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ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स का टोटा, मरीज लौट रहे उल्टे पांवल - सिविल अस्पताल ठियोग

जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हुई नजर आ रही है, क्योंकि ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स के अभाव के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

lack of doctors in civil hospital theog in shimla
सिविल अस्पताल
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Published : Jan 2, 2020, 5:46 PM IST

शिमला: जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हुई नजर आ रही हैं. ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स के अभाव के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि सिविल अस्पताल में 50 पंचायतों सहित चौपाल, रोहड़ू और कोटखाई सहित रापमुर के लोग इलाज करवाने आते हैं. इन दिनों केवल पांच डॉक्टर्स ही अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि मेडिसन, हड्डी रोग सहित आठ डॉक्टर्स एक महीने पहले ही अस्पताल से चले गए हैं. ऐसे में अभी तक सरकार ने अस्पताल में दूसरे चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की है. साथ ही अस्पताल के अधिकतर कमरों में ताले लटके हुए हैं, जिससे मरीज एक ही कमरे में रहकर अपना इलाज करवाना पड़ रहा हैं.

वीडियो

अस्पताल में इलाज कराने आये लोगों ने बताया कि सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स का अभाव होने के कारण उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाज कराने आ रहे लोगों को घर वापस जाना पड़ रहा है, क्योंकि अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं.

सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि15 डॉक्टरों की जगह पांच डॉक्टर काम कर रहे हैं, जबकि मरीजों की तादात बहुत ज्यादा है. ऐसे में कई मरीजों को एक साथ देखना पड़ता है, जिससे इमरजेंसी के समय भी डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं.

शिमला: जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हुई नजर आ रही हैं. ठियोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स के अभाव के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि सिविल अस्पताल में 50 पंचायतों सहित चौपाल, रोहड़ू और कोटखाई सहित रापमुर के लोग इलाज करवाने आते हैं. इन दिनों केवल पांच डॉक्टर्स ही अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि मेडिसन, हड्डी रोग सहित आठ डॉक्टर्स एक महीने पहले ही अस्पताल से चले गए हैं. ऐसे में अभी तक सरकार ने अस्पताल में दूसरे चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की है. साथ ही अस्पताल के अधिकतर कमरों में ताले लटके हुए हैं, जिससे मरीज एक ही कमरे में रहकर अपना इलाज करवाना पड़ रहा हैं.

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अस्पताल में इलाज कराने आये लोगों ने बताया कि सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स का अभाव होने के कारण उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाज कराने आ रहे लोगों को घर वापस जाना पड़ रहा है, क्योंकि अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं.

सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि15 डॉक्टरों की जगह पांच डॉक्टर काम कर रहे हैं, जबकि मरीजों की तादात बहुत ज्यादा है. ऐसे में कई मरीजों को एक साथ देखना पड़ता है, जिससे इमरजेंसी के समय भी डॉक्टर अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं.

Intro:ठियोग: जिला शिमला के प्रवेश द्वार ठियोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराती हुई नजर आ रही है। ठेयोग के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में इन दिनों मरीजो को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।यंहा पर अस्पताल तो है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टर नही है। यंहा रोज बीमारी से ग्रस्त इलाज कराने तो आते हैं लेकिन डॉक्टर न होने के चलते उन्हें निराशा ही हाथ लगती है इन दिनों अस्पताल में केवल 5 डॉक्टर है जबकि मेडिसन,हड्डी रोग ,सहित 8 डॉक्टर महीने पहले यंहा से चले गए लेकिन अभी तक सरकार ने यंहा दूसरे किसी डॉक्टर को नही भेजा।Body:
ठियोग अस्पताल के अधिकतर कमरों में ताले लटके हुए हैं मरीज एक एक कमरे के सामने जा रहे हैं कि कोई तो डॉक्टर उन्हें देख ले लेकिन जो डॉक्टर अस्पताल में है उनके पास इतने मरीज है कि उन्हें खाना खाने तक का समय नही मिल पा रहा है। ठियोग की 50 पंचायत सहित चौपाल,रोहड़ू ओर कोटखाई सहित रापमुर के लोग भी इलाज करने आते हैं और जबकि इन दिनों सर्दियों के मौसम में बर्फबारी से शिमला जाना भी आसान नही होता ऐसे में मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है। अस्पताल में इलाज कराने आये लोगो का कहना है कि सरकार जब शहर के अस्पतालों में डॉक्टरों की सुविधाएं प्रदान नहीं कर सकती तो गांवों में तो ओर भी बुरे हाल हैं एक बुजुर्ग जिन्हें पांव में दर्द था उन्हें कोई डॉक्टर नही मिला उनका कहना है कि सरकार ने इतना खर्च करके अस्पताल तो खोल दिया लेकिन डॉक्टर के न होने से इसका क्या फायदा। लोगों का कहना है कि अभी सर्दियों के महीने में कुफ़री से शिमला जाना बहुत मुश्किल हो जाता है और ठियोग में डॉक्टर न होने से गांव के लोगों को बेहद परेशानी होने वाली है ऐसे में सरकार को जल्द यंहा डॉक्टरों की तैनाती करनी चाहिए जिससे लोगों को राहत मिल सके।
बाईट,,, मरीज
बाईट,,, स्थानीय लोगConclusion:
वन्ही अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि 15 डॉक्टरों की जगह 5 डॉक्टर काम कर रहे हैं और मरीजो की तादात बहुत ज्यादा है ऐसे में के बार मरीजो के साथ उलझना पड़ता है और इमरजेंसी के समय भी डॉक्टर अपनी सेवाएं नही दे पाते।
बाईट,,, विजय सोरट्टा
डॉक्टर ठियोग
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