रामपुर/शिमला: हिमाचल के वयोवृद्ध एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार रामपुर बुशहर के जोगनी बाग स्थित राज परिवार के श्मशान घाट में राजसी परंपरा के साथ 10 जुलाई को होगा. वीरभद्र सिंह की मौत की खबर सुनते ही पूरे रामपुर में गम की लहर दौड़ पड़ी. अपने प्रिय नेता की मौत की खबर के बाद व्यापारियों ने तीन दिन के लिए अपने व्यवसाय को बंद कर दिया.
वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को शिमला से रामपुर राज दरबार पहुंचेगा. हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का 13 वर्ष की उम्र में बुशहर रियासत के 122वें राजा के रूप में राजतिलक हुआ था.
वीरभद्र के अंतिम संस्कार से पहले शनिवार को पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए विक्रमादित्य सिंह का राज महल में राजगद्दी पर राजतिलक किया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी. पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम संस्कार में 4 ठहरी यानी शिंगला, शनेरी, लालसा और डंसा के वाद्य यंत्रों को भी आमंत्रित किया गया है. यह वाद्य यंत्र शनिवार को पहले विक्रमादित्य सिंह के राजतिलक के दौरान खुशी का एहसास कराने वाले धुनों से गूजेंगे, इसके बाद शोक धुनों के साथ वाद्य यंत्र वीरभद्र सिंह की शव यात्रा में शरीक होंगे. रामपुर के जोगनी बाग स्थित राज परिवार के श्मशान घाट में वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार होगा.
बताया जा रहा है की अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या लोग शामिल होंगे. रामपुर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आत्माराम केदारटा ने बताया कि राजा साहब का 10 जुलाई को राज परिवार के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा. उन्होंने बताया कि रामपुर रियासत में यह प्रथा रही है कि राजा का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होता, जब तक पुत्र या उत्तराधिकारी का राजतिलक न हो.
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