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शिमला में शुरू नहीं हो पाए स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट, NGT के आदेश के कारण हो रही देरी

स्मार्ट सिटी को लेकर शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने माना कि जल्द फैसले न लिए जाने के कारण प्रोजेक्ट में काम प्रगति नहीं पकड़ पा रहा है.

Many projects in Smart City could not be started in Shimla
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Published : Jun 25, 2019, 9:06 PM IST

शिमला: बड़ी मुश्किल से स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल हुई पहाड़ों की रानी शिमला को स्मार्ट सिटी के तहत मिलने वाले अनेक लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है. एनजीटी के शिमला कोर एरिया और ग्रीन एरिया पर भवन निर्माण को लेकर जारी आदेशों के बाद शिमला में स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाए हैं.

वीडियो.

देश भर में आज ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स मंत्री ने योजनाओं को लेकर समीक्षा और चर्चा की. शिमला में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी के लिए प्रपोजल 2109.69 करोड़ का है. जिसमें 74 प्रोजेक्ट्स पर काम होना है. इसमें से 1956.07 करोड़ रुपए 775 क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा. अभी तक केंद्र ने इसके लिए 196 करोड़ जारी कर दिया है जबकि प्रदेश सरकार 26.89 करोड़ दे चुकी है. इसमें 50 पद भी सृजित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: लग्जरी रिजॉर्ट निर्माण के लिए हजार करोड़ का MOU साइन, सीएम जयराम ने UAE महासचिव से की मुलाकात

शिमला स्मार्ट सिटी के लिए 2905.97 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं. जिसमें से 292 एकड़ भूमि के विकास के लिए 2531.59 करोड़ रखा गया है. कुल 8733 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र 58 करोड़ जारी कर चुकी है जबकि प्रदेश सरकार ने 42 करोड़ जारी किए हैं. धर्मशाला की ही तर्ज पर शिमला में भी 50 पद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सृजित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ने दुबई में हिमाचलियों को किया संबोधित, प्रदेश के विकास के लिए मांगा सहयोग

अमृत योजना कुल्लू व शिमला में चल रही है. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या इस बार नहीं हुई है जिसका मुख्य कारण अमृत से आया पैसा है. अमृत मिशन के तहत शिमला की पाइप लाइन्स को दुरुस्त किया गया जिससे लीकेज कम हुई. कुल्लू में भी मिशन के तहत पिछले 6 माह में काफी काम हुआ है. अमृत मिशन का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा. हिमाचल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7914 मकान बनने है जिनमें से 1114 मकान बना लिए गए है.

ये भी पढ़ें: बसों की कमी पर गुस्साए कुल्लू के स्कूली स्टूडेंट्स, DC ऑफिस के बाहर की जमकर नारेबाजी

स्मार्ट सिटी को लेकर प्रबोध सक्सेना ने माना कि जल्द फैसले न लिए जाने के कारण प्रोजेक्ट में काम प्रगति नहीं पकड़ पा रहा है. शिमला में एनजीटी के आदेश इसमें सबसे बड़ा रोड़ा है. 19 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. धर्मशाला स्मार्ट सिटी में हुए काम पर उठे सवाल और धर्मशाला मेयर के लेटर को लेकर कहा कि लेटर मिला है उसपर भी कार्रवाई की जाएगी.

शिमला: बड़ी मुश्किल से स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल हुई पहाड़ों की रानी शिमला को स्मार्ट सिटी के तहत मिलने वाले अनेक लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है. एनजीटी के शिमला कोर एरिया और ग्रीन एरिया पर भवन निर्माण को लेकर जारी आदेशों के बाद शिमला में स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाए हैं.

वीडियो.

देश भर में आज ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स मंत्री ने योजनाओं को लेकर समीक्षा और चर्चा की. शिमला में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी के लिए प्रपोजल 2109.69 करोड़ का है. जिसमें 74 प्रोजेक्ट्स पर काम होना है. इसमें से 1956.07 करोड़ रुपए 775 क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा. अभी तक केंद्र ने इसके लिए 196 करोड़ जारी कर दिया है जबकि प्रदेश सरकार 26.89 करोड़ दे चुकी है. इसमें 50 पद भी सृजित किए गए हैं.

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शिमला स्मार्ट सिटी के लिए 2905.97 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं. जिसमें से 292 एकड़ भूमि के विकास के लिए 2531.59 करोड़ रखा गया है. कुल 8733 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र 58 करोड़ जारी कर चुकी है जबकि प्रदेश सरकार ने 42 करोड़ जारी किए हैं. धर्मशाला की ही तर्ज पर शिमला में भी 50 पद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सृजित किए गए हैं.

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अमृत योजना कुल्लू व शिमला में चल रही है. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या इस बार नहीं हुई है जिसका मुख्य कारण अमृत से आया पैसा है. अमृत मिशन के तहत शिमला की पाइप लाइन्स को दुरुस्त किया गया जिससे लीकेज कम हुई. कुल्लू में भी मिशन के तहत पिछले 6 माह में काफी काम हुआ है. अमृत मिशन का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा. हिमाचल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7914 मकान बनने है जिनमें से 1114 मकान बना लिए गए है.

ये भी पढ़ें: बसों की कमी पर गुस्साए कुल्लू के स्कूली स्टूडेंट्स, DC ऑफिस के बाहर की जमकर नारेबाजी

स्मार्ट सिटी को लेकर प्रबोध सक्सेना ने माना कि जल्द फैसले न लिए जाने के कारण प्रोजेक्ट में काम प्रगति नहीं पकड़ पा रहा है. शिमला में एनजीटी के आदेश इसमें सबसे बड़ा रोड़ा है. 19 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. धर्मशाला स्मार्ट सिटी में हुए काम पर उठे सवाल और धर्मशाला मेयर के लेटर को लेकर कहा कि लेटर मिला है उसपर भी कार्रवाई की जाएगी.

 शिमला स्मार्ट सिटी के अधिकतर प्रोजेक्ट नहीं हो पाएंगे शुरू। एनजीटी के आदेशों के बाद कोर एरिया में नहीं हो सकता भवन निर्माण। 

शिमला। बड़ी मुश्किल से स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल हुई पहाड़ों की रानी शिमला को स्मार्ट सिटी के तहत मिलने वाले अनेक लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है। एनजीटी के शिमला कोर एरिया और ग्रीन एरिया पर भवन निर्माण को लेकर जारी आदेशों के बाद शिमला में स्मार्ट सिटी के अनेकों प्रोजेक्ट शुरू ही नहीं हो पाए है। 

 देश भर में आज ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय हाउसिंग एवम अर्बन अफेयर्स मंत्री ने योजनाओं को लेकर समीक्षा औऱ चर्चा की। शिमला में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी के लिए प्रपोजल 2109.69 करोड़ का है जिसमें 74 प्रोजेक्ट्स पर काम होना है। इसमें से 1956.07 करोड़ रुपया 775 क्षेत्र के विकास पर ख़र्च किया जाएगा। अभी तक केन्द्र ने इसके लिए 196 करोड़ जारी कर दिया है जबकि प्रदेश सरकार 26.89 करोड़ दे चुकी है। इसमें 50 पद भी सृजित किए गए है।वंही शिमला स्मार्ट सिटी के लिए 2905.97 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। जिसमें से 292 एकड़ भूमि के विकास के लिए 2531.59 करोड़ रखा गया है। कुल 8733 एकड़ क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र 58 करोड़ जारी कर चुकी है जबकि प्रदेश सरकार ने 42 करोड़ जारी किए है। धर्मशाला की ही तर्ज़ पर शिमला में भी 50 पद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सृजित किए गए है।


अमृत योजना कुल्लू व शिमला में चल रही है। प्रबोध सक्सेना ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या इस बार नही हुई है जिसका मुख्य कारण अमृत से आया पैसा है। अमृत मिशन के तहत शिमला की पाइप लाइनो को दुरुस्त किया गया जिससे लीकेज कम हुई ।कुल्लू में भी मिशन के तहत पिछले 6 माह में काफ़ी काम हुआ है। अमृत मिशन का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। हिमाचल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7914 मकान बनने है जिनमें से 1114 मकान बना लिए गए है। स्मार्ट सिटी को लेकर प्रबोध सक्सेना ने माना कि जल्द फैसले न लिए जाने के कारण प्रोजेक्ट में काम प्रगति नही पकड़ पा रहा है। शिमला में एनजीटी के आदेश इसमें सबसे बड़ा रोड़ा है। 19 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी में हुए काम पर उठे सवाल और धर्मशाला मेयर के लेटर को लेकर कहा कि लेटर मिला है उसपर भी कार्यवाही की जाएगी।
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