किन्नौर: जिला किन्नौर में FRA यानी फॉरेस्ट राइट एक्ट (fra act in kinnaur) के तहत मिलने वाली भूमि को लेकर किन्नौर की राजनीति गर्म होने लगी है ओर विधायक किन्नौर द्वारा जिले के अधिकारियों व प्रदेश सरकार पर जिले में फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006 के तहत मिलने वाली भूमि को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया जा रहा है.
विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिले के अंदर फॉरेस्ट राइट एक्ट कानून कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू हुआ, जिसके बाद लगातार लोगो को FRA के तहत मिलने वाली भूमि की प्रक्रिया शुरू की गयी. लेकिन आज प्रदेश सरकार व प्रशासन जिले में लोगों को FRA पर गुमराह करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जिले में हाल ही में 5 लोगों को FRA के तहत भूमि के पट्टे दिए जाने की बात सामने आई है जो सरासर गलत है. जबकि उन 5 लोगों को बंदोबस्ती कब्जे के तहत भूमि के पट्टे दिए गए हैं न कि FRA के तहत भूमि के पट्टे दिए गए हैं. लेकिन प्रशासन व सरकार लोगों को FRA के तहत 5 लोगों को भूमि के पट्टे दिए जाने का दावा कर रही है, जो सरासर गलत है.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिले के अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर सिंगल लाइन एडमिनिस्ट्रेशन का दुरुपयोग कर रहे हैं. जिले में मनमर्जी से काम कर रहे हैं, जो जनता के हित के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी यदि जनता की बात नहीं सुनते हैं तो ऐसे अधिकारियों का जनता के मध्य गलत संदेश जाता है.
वहीं, डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक (DC Kinnaur Abid Hussain Sadiq) ने कहा कि जिले में FRA के तहत लोगों को भूमि के पट्टे दिए गए हैं और अभी जिले के जितने भी मामले लंबित हैं उनकी प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं. ताकि जिले में पात्र लोगों को FRA के तहत भूमि दी जाए.
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