शिमला: हिमाचल में नए मुख्य सूचना आयुक्त के नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिए हाइकोप पावर कमेटी की बैठक 25 जून को होगी. यह बैठक राज्य अतिथि गृह में होगी. बैठक में नेता प्रतिपक्ष भी शामिल होंगे. हाई पावर कमेटी में मुख्यमंत्री के अलावा एक सीनियर कैबिनेट मंत्री भी हाई पावर कमेटी का हिस्सा होते हैं. हिमाचल में नरेंद्र चौहान मुख्य सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इस पद के लिए राज्य सरकार के पास 40 से अधिक आवेदन आए हैं. अब 25 जून को नए सीआईसी के नाम पर मुहर लग सकती है.
इस हॉट चेयर के लिए राज्य सरकार के पास चालीस से अधिक आवेदन आए हैं. मौजूदा सीआईसी नरेंद्र चौहान 20 जून को सेवानिवृत्त हो गए हैं. इस पद के लिए आवेदन को लेकर सोमवार 6 जून आखिरी तारीख थी. प्रशासनिक सुधार विभाग के पास पचास से अधिक आवेदन आए हैं. इनमें प्रमुख रूप से सीनियर आईएएस अफसर आरडी धीमान, पूर्व आईएएस अफसर एसएस गुलेरिया, जेसी शर्मा, गोपाल शर्मा, प्रोफेसर कमलजीत सिंह का नाम शामिल है. बताया जा रहा है कि पूर्व आईएएस अफसर मनीषा नंदा ने भी इस पद के लिए आवेदन किया है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं है. सचिव प्रशासनिक सुधार कार्यालय से इच्छुक दावेदारों के नाम डिस्क्लोज नहीं किए हैं. लेकिन ये जरूर है कि कुछ सीनियर आईएएस अफसरों ने गुपचुप सीएम जयराम ठाकुर से मिलकर इस पद के लिए अपनी इच्छा जताई है. पूर्व में भी ऐसा हो चुका है.
वीरभद्र सिंह सरकार के समय एसीएस रैंक के अफसर नरेंद्र चौहान ने आवेदन किया था. तब चयन होने पर उन्होंने एसीएस की कुर्सी छोड़ दी थी. मौजूदा जयराम सरकार के समय में भी इन सर्विस आईएएस अफसर इस कुर्सी पर बैठना चाहते हैं. रिटायर आईएएस अफसरों सहित इन सर्विस आईएएस अफसरों ने भी सीएम जयराम ठाकुर से मिलकर सीआईसी के पद के लिए इच्छा जताई है. रेस में सीनियर आईएएस अफसर आरडी धीमान आगे हैं. इसके अलावा सूचना आयुक्त कार्यालय में सदस्य का पद भी खाली है. उसके लिए भी सरकार के पास करीब अठारह आवेदन आए हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार समय पर सीआईसी का चयन कर लेती है या फिर वीरभद्र सिंह सरकार की तरह मामले को टालती है. सरकार की मंशा फिलहाल ये है कि इस प्रक्रिया में विपक्ष के साथ सहमति हो जाए तथा आम राय से किसी एक का नाम फाइनल कर दिया जाए.
उल्लेखनीय है कि सीआईसी का चयन एक कमेटी करती है. इस कमेटी में नेता प्रतिपक्ष भी शामिल होते हैं. पूर्व आईएएस अफसर व अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अफसर नरेंद्र चौहान ने जून 2017 में ये पद संभाला था. सीआईसी का कार्यकाल तीन साल होता है. ये पद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर सुविधाओं वाला होता है. चूंकि इस पद पर तीन साल का कार्यकाल होता है, लिहाजा सभी अफसर इस कुर्सी के लिए इच्छा रखते हैं.
नरेंद्र चौहान से पहले आईएएस अफसर भीमसेन सीआईसी थे. वे मार्च 2016 को रिटायर हुए थे. उनके रिटायर होने के सवा साल तक ये पद खाली रहा. बाद में सरकार व विपक्ष के बीच खींचतान के कारण सवा साल तक ये कुर्सी नहीं भरी जा सकी. तब प्रेम कुमार धूमल नेता प्रतिपक्ष थे. वीरभद्र सिंह सरकार के समय हालांकि प्रेम कुमार धूमल चयन कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने नरेंद्र चौहान के नाम पर सहमति दी थी. चयन कमेटी में सीएम, नेता प्रतिपक्ष और कैबिनेट में सीनियर मोस्ट मंत्री शामिल होते हैं.
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