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ऊर्जा क्षेत्र में भारत ने नेपाल में बढ़ाया निवेश, 490 मेगावाट अरुण-4 पर एमओयू साइन

एसजेवीएन नेपाल में अपनी तीसरी मेगा परियोजना स्थापित करने जा (SJVN mega project in Nepal) रहा है. लुंबिनी में पीएम मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा की मौजूदगी में इस पर एमओयू साइन किया गया. नेपाल में स्थापित होने वाली 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन और कुलमन घीसिंग, प्रबंध निदेशक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने हस्ताक्षर किए.

SJVN mega project in Nepal
490 मेगावाट अरुण 4 पर एमओयू साइन
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Published : May 16, 2022, 7:57 PM IST

शि‍मला: एसजेवीएन नेपाल में अपनी तीसरी मेगा परियोजना स्थापित (SJVN mega project in Nepal) करने जा रहा है. लुंबिनी में पीएम मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा की मौजूदगी में इस पर एमओयू साइन किया गया. नेपाल में स्थापित होने वाली 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन और कुलमन घीसिंग, प्रबंध निदेशक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने हस्ताक्षर किए.

इस अवसर पर नंद लाल शर्मा ने कहा कि 490 मेगावाट, अरुण-4 जल विद्युत परियोजना एसजेवीएन ( MoU on 490 MW Arun 4) और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में विकसित की जाएगी और इस संयुक्त उद्यम में, एसजेवीएन की (SJVN mega project in Nepal) बहुमत हिस्सेदारी होगी. अरुण-3 एचईपी के अपस्ट्रीम में इस परियोजना का निर्माण इस संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर प्रति वर्ष लगभग 2100 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा. नेपाल के संखुवासभा जिला प्रांत-1 में स्थित इस परियोजना की अनुमानित विकास लागत 4900 करोड़ रुपये है.

SJVN mega project in Nepal
490 मेगावाट अरुण 4 पर एमओयू साइन

नंदलाल शर्मा ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, बिजली क्षेत्र में भारत-नेपाल संयुक्त विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा उन्होंने कहा कि यह इसके अलावा पहले से निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 और 669 मेगावाट लोअर अरुण की परियोजना सर्वेक्षण और जांच के चरण में है. इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, एसजेवीएन के पास अब नेपाल में कुल 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाएं हैं. शर्मा ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं को लक्षित करने संबंधी एसजेवीएन के अपने संकल्प को दोहराया.

एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की मौ‍लिक अवधारणा नंद लाल शर्मा की है, जिसकी वकालत वह लंबे समय से करते आए हैं. नंद लाल शर्मा ने लंबे समय से विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने इस दृष्टिकोण का पालन करने पर जोर दिया था. परिणामस्वरूप नेपाल में भी जलविद्युत परियोजनाओं के आवंटन के दौरान एक डेवलपर को, एकल नदी बेसिन में आवंटित किया गया. यह दृष्टिकोण जनशक्ति, बुनियादी ढांचे और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सक्षम बनाता है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस नवीन अवधारणा को नेपाल सरकार के साथ-साथ भारत में भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार किया गया है.

नंदलाल शर्मा ने आगे कहा कि नेपाल में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं से समग्र विकास होगा और भारत और नेपाल में पारस्परिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन परियोजना गतिविधियों से संबंधित ढांचागत विकास क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा. नेपाल में इन तीन जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा, एसजेवीएन बिजली की निकासी के लिए 217 किमी 400 केवी के संबद्ध पारेषण प्रणाली का निर्माण भी कर रहा है.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएन के पास अब संचालन और विकास के विभिन्न चरणों के तहत 30 गीगावाट से अधिक क्षमता की विद्युत परियोजनाएं हैं. नई परियोजनाओं के क्षेत्र में ये वर्तमान अतिरिक्त एडिशन ही कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को साकार करने की दिशा में ले जा रहा है.

ये भी पढ़ें: लुम्बिनी में बोले पीएम मोदी, 'भारत-नेपाल की मित्रता संपूर्ण मानवता के हित में'

शि‍मला: एसजेवीएन नेपाल में अपनी तीसरी मेगा परियोजना स्थापित (SJVN mega project in Nepal) करने जा रहा है. लुंबिनी में पीएम मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा की मौजूदगी में इस पर एमओयू साइन किया गया. नेपाल में स्थापित होने वाली 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन और कुलमन घीसिंग, प्रबंध निदेशक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने हस्ताक्षर किए.

इस अवसर पर नंद लाल शर्मा ने कहा कि 490 मेगावाट, अरुण-4 जल विद्युत परियोजना एसजेवीएन ( MoU on 490 MW Arun 4) और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में विकसित की जाएगी और इस संयुक्त उद्यम में, एसजेवीएन की (SJVN mega project in Nepal) बहुमत हिस्सेदारी होगी. अरुण-3 एचईपी के अपस्ट्रीम में इस परियोजना का निर्माण इस संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर प्रति वर्ष लगभग 2100 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा. नेपाल के संखुवासभा जिला प्रांत-1 में स्थित इस परियोजना की अनुमानित विकास लागत 4900 करोड़ रुपये है.

SJVN mega project in Nepal
490 मेगावाट अरुण 4 पर एमओयू साइन

नंदलाल शर्मा ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, बिजली क्षेत्र में भारत-नेपाल संयुक्त विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा उन्होंने कहा कि यह इसके अलावा पहले से निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 और 669 मेगावाट लोअर अरुण की परियोजना सर्वेक्षण और जांच के चरण में है. इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, एसजेवीएन के पास अब नेपाल में कुल 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाएं हैं. शर्मा ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं को लक्षित करने संबंधी एसजेवीएन के अपने संकल्प को दोहराया.

एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की मौ‍लिक अवधारणा नंद लाल शर्मा की है, जिसकी वकालत वह लंबे समय से करते आए हैं. नंद लाल शर्मा ने लंबे समय से विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने इस दृष्टिकोण का पालन करने पर जोर दिया था. परिणामस्वरूप नेपाल में भी जलविद्युत परियोजनाओं के आवंटन के दौरान एक डेवलपर को, एकल नदी बेसिन में आवंटित किया गया. यह दृष्टिकोण जनशक्ति, बुनियादी ढांचे और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सक्षम बनाता है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस नवीन अवधारणा को नेपाल सरकार के साथ-साथ भारत में भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार किया गया है.

नंदलाल शर्मा ने आगे कहा कि नेपाल में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं से समग्र विकास होगा और भारत और नेपाल में पारस्परिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन परियोजना गतिविधियों से संबंधित ढांचागत विकास क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा. नेपाल में इन तीन जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा, एसजेवीएन बिजली की निकासी के लिए 217 किमी 400 केवी के संबद्ध पारेषण प्रणाली का निर्माण भी कर रहा है.

नंद लाल शर्मा ने कहा कि लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएन के पास अब संचालन और विकास के विभिन्न चरणों के तहत 30 गीगावाट से अधिक क्षमता की विद्युत परियोजनाएं हैं. नई परियोजनाओं के क्षेत्र में ये वर्तमान अतिरिक्त एडिशन ही कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को साकार करने की दिशा में ले जा रहा है.

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