शिमला: राजधानी शिमला में अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव आज से शुरू (International Literature Festival In Shimla) हो गया है. केंद्रीय संस्कृति व संसदीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दीप प्रज्वलित कर (Arjun Ram Meghwal) कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्मेष क्या है, इसको अगर देखें तो अर्थ है प्रकट करना, खिलना यहां साहित्यकार खिलेंगे. यह 3 दिवसीय साहित्य उत्सव में खिलेंगे. उन्होंने कहा कि 15 देशों के 425 लेखक महोत्सव में भाग ले रहे हैं. यहां 60 भाषाओं के लोग हैं ऐसे में कह सकते हैं कि मिनी भारत यहां प्रकट है. उन्होंने कहा कि हम 75 साल कैसे चले यह भी चिंतन होगा और आगे 25 साल का क्या रोड मैप होगा इस पर भी मंथन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में भी साहित्य का सृजन हो रहा है यह बहुत अच्छा है. उनका कहना था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए.
बता दें कि साहित्य समारोह में 16 जून को शाम 4:50 से 6 बजे के बीच साहित्य और सिनेमा विषय पर परिचर्चा होगी. इस सत्र की अध्यक्षता अर्जुन राम मेघवाल करेंगे. 17 जून को गुलजार के साथ विशाल भारद्वाज की बातचीत भी आकर्षण का हिस्सा होगी. 17 जून के सत्र में आदिवासी लेखकों के समक्ष चुनौतियों एवं रचनापाठ की अध्यक्षता अनिल बर, गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं में वाचिक महाकाव्य की महेंद्र कुमार मिश्र, साहित्य एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एसएल भैरप्पा, बहुभाषी कविता पाठ की माधव कौशिक, अस्मिता लेखिका से मिलन की पारमिता सतपथी, मीडिया, साहित्य एवं स्वाधीनता आंदोलन पर बलदेव भाई शर्मा अध्यक्षता करेंगे.
इसके अलावा 18 जून को वायसराय सभागार में अभिव्यक्ति के इस उत्सव में विशेष रूप से बोलेंगी. 18 जून को ही मैं क्यों लिखता हूं, लिखती हूं कि अध्यक्षता रघुवीर चौधरी करेंगे. वहीं, अमेरिका से विजय शेषाद्रि, चित्रा बैनर्जी दिवाकरूणी, मंजुला पद्मनाभन, मेडागास्कर से अभय के, दक्षिण अफ्रीका से अंजू रंजन, यूके से दिव्या माथुर, सुनेत्र गुप्ता, नीदरलैंड से पुष्पिता अवस्थी और नॉर्वे से सुरेश चंद्र शुल्क प्रवासी भारतीय साहित्यिक अभिव्यक्तियां विषय पर होने जा रहे संवाद में भाग लेंगे. इसकी विजय शेषाद्रि अध्यक्षता करेंगे.
महोत्सव में सोनल मानसिंह, गुलजार, एस.एल भैरप्पा, चंद्रशेखर कंबार, किरण बेदी, लिंडा हेस, डेनियल नेगर्स, सुरजीत पातर, नमिता गोखले, कपिल कपूर, आरिफ मोह मद खान, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, रघुवीर चौधरी, सितांशु यशचंद्र, विश्वास पाटिल, रंजीत होसकोटे, सई परांजपे, दीप्ति नवल, मालाश्री लाल, सुदर्शन वशिष्ठ, प्रत्यूष गुलेरी, एसआर हरनोट, होशांग मर्चेंट, लीलाधर जगूड़ी, अरुण कमल, बलदेव भाई शर्मा, सतीश अलेकर एवं विष्णु दत्त , राकेश सहित कई हस्तियां शामिल होंगी. बता दें कि महोत्सव सभी साहित्य प्रेमियों के लिए हर दिन निशुल्क है. इस में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित एक हजार पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा और पांच भारतीय प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं.