शिमलाः हिमाचल प्रदेश और राज्यसभा का नाता 1956 से आरंभ होता है. इसे पहाड़ी प्रदेश की राजनीति में महिला सशक्तिकरण की मिसाल ही कहा जाएगा कि पहली राज्यसभा सांसद महिला राजनेता थी. ये गौरव लीला देवी को हासिल हुआ लीला देवी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा पहुंची थी. लीला देवी अप्रैल 1956 से अप्रैल 1962 तक राज्यसभा सांसद रहीं.
वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ी थी. इस कड़ी में इंदू गोस्वामी आठवां नाम है. दिलचस्प बात है कि कांग्रेस नेत्री विप्लव ठाकुर दो बार राज्यसभा सांसद चुनी गई. अब उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है, तो उनकी जगह फिर से महिला नेत्री ले रही हैं.
हिमाचल से राज्यसभा में जाने वाली महिला राजनेताओं में लीला देवी के अलावा सत्यावती डांग, मोहिंद्र कौर, उषा मल्होत्रा, चंद्रेश कुमारी, बिमला कश्यप सूद का नाम शामिल है. सत्यावती डांग 1968 से 1974 के बीच राज्यसभा सांसद रहीं. वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ी थी. इसके अलावा कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर कौर की माता मोहिंद्र कौर भाजपा से राज्यसभा सांसद रही.
उनका कार्यकाल 1978 से 1984 तक रहा. वे एक बार 1964 से 1970 के बीच पंजाब से भी सांसद चुनी गई. इसी तरह 1980 से 1986 के दरम्यान उषा मल्होत्रा कांग्रेस से राज्यसभा सांसद चुनी गई. विप्लव ठाकुर दो बार राज्यसभा के लिए चुनी गई. उनका हालिया कार्यकाल 2014 से आरंभ हुआ था.
इससे पहले वे 2006 से 2012 के बीच कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद रहीं. भाजपा से ही बिमला कश्यप सूद 2010 से 2016 के बीच राज्यसभा में बतौर सांसद सक्रिय रहीं. अब इंदू गोस्वामी राज्यसभा में हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगी. छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाली गोस्वामी भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी रही हैं.
बाद में वे भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनीं. उन्होंने पालमपुर से पिछली दफा विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. इंदू गोस्वामी कल राज्यसभा के लिए नामांकन करेंगी.
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