शिमला: चुनावी साल में आउटसोर्स आधार पर तैनात कर्मचारियों को जयराम सरकार बड़ा तोहफा देने (Outsource employees in Himachal) की तैयारी में है. अपने पहले कार्यकाल के आखिरी दौर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत का ऐलान करेगी. मंगलवार को राज्य सचिवालय में आउटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य को दिशा देने के लिए कैबिनेट उप समिति की बैठ होनी है. उपसमिति की बैठक में लिए गए फैसलों को फिर बुधवार के दिन कैबिनेट मीटिंग में रखा जाएगा. बेशक कैबिनेट की मीटिंग बुधवार को होनी है, लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मंगल के दिन ही मंगलकारी खबर आने के भरपूर आसार हैं.
जयराम सरकार 30 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए कुछ बड़े फैसले लेने वाली है. ये भी संभव है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई नीति का ऐलान किया जाए. अगर ऐसा न भी हुआ तो भी आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार कोई न कोई बड़ी राहत देगी. इन कर्मचारियों के मसले पर कैबिनेट सब-कमेटी जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक करेगी. ये कैबिनेट सब-कमेटी की अंतिम बैठक होगी.
कमेटी के मुखिया महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों व सोसायटियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की डिटेल मांगी थी. सब-कमेटी ने कर्मचारियों को मिलने वाले मानदेय सहित उनके ईपीएफ व अन्य मसलों पर गंभीरता से विचार किया है. आउटसोर्स कर्मचारियों की एकमात्र मांग उनके लिए स्थायी नीति तैयार करना है. सरकार ने इस दिशा में प्रयास भी किए हैं. एक बार तो ये भी तय हुआ कि डाइंग कैडर के जो पद हैं, उन पर आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए. फिर उनके भर्ती व पदोन्नति नियमों की जटिलता आड़े आ रही है.
इस समय आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न कंपनियों के माध्यम से नौकरी पर रखे जा रहे हैं. कंपनियों की कार्यप्रणाली से आउटसोर्स कर्मचारी खुश नहीं हैं. सरकार ने विचार किया है कि यदि कंपनियों को बीच से हटा दिया जाए तो क्या व्यवस्था हो सकती है. सब-कमेटी की बैठक (Himachal government sub committee meeting) में ये तय हुआ है कि कंपनियों को बीच से हटा दिया जाए और सरकार सीधे नियुक्ति में अपना दखल रखे. सबसे बड़ी बात है कि कैबिनेट सब-कमेटी में कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रखने का फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने नवंबर 2021 में राज्य में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं के दृष्टिगत एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था. कमेटी की जिम्मेदारी जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को दी गई थी. आउटसोर्स कर्मचारियों के जिला स्तर पर बने संगठनों के पदाधिकारियों ने कई मर्तबा सरकार से अपील की थी कि उनके लिए स्थाई पालिसी बनाई जाए. कुल्लू जिला के पदाधिकारी महेंद्र नेगी, सिरमौर जिला के मुखिया राजेश चौहान, आईजीएमसी अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के आंदोलन के प्रमुख चेहरे नोखराम व चंबा जिला के पदाधिकारी ललित शर्मा का कहना है कि सरकार को आउटसोर्स कर्मचारियों की अहमियत समझते हुए उनके लिए स्थाई नीति बनानी चाहिए.
इन कर्मचारी नेताओं का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को विभागों में समायोजित किया जाए. इनका कहना है कि पूर्व में भी सरकारों ने आउटसोर्स कर्मचारियों को केवल आश्वासन ही दिए हैं. वहीं, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि इस सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं, जयराम सरकार ने कैबिनेट सब-कमेटी का गठन कर इस संदर्भ में गंभीरता (Demand of employees in Himachal) दिखाई है.
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