शिमला: कोरोना संकट काल मे शिमला शहर में नगर निगम ने भारी भरकम पानी बिल जारी किया है. नगर निगम के लगाए प्रॉपर्टी टैक्स ओर कूड़ा शुल्क के खिलाफ नागरिक सभा ने मोर्चा खोल दिया है.
नागरिक सभा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और बिलों को माफ करने की मांग की है. नागरिक सभा का आरोप है कि कोरोना के चलते पहले ही लोगों के पास रोजगार नहीं है. ऐसे में निगम ने लोगों को भारी भरकम बिल थमा दिए है जबकि ऐसे समय मे निगम को शहरवासियों को राहत देते हुए बिल को माफ करना चाहिए था.
नागरिक सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते कारोबार पूरी तरह ठप हो चुका है. लोग बेरोजगार हो चुके है. रेहड़ी फड़ी ओर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग 100 दिन से कुछ नहीं कमा पा रहे है. मुख्यमंत्री राहत कोष और सीएम केयर फंड से लोगों को कोई मदद नहीं मिल पाई है. वहीं, नगर निगम ने भी शहर के लोगों को कोई राहत नहीं दी है. इस संकट काल में नगर निगम ने लोगों की मदद करने के बजाय निगम ने भारी भरकम पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स के बिल थमा दिए है.
लोगों के पास पहले ही रोजगार नहीं है. वहीं, इस बिल ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निगम को पहले भी तीन महीने के बिल माफ करवाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन कोई राहत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि अब नागरिक सभा उग्र आंदोलन शुरू करेगी.
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