले के धर्मशाला में वॉर म्यूजियम (War Museum) पर्यटन का नया आकर्षण होगा. दिल्ली में वॉर मेमोरियल (war memorial) को देखने के लिए पर्यटन लालायित रहते हैं. धर्मशाला पर्यटन के मानचित्र पर पहले से ही विख्यात है. फिर ये परमवीर मेजर सोमनाथ शर्मा की पवित्र भूमि भी है. ऐसे में वॉर म्यूजियम के लिए धर्मशाला उपयुक्त है.
यहां तैयार हो रहा म्यूजियम जल्द ही पर्यटकों व आम जनता के लिए खोला जा सकता है. बड़ी बात ये है कि इस वॉर म्यूजियम में भारत में फील्ड मार्शल (field marshal) की उपाधि से अलंकृत जनरल मानेक शॉ (General Manek Shaw ) का म्यूरल भी स्थापित होगा. इसके अलावा परमवीर चक्र विजेताओं की शौर्य गाथा भी यहां नजर आएगी. म्यूजियम में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) और इंडियन नेवी (Indian Navy) के जहाजों के मॉडल भी होंगे.
नई पीढ़ी को अपनी मिट्टी के वीर सपूतों से प्रेरणा मिले, म्यूजियम में इसका खास ख्याल रखा गया है. तीन मंजिला वॉर म्यूजियम के निर्माण पर अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक की रकम खर्च हो चुकी है. म्यूजियम की तीन मंजिलों में भारतीय सेना के असाधारण शौर्य और श्रेष्ठता की कहानियां देखने को मिलेंगी. यहां कई प्रतिमाएं स्थापित होंगी. इनमें जनरल जोरावर सिंह (General Zorawar Singh) के अलावा देश के महान वीरों में शुमार 21 परमवीर चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी दर्शनीय होने वाली हैं. इसके अलावा हिमाचल के विक्टोरिया क्रॉस विजेता, अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं. यहां हिमाचली सैनिकों की तैनाती वाली रेजिमेंट्स के एनक्लोजर भी म्यूजियम में स्थापित किए जा रहे हैं.
इस युद्ध स्मारक में विभिन्न युद्धों को दर्शाया जाएगा. एक से बढक़र एक आकर्षण यहां होंगे. इनमें सेना से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं की ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रदर्शन की भी सुविधा रहेगी. इसके लिए 56 इंच की एलईडी स्क्रीन स्थापित है. हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ( Cabinet Minister Mahendra Singh), जिनके पास सैनिक कल्याण विभाग भी हैं, उनके अनुसार म्यूजियम को जल्द ही खोल दिया जाएगा. म्यूजियम का तीन मंजिला भवन बनकर तैयार है. मंत्री ने बताया कि पुरातन काल से आज तक की युद्ध की पद्धतियों को लोग बटन दबाकर सुन सकेंगे.
मंत्री ने कहा कि तीन मंजिलों के निर्माण पर 10 करोड़ 26 लाख खर्च हो चुके हैं. अब 75 लाख रुपए बाकी बचे हैं. कुछ धनराशि की राज्य सरकार से और भी मांग की गई है. यह मामला वित्त विभाग(finance department) से उठाया गया है. मंत्री ने कहा कि जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, शेष कार्य भी आरंभ कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस युद्ध संग्रहालय (War Museum) में 33 प्रकार के हथियार रखे जाएंगे. दो साल पूर्व यहां संग्रहालय में भारतीय थल सेना के विजयंत टैंक (Vijayant Tank) को भी स्थापित किया गया है. इसे पठानकोट से लाकर धर्मशाला में स्थापित किया गया. ये वॉर म्यूजियम धर्मशाला के लिए एक गौरव की बात तो है ही, देश-विदेश के सैलानियों के लिए भी नया आकर्षण होगा.
यहां बता दें कि हिमाचल की आम जनता और खासकर कांगड़ा के लोग इस म्यूजियम के औपचारिक रूप से खुलने का इंतजार कर रहे हैं. यहां बता दें कि कांगड़ा के लोग अपने सपूत परमवीर चक्र विजेताओं मेजर सोमनाथ शर्मा व कैप्टन विक्रम बत्रा के प्रति बेहद भावुक हैं. म्यूजियन के खुलने से यहां एक और आकर्षण होगा. मैक्लोडगंज (Mcleodganj) में दलाई लामा(Dalai Lama) का निवास और निर्वासित तिब्बती सरकार (Exiled Tibetan government) का मुख्यालय होने से देश और विदेश के सैलानी यहां आते हैं.
इसके अलावा यहां इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड (International Cricket Ground ) एक अन्य आकर्षण है. धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया का कहना है कि उन्होंने म्यूजियम को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया है. उम्मीद है कि इस साल के अंत में भारतीय सेना के शौर्य का गाथा कहने वाले इस संग्रहालय को सभी के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.
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