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कोरोना वायरस से घबराए हुए अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते हैं स्कूल: शिक्षा विभाग

छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार स्कूलों को खोलने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं, लेकिन अभिभावक अभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

due to corona virus parents not in favor of opening school : education department
कोरोना वायरस से घबराए हुए अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते हैं स्कूल- शिक्षा विभाग
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Published : Jun 4, 2020, 10:47 PM IST

शिमलाः प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से स्कूल मार्च माह से बंद है. छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार स्कूलों को खोलने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं, लेकिन अभिभावक अभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

अभिभावक वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर घबराए हुए हैं और अपने बच्चों को लेकर बेहद चिंतित हैं. यहीं वजह है कि उन्होंने शिक्षा विभाग को भी यही सुझाव दिया है कि अभी स्कूल ना खोले जाएं. अगर बच्चे स्कूल जाते हैं तो वहां कोरोना वायरस फैलने का खतरा बना रहेगा. ऐसे में सही यहीं होगा कि शिक्षा विभाग की ओर से अभी स्कूल ना खोले जाएं.

गुरुवार को शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से प्रदेश के अभिभावकों से स्कूल खोलने को लेकर राय जाने को लेकर की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अभिभावकों ने कहा कि वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. उन्होंने शिक्षा विभाग को यह भी सुझाव दिया है कि अगर विभाग स्कूल खोलना चाहता है तो सबसे पहले बोर्ड की कक्षाओं को शुरू करना चाहिए.

पहले चरण में बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को स्कूल में बुलाना चाहिए. अभिभावकों ने यह भी माना कि जब स्कूल बंद है तो ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से जो पढ़ाई करवाई जा रही है वह कारगर साबित हो रही है. उनके बच्चे ऑनलाइन ही घर से पढ़ पा रहे हैं तो, ऐसे में सरकार स्कूलों को खोलने की जल्दबाजी ना दिखाएं और बच्चों के पढ़ाई को इसी तरह ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही जारी रखा जाए.

इससे बच्चे भी घर सुरक्षित रहेंगे और उनकी पढ़ाई का भी नुकसान नहीं होगा. अभिभावकों के इन सुझाव स्पष्ट हो गया है कि अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई का कांसेप्ट पसंद आ रहा हैं और उन्हें इस बात की भी तसल्ली हो रही है कि घर पर उनके बच्चे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं.

शिक्षा विभाग की ओर से जो सुझाव दिए गए हैं उन सुझावों को विभाग ने रिकॉर्ड कर लिया है. वहीं, लिखित में भी अब सुझाव स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से मांगे गए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से करवाई गई इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला उप निदेशकों ने भी भाग लिया. विभाग ने इस दौरान स्कूल खोलने पर उन्हें किस तरह से सेनिटाइज किया जाएगा. इसका प्लान भी बताया गया. वहीं, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने उप निदेशकों को निर्देश जारी किए कि सभी स्कूलों को खोलने से पहले सेनिटाइज किया जाए, ऐसे में प्रदेश के सभी 18 हजार सरकारी स्कूलों को सेनिटाइज करने के बाद ही शुरू किया जाएगा.

बता दें कि सरकार की ओर से 15 जून तक स्कूलों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है. अब इसे आगे 30 जून तक बढ़ाया जा सकता है. वही, जुलाई माह में भी स्कूल तभी खोले जाएंगे अगर प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति सामान्य होती है. अब जब अभिभावक भी स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं है तो हो सकता है कि सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के फैसले को आगे बढ़ा दें.

शिमलाः प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से स्कूल मार्च माह से बंद है. छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार स्कूलों को खोलने के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं, लेकिन अभिभावक अभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

अभिभावक वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर घबराए हुए हैं और अपने बच्चों को लेकर बेहद चिंतित हैं. यहीं वजह है कि उन्होंने शिक्षा विभाग को भी यही सुझाव दिया है कि अभी स्कूल ना खोले जाएं. अगर बच्चे स्कूल जाते हैं तो वहां कोरोना वायरस फैलने का खतरा बना रहेगा. ऐसे में सही यहीं होगा कि शिक्षा विभाग की ओर से अभी स्कूल ना खोले जाएं.

गुरुवार को शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से प्रदेश के अभिभावकों से स्कूल खोलने को लेकर राय जाने को लेकर की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अभिभावकों ने कहा कि वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. उन्होंने शिक्षा विभाग को यह भी सुझाव दिया है कि अगर विभाग स्कूल खोलना चाहता है तो सबसे पहले बोर्ड की कक्षाओं को शुरू करना चाहिए.

पहले चरण में बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को स्कूल में बुलाना चाहिए. अभिभावकों ने यह भी माना कि जब स्कूल बंद है तो ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से जो पढ़ाई करवाई जा रही है वह कारगर साबित हो रही है. उनके बच्चे ऑनलाइन ही घर से पढ़ पा रहे हैं तो, ऐसे में सरकार स्कूलों को खोलने की जल्दबाजी ना दिखाएं और बच्चों के पढ़ाई को इसी तरह ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही जारी रखा जाए.

इससे बच्चे भी घर सुरक्षित रहेंगे और उनकी पढ़ाई का भी नुकसान नहीं होगा. अभिभावकों के इन सुझाव स्पष्ट हो गया है कि अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई का कांसेप्ट पसंद आ रहा हैं और उन्हें इस बात की भी तसल्ली हो रही है कि घर पर उनके बच्चे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं.

शिक्षा विभाग की ओर से जो सुझाव दिए गए हैं उन सुझावों को विभाग ने रिकॉर्ड कर लिया है. वहीं, लिखित में भी अब सुझाव स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से मांगे गए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से करवाई गई इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला उप निदेशकों ने भी भाग लिया. विभाग ने इस दौरान स्कूल खोलने पर उन्हें किस तरह से सेनिटाइज किया जाएगा. इसका प्लान भी बताया गया. वहीं, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने उप निदेशकों को निर्देश जारी किए कि सभी स्कूलों को खोलने से पहले सेनिटाइज किया जाए, ऐसे में प्रदेश के सभी 18 हजार सरकारी स्कूलों को सेनिटाइज करने के बाद ही शुरू किया जाएगा.

बता दें कि सरकार की ओर से 15 जून तक स्कूलों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है. अब इसे आगे 30 जून तक बढ़ाया जा सकता है. वही, जुलाई माह में भी स्कूल तभी खोले जाएंगे अगर प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति सामान्य होती है. अब जब अभिभावक भी स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं है तो हो सकता है कि सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के फैसले को आगे बढ़ा दें.

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