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प्रदेश में तेजी से फैल रहा साइबर अपराध! 3 महीने में 700 से अधिक शिकायतें दर्ज - सावधानी ही है बचाव का तरीका

हिमाचल में तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहा है. पिछले तीन महीने में 700 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. इनमें 375 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित हैं. ठग लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

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Published : Apr 3, 2021, 10:21 PM IST

शिमला: प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से फैलता जा रहा है. साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपना ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. अलग-अलग तरीके से साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल अब तक 700 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. ज्यादातर शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित है. पिछले साल 2020 में भी 1200 शिकायतें मिली थी.

375 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित

पिछले तीन महीने में 700 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. इनमें 375 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित हैं. ठग लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. शातिर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं. बैंक, आरबीआई, इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी बनकर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, आधार और पैन कार्ड की डिटेल लेकर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं.

साइबर अपराध
साइबर अपराध

बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा ना करें

बैंक खाते से जुड़ी ठगी के लिए साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी जरूरी जानकारियों के ही सहारे होते हैं. कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता इसलिए आप अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. फ्रॉड कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि पुलिस उस ठग तक पहुंच सके और भविष्य में वो किसी और के साथ ठगी ना कर सके.

साइबर अपराध
साइबर अपराध

साइबर क्राइम के मामलों में इजाफा

साइबर पुलिस का साफ कहना है कि अगर किसी के साथ इस तरह की कोई घटना होती है तो तुरंत बैंक और पुलिस में शिकायत करें. एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर का कहना है कि डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर क्राइम के मामलों में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. हालांकि इसे रोकने लिए सरकार कदम भी उठा रही है, लेकिन हमें स्वयं भी जागरूक होना पड़ेगा.

सावधानी ही है बचाव का तरीका

सावधानी से ही साइबर क्राइम से बचा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें. अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें. सबसे ज्यादा अपराध इसी वजह से होते हैं.

इसके साथ ही यह ध्यान रखें कि ऑनलाइन खरीददारी अच्छे प्लेटफॉर्म से ही करें. अज्ञात नंबर से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक करने से बचें. पैसे ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न एप के लालच में न पड़ें. अन्यथा आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: हत्या का आरोपी IGMC से फरार, मचा हड़कंप

शिमला: प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से फैलता जा रहा है. साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपना ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. अलग-अलग तरीके से साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल अब तक 700 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. ज्यादातर शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित है. पिछले साल 2020 में भी 1200 शिकायतें मिली थी.

375 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित

पिछले तीन महीने में 700 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. इनमें 375 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित हैं. ठग लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. शातिर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं. बैंक, आरबीआई, इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी बनकर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, आधार और पैन कार्ड की डिटेल लेकर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं.

साइबर अपराध
साइबर अपराध

बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा ना करें

बैंक खाते से जुड़ी ठगी के लिए साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी जरूरी जानकारियों के ही सहारे होते हैं. कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता इसलिए आप अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. फ्रॉड कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि पुलिस उस ठग तक पहुंच सके और भविष्य में वो किसी और के साथ ठगी ना कर सके.

साइबर अपराध
साइबर अपराध

साइबर क्राइम के मामलों में इजाफा

साइबर पुलिस का साफ कहना है कि अगर किसी के साथ इस तरह की कोई घटना होती है तो तुरंत बैंक और पुलिस में शिकायत करें. एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर का कहना है कि डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर क्राइम के मामलों में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. हालांकि इसे रोकने लिए सरकार कदम भी उठा रही है, लेकिन हमें स्वयं भी जागरूक होना पड़ेगा.

सावधानी ही है बचाव का तरीका

सावधानी से ही साइबर क्राइम से बचा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें. अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें. सबसे ज्यादा अपराध इसी वजह से होते हैं.

इसके साथ ही यह ध्यान रखें कि ऑनलाइन खरीददारी अच्छे प्लेटफॉर्म से ही करें. अज्ञात नंबर से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक करने से बचें. पैसे ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न एप के लालच में न पड़ें. अन्यथा आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.

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