शिमला: प्रदेश की राजधानी शिमला में कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. राजधानी शिमला में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. उपनगर संजौली के इंजन घर वार्ड में एक बिल्डिंग से 47 मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. इंजन घर वार्ड को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है.
लोगों ने प्रशासन के फैसले पर उठाए सवाल
स्थानीय लोगों ने पार्षद आरती चौहान और प्रशासन के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. लोगों का कहना है कि एक बिल्डिंग में कोरोना केस सामने आए हैं लेकिन प्रशासन ने पूरा इंजन घर वार्ड ही सील कर दिया है. लोगों का कहना है प्रशासन और सरकार अपनी मनमानी कर रही है. एक जगह से मामले आए हैं लेकिन सील पूरा संजौली किया गया है.
प्रशासन के फैसले से लोग परेशान
स्थानीय लोगों का कहना है संजौली में एक तरफ दुकानें खुली है, तो दूसरी ओर दुकानें बंद है. दुकानदारों को फोन किया जा रहा है कि डीसी आ रहे हैं, इसलिए दुकानें बंद करें. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे ये फैसला लिया है लेकिन इसका खामियाजा यहां के लोगों को उठाना पड़ रहा है.
सड़कों पर पहले की तरह भीड़
लोगों ने कहा कि सड़कों पर भीड़ पहले की तरह है. ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने से कैसे रुकेगा. लोगों ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें घर में कोई जरूरत का सामान मुहैया नहीं करवाया है. कंटेनमेंट जोन होने के बावजूद लोग दूध, सब्जी बेच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन ने सही तरीके से कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया है.
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