शिमला: चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के मुद्दे पर गहमागहमी बढ़ गई है. न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन ने राज्य में ओपीएस की बहाली को लेकर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है. मानसून सत्र के दौरान एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने 13 अगस्त को विधानसभा घेराव की कॉल दी हुई है. राज्य विधानसभा का मानसून सत्र दस अगस्त से शुरू हो रहा है. सत्र के पहले ही दिन कैबिनेट की मीटिंग भी रखी गई है. उससे पहले जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ओपीएस को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचेगी.
हालांकि सीएम जयराम ठाकुर निरंतर ये संकेत दे रहे हैं कि ओपीएस की बहाली कोई आसान काम नहीं है. वे राजस्थान का उदाहरण दे रहे हैं, जहां अशोक गहलोत सरकार ने ओपीएस लागू करने का ऐलान तो कर दिया, परंतु अब वे केंद्र सरकार से मदद का आग्रह कर रहे हैं. इधर, सीएम जयराम ठाकुर भी कह रहे हैं कि कर्मचारियों को अपनी मांग रखने का हक है, लेकिन उस मांग को पूरा कैसे किया जाए, इसके लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार करना जरूरी है.
हिमाचल सरकार ने राज्य में ओपीएस की बहाली की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी बनाई हुई है. मुख्य सचिव आरडी धीमान की अगुवाई वाली इस हाईापावर कमेटी में कई प्रतिनिधि शामिल हैं. इस कमेटी की बैठक विधानसभा सेशन से पहले आठ अगस्त को बुलाई गई है. मुख्य सचिव आरडी धीमान इस बैठक में ओपीएस पर सभी की राय लेंगे.
उल्लेखनीय है कि न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (NPS Employees Federation Himachal) ने 13 अगस्त तक ओपीएस लागू करने का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा न करने की सूरत में 13 अगस्त को विधानसभा घेराव होगा. वहीं, राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी में कुछ और प्रतिनिधि भी शामिल किए हैं. कर्मचारी संगठनों में अब कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्विनी ठाकुर, राजेश शर्मा सहित एनपीएस एसोसिएशन के मुखिया प्रदीप ठाकुर, भरत शर्मा भी शामिल किए गए हैं.
वहीं, न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (New Pension Scheme Employees Federation) की मांग कर सरकार ने डीसी मंडी अरिंदम चौधरी को भी कमेटी में शामिल किया गया है. कमेटी के मुखिया और राज्य सरकार के मुख्य सचिव आरडी धीमान ओपीएस को लेकर कमेटी की सिफारिशें सरकार को सौंपेंगे. राज्य सरकार इस मामले में अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं लेगी. केंद्र सरकार की अनुमति के बिना हिमाचल सरकार इस मामले में कर्मचारियों को कोई भरोसा भी नहीं देगी, अलबत्ता हिमाचल में ओपीएस लागू करने की क्या संभावनाएं हैं और इससे सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा, इस पर कमेटी में जरूर मंथन होगा.
वहीं, कांग्रेस (Congress promises old pension scheme) ने सत्ता में आने पर हर हाल में ओपीएस लागू करने का वादा किया है. कांग्रेस के सभी नेता हर मंच से इस वादे को दोहरा रहे हैं. फिलहाल, अब सभी की नजरें इस मामले में आठ अगस्त की मीटिंग पर टिकी हैं.
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