शिमला: कोरोना के संकट के समय में कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं गरीब और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए आगे आई हैं लेकिन शिमला के विकासनगर में भी स्थानीय लोगों ने एक अलग ही मिसाल पेश की है.
यह लोग आपस में ही पैसे एकत्र कर विकास नगर के आसपास रहने वाले ऐसे गरीब और प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं जिनके पास इस संकट के समय में खाने के लिए खाना नहीं है.
यह तीसरी बार है कि स्थानीय लोगों ने मंगलवार को विकासनगर में प्रवासी मजदूरों को राशन बांटा. 100 के करीब प्रवासी मजदूरों को स्थानीय लोगों ने मंगलवार को राशन वितरित किया. स्थानीय लोगों ने गरीब और प्रवासी मजदूरों को आटा, चावल, दाल, नमक और आलू वितरित किए. वहीं, राशन वितरित करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह से स्थानीय लोग पालन कर रहे हैं.
वहीं, पुलिस प्रशासन भी इसमें स्थानीय लोगों की मदद कर रहा है. जितने भी लोग राशन लेने के लिए आए थे उन्हें लाइन में डेढ़ से 2 मीटर की दूरी में खड़ा किया गया. वहीं, सबके मुंह पर मास्क लगे हो यह भी सुनिश्चित किया गया जिससे कि कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ना हो.
जिस जगह पर राशन वितरित किया जा रहा था उस जगह को भी पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था और राशन वितरित करने के बाद भी उस स्थान को दोबारा से सेनिटाइज किया जा रहा है. स्थानीय निवासी बाल कृष्ण धौलटा ने बताया कि कोरोना के संकट के बीच में उन्होंने सबसे पहले दो ऐसी प्रवासी गर्भवती महिलाओं की राशन देकर मदद की थी जिन्हें 2 दिन से खाना नहीं मिल रहा था.
इसके बाद उन्होंने सोचा कि इस तरह के कितने और लोग होंगे जिन्हें कोरोना के संकट में खाना नहीं मिल पा रहा है. इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से ऐसे गरीब और प्रवासी मजदूरों को राशन वितरित करने की यह मुहिम शुरू की गई है.
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