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हिमाचल में युवाओं के हाथ ग्राम संसद की कमान, बुजुर्ग नेताओं की छुट्टी - पंचायत प्रतिनिधि

साक्षरता के मोर्चे पर देश भर में अग्रणी राज्य की कतार में खड़े हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि सबसे कम उम्र के पंचायत प्रतिनिधि भी इसी राज्य के हैं. हिमाचल में 3 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव में हुए थे. जिस 20-22 साल की जिस कच्ची उम्र में युवा कॉलेज में भविष्य संवार होते हैं उस उम्र में हिमाचल के युवाओं ने ग्रामीण स्तर की राजनीति में सफलता के झंडे गाड दिए. इसकी सबसे बड़ी मिसाल 21 साल की उम्र में बिलासपुर जिला परिषद की अध्यक्ष बनी मुस्कान हैं.

हिमाचल पंचायत चुनाव, himachal panchayat election
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Published : Feb 12, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 1:39 PM IST

शिमला: 21वीं सदी युवाओं की मानी जाती है. हर क्षेत्र में युवाओं काही दबदबा है. राजनीति भी इससे अछूती नहीं रही है. इस बार हिमाचल में हुए ग्राम संसद के चुनाव में लोगों ने युवाओं पर ही भरोसा जताया है. इसी भरोसे के दम पर पंचायत चुनाव में कई युवाओं ने जीत का परचम लहराया है. इस भरोसे ने मंझे हुए स्थानीय नेताओं को चारों खाने चित कर दिया. युवाओं की जीत को लोग अच्छे बदलाव के तौर पर देख रहे हैं.

21 साल की मुस्कान बनीं जिला परिषद अध्यक्ष

साक्षरता के मोर्चे पर देश भर में अग्रणी राज्य की कतार में खड़े हिमाचल के लिए गौरव की बात है कि सबसे कम उम्र के पंचायत प्रतिनिधि भी इसी राज्य के हैं. हिमाचल में 3 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव में हुए थे. जिस 20-22 साल की जिस कच्ची उम्र में युवा कॉलेज में भविष्य संवार होते हैं उस उम्र में हिमाचल के युवाओं ने ग्रामीण स्तर की राजनीति में सफलता के झंडे गाड दिए. इसकी सबसे बड़ी मिसाल 21 साल की उम्र में बिलासपुर जिला परिषद की अध्यक्ष बनी मुस्कान हैं.

वीडियो

यहां पढ़ें: बिलासपुर: सारे समीकरण को ध्वस्त कर 21 वर्षीय मुस्कान बनीं जिला परिषद अध्यक्ष

युवा देश की रीढ़

भारत युवाओं का देश है. भारत की अधिकतर आबादी युवा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है. युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ मानी जाती है. युवा इस देश को नए शिखर पर ले जाने का माद्दा रखते हैं. युवा ही देश का वर्तमान और भविष्य हैं. युवाओं को मौका देकर लोगों ने साफ संदेश दिया है कि लोग अब बदलाव चाहते हैं और युवाओं के हाथों में देश की कमान सौंपना चाहते है. पंचायत चुनाव में हुआ ये बदलाव आने वाले समय में देश और प्रदेश में भी देखने को मिलेगा.

पंचायत चुनाव में युवाओं का दबदबा

पंचायत चुनाव में युवाओं पर लोगों ने इस कदर भरोसा जताया कि 21 से 30 वर्ष की आयु के 9023 प्रतिनिधि चुनाव जीत गए. यह कुल चुने गए प्रतिनिधियों का 34.7 प्रतिशत है. 31 से 40 साल के 9740 युवा चुनाव जीते. ये चुने गए प्रतिनिधियों का 37.4 प्रतिशत है. 41 से 50 के बीच सिर्फ 19 प्रतिशत लोग ही चुनाव जीतकर आए हैं. 51 से 60 की उम्र के 1933 प्रतिनिधि चुनाव जीते. इनका प्रतिशत 7.4 है. 60 साल से अधिक की उम्र वाले 61 लोग ही चुनाव जीते. इनका प्रतिशत सिर्फ 1.4 रहा.

दिन व दिन गिरते राजनीतिक के स्तर के चलते भारत में राजनीति को दलदल समझा जाता है. लोगों का मानना था कि युवा ही इस दल दल को साफ कर सकता है. इसका असर अब कहीं ना कहीं हिमाचल में हुए पंचायत चुनाव में देखने को मिला है. इस देश की जनता उम्मीद है युवा राजनीति के अखाड़े में उतर भारत को दुनिया के आग्रीणी देशों की कतार में खड़ा करेंगे.

बिलासपुर नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने ली शपथ, कहा: नगर निगम बनाना रहेगी प्राथमिकता

शिमला: 21वीं सदी युवाओं की मानी जाती है. हर क्षेत्र में युवाओं काही दबदबा है. राजनीति भी इससे अछूती नहीं रही है. इस बार हिमाचल में हुए ग्राम संसद के चुनाव में लोगों ने युवाओं पर ही भरोसा जताया है. इसी भरोसे के दम पर पंचायत चुनाव में कई युवाओं ने जीत का परचम लहराया है. इस भरोसे ने मंझे हुए स्थानीय नेताओं को चारों खाने चित कर दिया. युवाओं की जीत को लोग अच्छे बदलाव के तौर पर देख रहे हैं.

21 साल की मुस्कान बनीं जिला परिषद अध्यक्ष

साक्षरता के मोर्चे पर देश भर में अग्रणी राज्य की कतार में खड़े हिमाचल के लिए गौरव की बात है कि सबसे कम उम्र के पंचायत प्रतिनिधि भी इसी राज्य के हैं. हिमाचल में 3 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव में हुए थे. जिस 20-22 साल की जिस कच्ची उम्र में युवा कॉलेज में भविष्य संवार होते हैं उस उम्र में हिमाचल के युवाओं ने ग्रामीण स्तर की राजनीति में सफलता के झंडे गाड दिए. इसकी सबसे बड़ी मिसाल 21 साल की उम्र में बिलासपुर जिला परिषद की अध्यक्ष बनी मुस्कान हैं.

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यहां पढ़ें: बिलासपुर: सारे समीकरण को ध्वस्त कर 21 वर्षीय मुस्कान बनीं जिला परिषद अध्यक्ष

युवा देश की रीढ़

भारत युवाओं का देश है. भारत की अधिकतर आबादी युवा है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है. युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ मानी जाती है. युवा इस देश को नए शिखर पर ले जाने का माद्दा रखते हैं. युवा ही देश का वर्तमान और भविष्य हैं. युवाओं को मौका देकर लोगों ने साफ संदेश दिया है कि लोग अब बदलाव चाहते हैं और युवाओं के हाथों में देश की कमान सौंपना चाहते है. पंचायत चुनाव में हुआ ये बदलाव आने वाले समय में देश और प्रदेश में भी देखने को मिलेगा.

पंचायत चुनाव में युवाओं का दबदबा

पंचायत चुनाव में युवाओं पर लोगों ने इस कदर भरोसा जताया कि 21 से 30 वर्ष की आयु के 9023 प्रतिनिधि चुनाव जीत गए. यह कुल चुने गए प्रतिनिधियों का 34.7 प्रतिशत है. 31 से 40 साल के 9740 युवा चुनाव जीते. ये चुने गए प्रतिनिधियों का 37.4 प्रतिशत है. 41 से 50 के बीच सिर्फ 19 प्रतिशत लोग ही चुनाव जीतकर आए हैं. 51 से 60 की उम्र के 1933 प्रतिनिधि चुनाव जीते. इनका प्रतिशत 7.4 है. 60 साल से अधिक की उम्र वाले 61 लोग ही चुनाव जीते. इनका प्रतिशत सिर्फ 1.4 रहा.

दिन व दिन गिरते राजनीतिक के स्तर के चलते भारत में राजनीति को दलदल समझा जाता है. लोगों का मानना था कि युवा ही इस दल दल को साफ कर सकता है. इसका असर अब कहीं ना कहीं हिमाचल में हुए पंचायत चुनाव में देखने को मिला है. इस देश की जनता उम्मीद है युवा राजनीति के अखाड़े में उतर भारत को दुनिया के आग्रीणी देशों की कतार में खड़ा करेंगे.

बिलासपुर नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने ली शपथ, कहा: नगर निगम बनाना रहेगी प्राथमिकता

Last Updated : Feb 13, 2021, 1:39 PM IST
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