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शहर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए MC शिमला के सामने चुनौतियां, संसाधनों की कमी आती है आड़े - नगर निगम शिमला न्यूज

हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर राजधानी शिमला है. वहीं, शिमला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेवारी पूरी तरह से नगर निगम शिमला की होती है.

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Published : Oct 6, 2020, 2:46 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 2:33 PM IST

शिमला: प्राकृती की गोद में बसा हिमाचल जितना सुंदर और मनोरम है. उतनी ही यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और मौसम जीवन-यापन के लिए जटिल हैं. गर्मियों के मौसम में जंगलों में आग लगना, बरसात के मौसम में पहाड़ों में तेज बारिश, लैंडस्लाइड, सड़क हादसे और सर्दियों में भारी बर्फबारी अपने साथ कई तरह की परेशानियां लाते हैं.

ऐसे में प्रदेश सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को हर मौसम के आने से पहले प्राकृतिक चुनौतियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने पड़ते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर लोग एकजुट होकर काम करते हैं. वहीं, शहरों में इसका जिम्मा पूरी तरह से नगर निगम पर रहता है.

स्पेशल रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर राजधानी शिमला है. वहीं, शिमला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेवारी पूरी तरह से नगर निगम शिमला की होती है.

नगर निगम शिमला के तहत 34 वॉर्ड आते हैं. शिमला शहर की कुल जनसंख्या करीब 2 लाख है. वहीं, साल भर शिमला में पर्यटकों की आमद करीब 1 करोड़ रहती है. शहर के 34 वॉर्डों में 141 नाले हैं. लॉकडाउन में करीब 114 नालियों की सफाई की गई थी. इस साल कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में नगर निगम शिमला ने शहर के नालों समेत जंगलों और पहाड़ियों में युद्व स्तर से स्वच्छता अभियान चलाया था.

लॉकडाउन के दौरान शहर की नालियों में हुई सफाई का सकारात्मक असर बरसात के मौसम में देखा गया. नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने बताया कि शहर में एक भी स्थान ऐसा नहीं था जहां जलभराव की स्थिती रही हो. पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते शिमला में बरसात के मौसम में जलभराव की स्थिती वैसे न के बराबर है. यहां सबसे बड़ी समस्या लैंडस्लाइड और उससे होने वाले नुकसान की है. शहर में बरसात के मौसम में लैंडस्लाइड होने से सरकारी और निजी संपत्ति को हर साल लाखों का नुकसान होता है.

ऐसे में नगर निगम शिमला के सामने संसाधनों की कमी के चलते कम समय में मलबे को हटाना और बंद सड़क मार्ग और नालियों को समय रहते साफ करना सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, सर्दियों के मौसम में बर्फबारी में मशीनरी की कमी के चलते सड़क से बर्फ हटाना नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारियों के सामने बड़ी समस्या पैदा करता है.

शिमला: प्राकृती की गोद में बसा हिमाचल जितना सुंदर और मनोरम है. उतनी ही यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और मौसम जीवन-यापन के लिए जटिल हैं. गर्मियों के मौसम में जंगलों में आग लगना, बरसात के मौसम में पहाड़ों में तेज बारिश, लैंडस्लाइड, सड़क हादसे और सर्दियों में भारी बर्फबारी अपने साथ कई तरह की परेशानियां लाते हैं.

ऐसे में प्रदेश सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को हर मौसम के आने से पहले प्राकृतिक चुनौतियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने पड़ते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर लोग एकजुट होकर काम करते हैं. वहीं, शहरों में इसका जिम्मा पूरी तरह से नगर निगम पर रहता है.

स्पेशल रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर राजधानी शिमला है. वहीं, शिमला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेवारी पूरी तरह से नगर निगम शिमला की होती है.

नगर निगम शिमला के तहत 34 वॉर्ड आते हैं. शिमला शहर की कुल जनसंख्या करीब 2 लाख है. वहीं, साल भर शिमला में पर्यटकों की आमद करीब 1 करोड़ रहती है. शहर के 34 वॉर्डों में 141 नाले हैं. लॉकडाउन में करीब 114 नालियों की सफाई की गई थी. इस साल कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में नगर निगम शिमला ने शहर के नालों समेत जंगलों और पहाड़ियों में युद्व स्तर से स्वच्छता अभियान चलाया था.

लॉकडाउन के दौरान शहर की नालियों में हुई सफाई का सकारात्मक असर बरसात के मौसम में देखा गया. नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने बताया कि शहर में एक भी स्थान ऐसा नहीं था जहां जलभराव की स्थिती रही हो. पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते शिमला में बरसात के मौसम में जलभराव की स्थिती वैसे न के बराबर है. यहां सबसे बड़ी समस्या लैंडस्लाइड और उससे होने वाले नुकसान की है. शहर में बरसात के मौसम में लैंडस्लाइड होने से सरकारी और निजी संपत्ति को हर साल लाखों का नुकसान होता है.

ऐसे में नगर निगम शिमला के सामने संसाधनों की कमी के चलते कम समय में मलबे को हटाना और बंद सड़क मार्ग और नालियों को समय रहते साफ करना सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, सर्दियों के मौसम में बर्फबारी में मशीनरी की कमी के चलते सड़क से बर्फ हटाना नगर निगम शिमला के सफाई कर्मचारियों के सामने बड़ी समस्या पैदा करता है.

Last Updated : Oct 7, 2020, 2:33 PM IST
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