शिमला: देश के अन्य राज्यों के मुकाबले देवभूमि के बेहतर हेल्थ नेटवर्क के साथ-साथ स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने में हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. प्रदेश में वर्तमान समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पांच योजनाएं चल रही हैं. जिनमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 4.79 परिवार कवर किए जा चुके हैं. इस योजना के तहत प्रत्येक गोल्डन कार्ड पर 5 लाख तक नि:शुल्क इलाज करवाया जा सकता है.
इसके अलावा प्रदेश में हिम केयर स्वास्थ्य योजना के तहत भी 5.5 लाख परिवार के स्वास्थ्य कार्ड बने हैं जो परिवार आयुष्मान भारत योजना के दायरे से बाहर रह जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने यह योजना शुरू की है. इन दोनों योजनाओं के तहत प्रदेश के 89 प्रतिशत प्रदेशवासी लाभ उठा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना प्लस के तहत प्रदेश में 4.83 लाख परिवार पंजीकृत हैं. वहीं, मुख्यमंत्री स्टेट हेल्थ केयर स्कीम के तहत भी 1.05 लाख पंजीकृत हैं. प्रदेश सरकार द्वारा शुरू एचपी यूनिवर्स हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत भी 5 लाख परिवार पंजीकृत हैं.
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 14 अप्रैल 2018 को की गई थी. यह योजना 25 सितंबर 2018 को पूरे देश में लागू कर दी गयी है. योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार देश के गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा की सहायता प्रदान कर रही है. वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 62 निजी अस्पताल हैं. लाभार्थी पूरे भारत में अन्य राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पंजीकृत अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं. देश में इस योजना के तहत 23000 से अधिक सरकारी व निजी अस्पताल पंजीकृत हैं.
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि ये योजना यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढ़ावा देने में मददगार है. आयुष्मान भारत के अन्तर्गत नि:शुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे केयर सर्जरीज भी शामिल हैं. प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि लोगों को और अधिक जागरूक करने के लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग की सहायता से पंचायत सूमह के आधार पर राज्य में नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए.
योजना से संबंधित जानकारी देने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को शामिल किया गया है और प्रत्येक पंचायत की ग्राम सभा में चर्चा की जाती है. लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण कैंप लगाए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. आशा वर्कर्स के माध्यम से भी लोगों को इस योजना के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करना निरन्तर प्रक्रिया है और पात्र परिवार नजदीकी लोक मित्र केंद्र में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं. उन्होने लाभार्थी परिवारों से आग्रह किया है कि तुरंत गोल्डन कार्ड बनवा लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर पांच लाख रुपए तक नि:शुल्क चिकित्सा का लाभ लिया जा सके. उन्होंने कहा कि देवभूमि में तीन हजार लोगों पर एक स्वास्थ्य संस्थान है और हिमाचल 2700 रुपए से अधिक प्रति व्यक्ति पर खर्च करता है. हिमाचल में फील्ड में 2286 मेडिकल ऑफिसर यानी एमबीबीएस डॉक्टर हैं. इसके अलावा फील्ड में 220 के करीब पीजी डॉक्टर्स हैं. वहीं, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एक हजार से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर्स हैं.