किन्नौर: जनजातीय क्षेत्र जिला किन्नौर में प्राकृतिक एवं जैविक सेब की खेती बागवानों के लिए वरदान साबित हो रही है. प्राकृतिक और जैविक खेती की विधि द्वारा जहां सेब में गुणवत्ता एवं उत्पादन बढ़ रहा है. वहीं, उत्पादन की लागत में भी कमी आ रही है.
ऑर्गेनिक फार्मिंग लिप्पा के ग्रुप लीडर डॉ. अजीत नेगी ने कहा कि प्राकृतिक एवं जैविक खेती हर किसान और बागवान को करनी चाहिए. जिला किन्नौर के लिप्पा गांव से संबंध रखने वाले डॉ. अजीत नेगी ने कहा कि वह वर्ष 2017 से प्राकृतिक एवं जैविक सेब की खेती कर रहे हैं और इससे उनको अधिक आर्थिक लाभ भी मिल रहा है.
डॉ. अजीत नेगी ने कहा कि बाहरी राज्यों को रसायनमुक्त सेब एवं खाद्य पदार्थ मुहैया करवाने के लिए उन्होंने अपने गांव लिप्पा में किसानों को प्राकृतिक और जैविक तकनीक से खाद्य पदार्थ और मुख्य फसल सेब को जहर मुक्त उत्पन्न करने के लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस तकनीक को अपनाने में किसान बागवान साथियों की मदद करने के साथ साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करते हैं.
ऑर्गेनिक फार्मिंग लिप्पा के ग्रुप लीडर डॉ. अजीत नेगी की मेहनत उस समय रंग लाई जब उनकी लीडरशिप में 7 किसानों का सेब जहर मुक्त टेस्ट के लिए फूड एनालाईसिस एंड रिसर्च लैबोरेट्री गुरुग्राम हरियाणा भेजा गया. वहां इन सभी 7 बागवानों का सेब जहर मुक्त पाया गया. डॉ. अजीत नेगी के नेतृत्व में हर वर्ष सामूहिक जागरूकता शिविर का आयोजन अपने ग्रुप ऑर्गेनिक फार्मिंग लिप्पा द्वारा किया जा रहा है और इससे बागवानों को लाभ भी मिल रहा है.