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नीट पीजी 2021: आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को उठानी पड़ी परेशानी

आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को हड़ताल (IGMC resident doctors strike) पर रहे. यह हड़ताल नीट-2021 पीजी काउंसलिंग (NEET-2021 PG Counselling) में देरी और गैर इमरजेंसी ड्यूटी काे वापस लेने की मांग को लेकर की गई. हालांकि हड़ताल के समय इमरजेंसी सेवाएं जारी रही लेकिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

IGMC resident doctors strike
आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल
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Published : Dec 6, 2021, 12:50 PM IST

शिमला: नीट-2021 पीजी काउंसलिंग (NEET-2021 PG Counselling) में देरी और गैर इमरजेंसी ड्यूटियाें काे वापिस लेने के लिए अपने राष्ट्रव्यापी विरोध के साथ आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह दाे घंटे की हड़ताल पर रहे. हालांकि इस दौरान (IGMC resident doctors strike) इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं लेकिन फिर भी मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी .

आईजीएमसी रेजिडेंट डाॅक्टर एसाेसिएशन के महासचिव डाॅ. अंकित ने कहा कि वह पीजी उम्मीदवारों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हैं. उन्हाेंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर मानसिक और शारीरिक ताैर पर बोझ तले दबे हुए हैं. रेजिडेंट डॉक्टर कुछ घंटें ही आराम कर पा रहे हैं जबकि उन्हें कई-कई घंटे ड्यूटियां करनी पड़ रही हैं.

उन्हाेंने कहा कि पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया के (delay in neet pg Counselling) संबंध में फैसले में चल रही देरी के कारण भी डाॅक्टराें काे भारी परेशानियाें का सामान करना पड़ रहा है. उन्हाेंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब काेविड-19 की तीसरी लहर आने की तैयारी है. ऐसे में फिर से डाॅक्टराें काे दिन-रात एक करना पड़ेगा.

उन्हाेंने केंद्र सरकार और सुप्रीम काेर्ट से भी आग्रह किया है कि इस प्रक्रिया की फास्ट ट्रेक में सुनवाई करें और इसमें आवश्यक संशोधन करें ताकि डाॅक्टराें काे न्याय मिल सके. उन्हाेंने चेतावनी दी है कि वह स्ट्राइक को (IGMC resident doctors strike) तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगाें का काेई स्थाई समाधान नहीं किया जाएगा.

ये भी पढे़ें: लोगों को दूसरी डोज लगी ही नहीं तो फिर हिमाचल पूर्ण वैक्सीनेट राज्य कैसे हुआ: मुकेश अग्निहोत्री

शिमला: नीट-2021 पीजी काउंसलिंग (NEET-2021 PG Counselling) में देरी और गैर इमरजेंसी ड्यूटियाें काे वापिस लेने के लिए अपने राष्ट्रव्यापी विरोध के साथ आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह दाे घंटे की हड़ताल पर रहे. हालांकि इस दौरान (IGMC resident doctors strike) इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं लेकिन फिर भी मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी .

आईजीएमसी रेजिडेंट डाॅक्टर एसाेसिएशन के महासचिव डाॅ. अंकित ने कहा कि वह पीजी उम्मीदवारों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हैं. उन्हाेंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर मानसिक और शारीरिक ताैर पर बोझ तले दबे हुए हैं. रेजिडेंट डॉक्टर कुछ घंटें ही आराम कर पा रहे हैं जबकि उन्हें कई-कई घंटे ड्यूटियां करनी पड़ रही हैं.

उन्हाेंने कहा कि पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया के (delay in neet pg Counselling) संबंध में फैसले में चल रही देरी के कारण भी डाॅक्टराें काे भारी परेशानियाें का सामान करना पड़ रहा है. उन्हाेंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब काेविड-19 की तीसरी लहर आने की तैयारी है. ऐसे में फिर से डाॅक्टराें काे दिन-रात एक करना पड़ेगा.

उन्हाेंने केंद्र सरकार और सुप्रीम काेर्ट से भी आग्रह किया है कि इस प्रक्रिया की फास्ट ट्रेक में सुनवाई करें और इसमें आवश्यक संशोधन करें ताकि डाॅक्टराें काे न्याय मिल सके. उन्हाेंने चेतावनी दी है कि वह स्ट्राइक को (IGMC resident doctors strike) तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगाें का काेई स्थाई समाधान नहीं किया जाएगा.

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