शिमला: राजधानी शिमला के कनलोग इलाके में बने मजदूरों के ढारे से गुरुवार देर रात तेंदुआ एक 5 साल की बच्ची को उठा ले गया. शुक्रवार की सुबह सर्च ऑपरेशन के दौरान बच्ची का सिर जंगल में मिल गया है. लेकिन, अभी तक बाकी शरीर का पता नहीं लग पाया है. वाइल्ड लाइफ और पुलिस की टीमें स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगल में बच्ची के धड़ की तलाश कर रहे हैं.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कनलोग इलाके में होंडा शोरूम के करीब ढारे में रह रहे प्रवासी मजदूर के टीन शेड से एक पांच साल की बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था. आस पास के लोगों ने पुलिस को सूचना देते हुए बच्ची की तलाश शुरू कर दी थी. लेकिन, देर रात तक बच्ची का कोई सुराग नहीं लग सका.
बच्ची की पहचान प्रियंका (5 वर्ष दो महीने) निवासी झारखंड के गुमला जिले के बेरटोली गांव के रुप में हुई है. कनलोग में वे अपने दादा सुमरा और दादी सुखमति के साथ रहती थी. जबकि पिता मनोज और मां गांव में ही रहते हैं. दादी सुखमति बताती हैं कि वे खाना बना रही थी और बच्ची थोड़ी दूर पर बैठी थी. अचानक बाल्टी गिरने की आवाज से हुई तो पीछे मुड़कर देखा बच्ची को तेंदुआ लेकर जा रहा है. शोर मचाने पर लोग इकट्ठा हुए. लेकिन तबतक वह जंगल में जा चुका था.
कनलोग में प्रवासी मजदूरों के कई ढारे हैं. मजदूरों के पास कई पालतू कुत्ते भी हैं. अंदेशा है कि तेंदुआ कुत्ते के लिए घात लगाए बैठा था. लेकिन, जैसे ही ढारे से बच्ची बाहर निकली. तेंदुआ उसे उठा ले गया.
कनलोग की पार्षद बृज सूध ने बताया कि साथ लगते जंगल से बच्ची का सिर बरामद किया गया है. बच्ची के बाकी शरीर की लताश में लोग लगे हुए हैं. वन्य जीव विभाग के डीएफओ कृष्ण कुमार ने बताया कि पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं.
आपको बता दें कि राजधानी में इस तरह की यह पहली घटना है, जब घर से किसी बच्चे को तेंदुआ उठा कर ले गया हो. बीते सोमवार को कृष्णानगर में तेंदुए ने घर में घुसकर एक युवक को जख्मी कर दिया था. युवक के सिर में 18 टांके लगे थे. पुलिस और विभाग की टीम ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से बेहोश कर पिंजरे में बंद दिया था. इतना ही नहीं तेंदुए ने घर में सो रहे कुत्ते को भी अपना निशाना बनाया था.
राजधानी शिमला के संजौली, छोटा शिमला, समरहिल इलाकों में तेंदुए का दिखना आ बात हो गई है. आए दिन तेंदुआ लोगों के घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद होता है. इस घटना के बाद लोगों में दहशत है. लोगों ने जिला प्रशासन और वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने की मांग की है ताकि लोगों में फैली दहशत कम हो सके और इस तरह के हादसे दोबारा न हो.
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