शिमला: राजधानी शिमला में पानी की कमी (water problem in shimla) के कारण आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में शुक्रवार को पानी न होने ( water shortage in Deendayal Upadhyay Hospital) से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गईं. अस्पताल में सुबह पानी न आने से सरकारी लैब में टेस्ट तक नहीं हो पाए. अस्पताल में रोजाना सौ से अधिक टेस्ट होते हैं. टेस्ट न होने से मरीजों को निजी लैब का रूख करना पड़ा. अस्पताल के शौचालयों में भी गंदगी फैली हुई थी. अस्पताल में दोपहर तक पानी नहीं आया था.
वहीं, नगर निगम की ओर से पानी का टैंकर भेजने के बाद अस्पताल में काम शुरू हो सका. पानी का टैंकर पहुंचने तक अस्पताल में टेस्ट करने का समय खत्म हो गया था. अस्पताल में रोजाना 11 बजे तक ही रुटीन टेस्ट होते हैं. इसलिए टेस्ट करवाने के लिए आए हर मरीज को निजी लैब जाना पड़ा, या फिर टेस्ट करवाने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ा. मेडिसिन, ऑर्थो, बालरोग, गायनी समेत अन्य ओपीडी में जांच के बाद डॉक्टर मरीजों को थायराइड, लीवर, किडनी, शुगर और यूरिन के टेस्ट लिखते रहे हैं. मरीजों को ओपीडी से टेस्ट लिख रहा थे, लेकिन पानी की कमी के चलते टेस्ट नहीं हो पा रहे थे. लैब के कर्मचारियों ने तर्क दिया कि पानी की कमी के कारण मशीन ने काम करना बंद कर दिया था.
निगम ने भेजा पानी का टैंकर: मरीजों को परेशानी पेश न आए इसलिए प्रशासन ने इस समस्या को निगम के समक्ष उठाया. जिसके बाद निगम ने पानी का टैंकर भेजा और पानी की सप्लाई को दोबारा से जल प्रबंधन के माध्यम से खुलवाया गया. इसके बाद अस्पताल में मरीजों को राहत मिली. सबसे ज्यादा राहत अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिली, उन्हें पानी की कमी के चलते पीने के लिए भी पानी खरीदना पड़ा.
इस वजह से पानी हुआ खत्म: अस्पताल के एमएस डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि शौचालय में किसी ने नलका खुला छोड़ दिया था. इस कारण पानी खत्म हो गया. मरीजों को समस्या पेश न आए, इसलिए पहले टैंकर और फिर बाद में सप्लाई मंगवाई गई. उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए अस्पताल प्रशासन पूरी सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने मरीजों से भी सहयोग की अपील की है.
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