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विंटर वेकेशन के बीच आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं

दिल्ली में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट और उन्हें जबरदस्ती संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने मार्चा खोल दिया है. आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने वीरवार को वार्डों, ऑपरेशन थियेटर व ओ.पी.डी. में काम करना (resident doctors strike in IGMC) बंद कर दिया. रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द इस मामले को नहीं सुलझाया जाता है तो आंदोलन तेज होगा.

resident doctors strike in IGMC
आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : Dec 30, 2021, 6:14 PM IST

शिमला: दिल्ली में डॉक्टरों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे संघर्ष को हिंसात्मक तरीके से दबाने की कोशिश, मारपीट और जबरदस्ती डॉक्टरों को संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आईजीएमसी में रैजिडेंट डॉक्टरों ने मार्चा खोल दिया है. आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने वीरवार दोपहर ठीक 12 बजे से वार्डों, ऑपरेशन थियेटर व ओ.पी.डी. में काम करना बंद किया. हालांकि इस दौरान सीनियर डॉक्टरों ने सेवाएं दीं. इस दौरान स्वास्थ्य सेवाएं चरमाराती हुई नजर आईं.

आईजीएमसी में 300 के आसपास रेजिडेंट डॉक्टर हैं, ऐसे में ज्यादातर जिम्मा इन्हीं डॉक्टरों पर रहता है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. माधव ने कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को (Resident Doctors Association himachal) अधिकार है कि वह अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रख सकता है, लेकिन इस तरह का बर्बरता पूर्ण रवैया दिल्ली पुलिस ने दिखाया और जबरदस्ती चिकित्सकों को वहां से उठाया गया. यहां तक की महिला चिकित्सकों के साथ भी दुर्व्यवहार और हिंसात्मक रवैया अपनाया गया.

उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर पी.जी. काउंसलिंग को जल्द से जल्द करवाने की मांग पिछले डेढ़ महीने से शांतिपूर्ण तरीके कर रहे हैं. इस काउंसलिंग से अगर नए विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पूरे देश में दाखिल होंगे तो उससे किसको फायदा होगा. जाहिर है कि फायदा जनता को होना है, क्योंकि इस समय पूरा देश करोना कि अगली लहर के कहर के साए में जी रहा है तो फिर यह मांग कैसे अनुचित है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द रेजिडेंट डॉक्टर्स जिन पर एफ.आई.आर. हुई है, उन्हें वापस लिया जाए. वहीं, डॉक्टरों के साथ मारपीट हुई है उसको लेकर भी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि वहां पर पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग (NEET PG Counselling) को जनता की भलाई में जल्द से जल्द करवाया जाए, ताकि महामारी के इस समय में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ पूरे देश के अंदर उपलब्ध हो सकें. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द इस मामले को नहीं सुलझाया जाता है तो आंदोलन तेज होगा. आईजीएमसी में पूरे दिन की हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं. सिर्फ आपातकालीन सेवाएं व कोविड सेवाएं जारी रहेंगी. इसको लेकर डॉक्टरों ने आईजीएमसी के प्रिंसिपल को भी ज्ञापन सौंपा है.

पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले हो चुकी है हड़ताल: आईजीएमसी में पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले भी हड़ताल हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर ने (Resident Doctors Association himachal) जब हड़ताल की तो उसके बाद हिमाचल सरकार ने पी.जी. काउंसलिंग को शुरू करवाया था. उस दौरान भी आईजीएमसी में काफी ज्यादा दिक्कतें सामने आई थी. अब फिर से रेजिडेंटस डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. आईजीएमसी में इन दिनों विंटर वेकेशन चला (IGMC Winter Vacation) हुआ है. ऐसे में आधे डाक्टर विंटर वेकेशन पर गए हुए हैं. आधा ही स्टाफ आईजीएमसी में सेवाएं दे रहा है. ऐसे में अब रेजिडेंट्स डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अब नाम मात्र डॉक्टर ही सेवाएं देंगे और स्वास्थ्य सुविधाएं काफी ज्यादा चरमराएंगी.

ये भी पढ़ें : Ranji Trophy 2022 : रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए हिमाचल क्रिकेट टीम तैयार, टीम के हेडकोच ने दी जानकारी

शिमला: दिल्ली में डॉक्टरों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे संघर्ष को हिंसात्मक तरीके से दबाने की कोशिश, मारपीट और जबरदस्ती डॉक्टरों को संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आईजीएमसी में रैजिडेंट डॉक्टरों ने मार्चा खोल दिया है. आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने वीरवार दोपहर ठीक 12 बजे से वार्डों, ऑपरेशन थियेटर व ओ.पी.डी. में काम करना बंद किया. हालांकि इस दौरान सीनियर डॉक्टरों ने सेवाएं दीं. इस दौरान स्वास्थ्य सेवाएं चरमाराती हुई नजर आईं.

आईजीएमसी में 300 के आसपास रेजिडेंट डॉक्टर हैं, ऐसे में ज्यादातर जिम्मा इन्हीं डॉक्टरों पर रहता है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. माधव ने कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को (Resident Doctors Association himachal) अधिकार है कि वह अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रख सकता है, लेकिन इस तरह का बर्बरता पूर्ण रवैया दिल्ली पुलिस ने दिखाया और जबरदस्ती चिकित्सकों को वहां से उठाया गया. यहां तक की महिला चिकित्सकों के साथ भी दुर्व्यवहार और हिंसात्मक रवैया अपनाया गया.

उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर पी.जी. काउंसलिंग को जल्द से जल्द करवाने की मांग पिछले डेढ़ महीने से शांतिपूर्ण तरीके कर रहे हैं. इस काउंसलिंग से अगर नए विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पूरे देश में दाखिल होंगे तो उससे किसको फायदा होगा. जाहिर है कि फायदा जनता को होना है, क्योंकि इस समय पूरा देश करोना कि अगली लहर के कहर के साए में जी रहा है तो फिर यह मांग कैसे अनुचित है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द रेजिडेंट डॉक्टर्स जिन पर एफ.आई.आर. हुई है, उन्हें वापस लिया जाए. वहीं, डॉक्टरों के साथ मारपीट हुई है उसको लेकर भी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि वहां पर पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग (NEET PG Counselling) को जनता की भलाई में जल्द से जल्द करवाया जाए, ताकि महामारी के इस समय में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ पूरे देश के अंदर उपलब्ध हो सकें. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द इस मामले को नहीं सुलझाया जाता है तो आंदोलन तेज होगा. आईजीएमसी में पूरे दिन की हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं. सिर्फ आपातकालीन सेवाएं व कोविड सेवाएं जारी रहेंगी. इसको लेकर डॉक्टरों ने आईजीएमसी के प्रिंसिपल को भी ज्ञापन सौंपा है.

पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले हो चुकी है हड़ताल: आईजीएमसी में पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले भी हड़ताल हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर ने (Resident Doctors Association himachal) जब हड़ताल की तो उसके बाद हिमाचल सरकार ने पी.जी. काउंसलिंग को शुरू करवाया था. उस दौरान भी आईजीएमसी में काफी ज्यादा दिक्कतें सामने आई थी. अब फिर से रेजिडेंटस डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. आईजीएमसी में इन दिनों विंटर वेकेशन चला (IGMC Winter Vacation) हुआ है. ऐसे में आधे डाक्टर विंटर वेकेशन पर गए हुए हैं. आधा ही स्टाफ आईजीएमसी में सेवाएं दे रहा है. ऐसे में अब रेजिडेंट्स डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अब नाम मात्र डॉक्टर ही सेवाएं देंगे और स्वास्थ्य सुविधाएं काफी ज्यादा चरमराएंगी.

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