शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय विधिक अध्ययन संस्थान (University of Legal Studies) में राष्ट्रीय संगोष्ठी (national seminar) का आयोजन किया गया. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक सिंह (Himachal High Court Judge Vivek Singh Thakur) ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. संगोष्ठी में पर्यावरण कानून एवं अधिकार (Environmental Laws and Rights) विषय पर चर्चा हुई.
न्यायधीश विवेक सिंह ठाकुर (Justice Vivek Singh Thakur) ने अपने वक्तव्य में भारत के पारंपरिक वातावरण संबंधित व्यवस्था के बारे में विद्यार्थियों के साथ चर्चा की. उन्होंने भारतीय संस्कृति (bhaarateey sanskrti) Indian tradition) में पर्यावरण के संरक्षण ( Environment protection in Indian culture) की भूमिका का विश्व में सर्वोच्च स्थान बताया. इस दौरान न्यायाधीश के संबोधन के दौरान विद्यार्थी उत्साहित नजर आए. पत्रकारों से बातचीत के दौरान न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि कानून समाज में बदलाव लाने के लिए सहायक के रूप में काम करता है. उन्होंने कहा कि कानून रोधात्मक कार्रवाई के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की संगोष्ठी से कई बातें सामने निकल कर आती हैं, जिससे समाज में बदलाव आता है. वहीं, कुलपति निष्ठा जसवाल (Vice Chancellor Nishtha Jaswal) ने आधुनिक युग में अधिकारों के साथ पर्यावरण के प्रति युवाओं को कर्तव्यों का वहन करने पर जोर दिया. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के दिए गए दिशा-निर्देशों को अपने व्याख्यान में विशेष रूप से शामिल किया. इस मौके पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभागियों के लिखे गए शोध पत्रों (research papers) का पुस्तक के रूप में विमोचन भी किया गया.
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