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मंडल पदाधिकारी चुने जाने को लेकर घमासान तेज, चुनावों की तारीख 5 नवंबर तक बढ़ी - कसौली में भी घमासान

प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में घमासान के कारण पार्टी को मंडल के चुनावों की तारीख पांच नवंबर तक बढ़ानी पड़ी है.

Conflict over bjp mandal election
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Published : Nov 1, 2019, 8:17 PM IST

शिमलाः प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में घमासान मचा हुआ है. पार्टी के आला नेताओं के फरमान पर मंडल की कार्यकारणी के पदाधिकारियों की ताजपोशी हो रही है. जिससे पार्टी में आंतरिक विद्रोह जैसी स्थिति बन गई है. इसी घमासान के कारण पार्टी को मंडल के चुनावों की तारीख पांच नवंबर तक बढ़ानी पड़ी है.

हालांकि चुनाव के तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के 73 मंडलों के चुनाव 31 अक्टूबर तक पूरे किए जाने थे, लेकिन अभी तक केवल करीब 50 मंडलों के ही चुनाव हुए हैं और यहां भी विद्रोह की स्थिति बनी हुई है. रोहड़ू में पार्टी के आला नेताओं के फरमानों का विरोध करने वाले रोहड़ू भाजपा के आधा दर्जन पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

वीडियो.

बाहर किए लोगों में अधिकांश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के रिलेटिव बताए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी रही शशि बाला के खिलाफ नारेबाजी तक हो गई. जुब्बल कोटखाई में हुए मंडल के चुनावों में विधानसभा में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के खिलाफ भी नारेबाजी हुई. रामपुर में भी बीते रोज चुनाव थे, लेकिन गुटबाजी की वजह से चुनाव टालने पड़े हैं. इसी तरह ठियोग में भी हुआ है. यहां भी चुनाव नहीं हो पाए हैं.

शिमला शहरी, कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण में भी ब्लॉक अध्यक्ष के लिए सहमती नहीं बन पा रही है. कसौली में भी घमासान बना हुआ है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाया. खास बात ये है कि हमीरपुर में पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के वर्चस्व को समाप्त करने की मुहिम भी चल रही है. जबकि धूमल सुजानपुर मंडल में अपने करीबी को मंडलाध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए हैं, लेकिन जिला के बाकी चार मंडलों में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. इसी तरह की स्थिति बाकी जिलों में भी है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पुराने भाजपाइयों को दरकिनार किया जा रहा है. आरएसएस व विस्तारक ही पूरी पार्टी पर कब्जा करने पर उतारु हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि इन सब के पीछे पार्टी के संगठन मंत्री पवन राणा की शह है. उन्हें पार्टी अध्यक्ष सतपाल सती का भी साथ मिल रहा है.

रामपुर मंडल की चुनाव पर अगले आदेश तक लगी रोक

वहीं, महासू के चुनाव प्रभारी एवं भाजपा प्रदेश सचिव रतन पाल सिंह ने बताया कि रामपुर मंडल की चुनाव प्रक्रिया को संवैधानिक तरीके से पूरा नहीं किया गया ऐसी शिकायतें वहां के बूथ अध्यक्षों एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार मिल रही हैं, जिस पर विचार किया जा रहा है. प्रदेश सचिव ने कहा कि जब तक इन शिकायतों का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक संविधान की धारा 15 (3) द्वारा प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रामपुर मंडल के चुनाव को आगामी आदेश तक रोक दिया गया है.

बता दें कि 11 नंवबर से भाजपा जिला अध्यक्षों के चुनाव होने हैं. यह चुनाव 30 नवंबर तक पूरे किए जाने हैं. इसके बाद 16 दिसंबर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है. संगठनात्मक चुनाव के प्रदेश प्रभारी व मंडी संसदीय हलके से भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि अभी तक 50 के करीब मंडलों के चुनाव हुए हैं और बाकियों के 5 नवंबर तक करवा दिए जाएंगे. सांसद ने कहा कि उनका काम चुनावों को पारदर्शी तरीके से करवाना है, कौन निकाला गया है यह पार्टी का काम है.

शिमलाः प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में घमासान मचा हुआ है. पार्टी के आला नेताओं के फरमान पर मंडल की कार्यकारणी के पदाधिकारियों की ताजपोशी हो रही है. जिससे पार्टी में आंतरिक विद्रोह जैसी स्थिति बन गई है. इसी घमासान के कारण पार्टी को मंडल के चुनावों की तारीख पांच नवंबर तक बढ़ानी पड़ी है.

हालांकि चुनाव के तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के 73 मंडलों के चुनाव 31 अक्टूबर तक पूरे किए जाने थे, लेकिन अभी तक केवल करीब 50 मंडलों के ही चुनाव हुए हैं और यहां भी विद्रोह की स्थिति बनी हुई है. रोहड़ू में पार्टी के आला नेताओं के फरमानों का विरोध करने वाले रोहड़ू भाजपा के आधा दर्जन पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

वीडियो.

बाहर किए लोगों में अधिकांश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के रिलेटिव बताए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी रही शशि बाला के खिलाफ नारेबाजी तक हो गई. जुब्बल कोटखाई में हुए मंडल के चुनावों में विधानसभा में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के खिलाफ भी नारेबाजी हुई. रामपुर में भी बीते रोज चुनाव थे, लेकिन गुटबाजी की वजह से चुनाव टालने पड़े हैं. इसी तरह ठियोग में भी हुआ है. यहां भी चुनाव नहीं हो पाए हैं.

शिमला शहरी, कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण में भी ब्लॉक अध्यक्ष के लिए सहमती नहीं बन पा रही है. कसौली में भी घमासान बना हुआ है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाया. खास बात ये है कि हमीरपुर में पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के वर्चस्व को समाप्त करने की मुहिम भी चल रही है. जबकि धूमल सुजानपुर मंडल में अपने करीबी को मंडलाध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए हैं, लेकिन जिला के बाकी चार मंडलों में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. इसी तरह की स्थिति बाकी जिलों में भी है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पुराने भाजपाइयों को दरकिनार किया जा रहा है. आरएसएस व विस्तारक ही पूरी पार्टी पर कब्जा करने पर उतारु हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि इन सब के पीछे पार्टी के संगठन मंत्री पवन राणा की शह है. उन्हें पार्टी अध्यक्ष सतपाल सती का भी साथ मिल रहा है.

रामपुर मंडल की चुनाव पर अगले आदेश तक लगी रोक

वहीं, महासू के चुनाव प्रभारी एवं भाजपा प्रदेश सचिव रतन पाल सिंह ने बताया कि रामपुर मंडल की चुनाव प्रक्रिया को संवैधानिक तरीके से पूरा नहीं किया गया ऐसी शिकायतें वहां के बूथ अध्यक्षों एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार मिल रही हैं, जिस पर विचार किया जा रहा है. प्रदेश सचिव ने कहा कि जब तक इन शिकायतों का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक संविधान की धारा 15 (3) द्वारा प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रामपुर मंडल के चुनाव को आगामी आदेश तक रोक दिया गया है.

बता दें कि 11 नंवबर से भाजपा जिला अध्यक्षों के चुनाव होने हैं. यह चुनाव 30 नवंबर तक पूरे किए जाने हैं. इसके बाद 16 दिसंबर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है. संगठनात्मक चुनाव के प्रदेश प्रभारी व मंडी संसदीय हलके से भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि अभी तक 50 के करीब मंडलों के चुनाव हुए हैं और बाकियों के 5 नवंबर तक करवा दिए जाएंगे. सांसद ने कहा कि उनका काम चुनावों को पारदर्शी तरीके से करवाना है, कौन निकाला गया है यह पार्टी का काम है.

Intro:Body:शिमला। प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में घमासान मचा है पार्टी के आला नेताओं के फरमान पर मंडल की कार्यकारणी के पदाधिकारियों की ताजपोशी हो रही है। जिससे पार्टी में आंतरिक विद्रोह जैसी स्थिति बन गई है. इसी घमासान के कारण पार्टी को मंडल के चुनावों की तारीख पांच नवंबर तक बढ़ानी पड़ी है।

हालांकि चुनाव के तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के 73 मंडलों के चुनावों 31 अक्तूबर तक पूरे किए जाने थे लेकिन अभी तक केवल 50 के करीब मंडलों के ही चुनाव हुए है और यहां भी विद्रोह की स्थिति है। रोहड़ू में पार्टी के आला नेताओं के फरमानों का विरोध करने वाले रोहड़ू भाजपा के आधा दर्जन पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर कर दिया गया है बाहर किए लोगों में अधिकांश शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के रिश्तेदार है। और तो और यहां पर विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रत्याशी रही शशि बाला के खिलाफ नारबाजी तक हो गई। जुब्बल कोटखाई में हुए मंडल के चुनावों में विधानसभा में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के खिलाफ नारेबाजी हो गई। रामपुर में भी बीते रोज चुनाव थे लेकिन गुटबाजी की वजह से चुनाव टालने पड़े है। इसी तरह ठियोग में भी हुआ है। यहां भी चुनाव नहीं हो पाए है।

शिमला शहरी, कसुम्प्टी और शिमला ग्रामीण में भी ब्लॉक अध्यक्ष के लिए सहमती नहीं बन पा रही है. कसौली में भी घमासान हुआ और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन चुनावों में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाया. खास बात तो हमीरपुर में पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के वर्चस्व को समाप्त करने की मुहिम में लगे है। जबकि धूमल सुजानपुर मंडल में अपने करीबी को मंडलाध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए है। लेकिन जिला के बाकी चार मंडलों में अभी तक सहमति नहीं बनी है। इसी तरह की स्थिति बाकी जिलों में भी है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पुराने भाजपाइयों को दरकिनार किया जा रहा है। आरएसएस व विस्तारक ही पूरी पार्टी पर कब्जा करने पर आ गए है व आरोप लगाया जा रहा है कि इन सब के पीछे पार्टी के संगठन मंत्री पवन राणा की शह है। उनको पार्टी अध्यक्ष सतपाल सती का भी साथ मिल रहा है। 11 नंवबर से जिला अध्यक्षों के चुनाव होने है। यह चुनाव 30 नवंबर तक पूरे किए जाने है। इसके बाद 16 दिसंबर तक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है। संगठनात्मक चुनाव के प्रदेश प्रभारी व मंडी संसदीय हलके से भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि अभी तक 50 के करीब मंडलों के चुनाव हुए है व बाकियों के पांच नवंबर तक करा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनका काम चुनावों को पारदर्शी तरीके से कराना है। कौन निकाला गया है यह पार्टी का काम है।
Conclusion:
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