शिमला: प्रदेश के गैर-शिक्षक संघ शिक्षा निदेशालय इकाई व संयुक्त कर्मचारी मोर्चे के बीच ठन गई है. गैर शिक्षक संघ ने संयुक्त कर्मचारी मोर्चे के गठन पर सवाल खड़े किए हैं और इसे गैर संवैधानिक बताया है. संघ ने कर्मचारियों को किसी भ्रम में न आने की बात कही है.
हिमाचल प्रदेश गैर शिक्षक संघ शिक्षा निदेशालय इकाई के महासचिव देवेंद्र चौहान ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक तरीके से एनजीओ फेडरेशन का गठन हुआ है. जिसके अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर कर्मचारियों की मांगों को लगातार उठा रहे हैं. ऐसे में कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी किसी के बहकावे में न आएं. संयुक्त कर्मचारी मोर्चा पैसे ऐंठने का काम कर रहा है. कुछ लोग अपनी नेतागिरी चमकाने के चक्कर में हैं उनको कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है.
वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं का हल किया है. कॉन्ट्रैक्ट 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष किया गया. 31 प्रतिशत कर्मचारियों व अधिकारियों को समान डीए की घोषणा की. 6वें वेतन आयोग देकर कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा गया है. जिन्हें इससे लाभ नहीं हुआ. उनकी समस्याओं को सुना.
देवेंद्र चौहान ने कहा कि राइडर की समस्या बहुत बड़ी समस्या है इसको हटाने के लिए कर्मचारियों लगातार मांग कर रही है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए किसी सरकार ने कोई नीति अब तक नहीं बनाई है. उन्होंने सरकार से शीघ्र इनके लिए ठोस नीति बनाने की मांग की है.
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