शिमला: बरसात शुरू होने के साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसी को लेकर राजधानी में पानी व सफाई व्यवस्था से संबंधित समस्याओं काे लेकर वाॅश प्राेजेक्ट के तहत आईजीएमसी में एक कार्यशाला का आयाेजन किया गया. यह कार्यशाला आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अनमाेल गुप्ता के दिशा निर्देशाें में आयाेजित हुई.
आयाेजित कार्यशाला में जनजनित राेगाें और सफाई के अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. बैठक में मेयर सत्या काैंडल और डिप्टी मेयर शैलेंद्र चाैहान ने शिमला में पानी की स्थिति और साफ सफाई के संदर्भ में बेहतर व्यवस्था की विस्तार से चर्चा की गई.
कार्यशाला में डाॅ. गाेपाल आशीष शर्मा ने कहा कि सफाई और पानी की स्वच्छता काे लेकर जनता काे जागरूक करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए. सेनेटरी इंस्पेक्टर रजनीश बरार ने बताया कि सफाई व्यवस्था पर कढ़ी निगरानी रखी जा रही है.
चेयरमैन काॅरस्टाेफन इस्टेट सुखदेव वर्मा ने कहा कि जनता की भागीदारी इसमें महत्वपूर्ण है. कार्यशाला में एनजीओ की तरफ से आए रजनीश पूनिया ने कहा कि नियमाें का सही तरह से पालन ही इसका उपाय है.
आशा वर्कर, इंदिरा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने भी जनसमस्याओं काे धरातल से उजागर किया. कार्यशाला में डाॅ. ज्याेति और डाॅ. वंदना ने आयाेजक के रूप में मुख्य भूमिका निभाई और अंत में डाॅ. अनमाेल गुप्ता ने आश्वासन दिया कि ई-टाॅयलेट के बारे में विभाग द्वारा भाविष्य में लाेगाें काे जागरूक किया जाएगा.
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