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आईजीएमसी रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की हड़ताल खत्म, मरीजों को अब नहीं होगी परेशानी - शिमला की ताजा खबरें

दिल्ली में डॉक्टरों के साथ मारपीट और उन्हें जबरदस्ती संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल खत्म (IGMC resident doctors strike ends ) हो गई है. आईजीएमसी में रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को वार्डों, ऑपरेशन थियेटर व ओ.पी.डी. में काम करना (resident doctors strike in IGMC) बंद कर दिया था, लेकिन दोपहर बाद केंद्रीय रेजिडेंट डॉक्टरों से आश्वासन मिलने के बाद आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को वापस लिया.

IGMC resident doctors strike ends
आईजीएमसी रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन
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Published : Dec 31, 2021, 5:26 PM IST

शिमला: दिल्ली में डॉक्टरों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे संघर्ष को हिंसात्मक तरीके से दबाने की कोशिश, मारपीट और जबरदस्ती डॉक्टरों को संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आई.जी.एम.सी. में रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को दोपहर तक हड़ताल की. जिसके कारण मरीजों को (resident doctors strike in IGMC) परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह के समय दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन ओपीडी में रेजीडेंट डॉक्टर नहीं होने की वजह से उन्हें घंटों वहीं बैठकर इंतजार करना पड़ा.


दोपहर बाद केंद्रीय रेजिडेंट डॉक्टरों से आश्वासन मिलने के बाद आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को वापिस लिया. अब रेजिडेंट (IGMC resident doctors strike ends ) डॉक्टर रोजाना की तरह रूटीन में अपनी ड्यूटी देंगे. बताया जा रहा है कि केंद्रीय एसोसिएशन केंद्रीय मंत्री से मिली है और उन्होंने (Central Resident Doctors Association)आशवासन दिया है कि 6 जनवरी को मांगे पूरी कर ली जाएंगी. वहीं, जिन डॉक्टरों के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई है उसे भी वापिस लिया जाएगा.

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. माधव ने कहा कि (Resident Doctors Association himachal) लोकतंत्र में हर नागरिक को अधिकार है कि वह अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रख सकता है, लेकिन इस तरह का बर्बरता पूर्ण रवैया दिल्ली पुलिस ने दिखाया और जबरदस्ती चिकित्सकों को वहां से उठाया. यहां तक की महिला चिकित्सकों के साथ भी दुर्व्यवहार और हिंसात्मक रवैया अपनाया गया.

उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर पी.जी. काउंसलिंग को जल्द से जल्द करवाने की मांग पिछले डेढ़ महीने से शांतिपूर्ण तरीके कर रहे हैं. इस काउंसलिंग से अगर नए विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पूरे देश में दाखिल होंगे तो उससे किसको फायदा होगा. जाहिर है कि फायदा जनता को होना है, क्योंकि इस समय पूरा देश करोना कि अगली लहर के कहर के साए में जी रहा है तो फिर यह मांग कैसे अनुचित है. आईजीएमसी में पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले भी हड़ताल हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर ने (Resident Doctors Association himachal) जब हड़ताल की तो उसके बाद हिमाचल सरकार ने पी.जी. काउंसलिंग को शुरू करवाया था. उस दौरान भी आईजीएमसी में काफी ज्यादा दिक्कतें सामने आई थीं.

ये भी पढ़ें : DOCTOR TRANSFERS IN HIMACHAL: सिरमौर में चार नए डॉक्टर की तैनाती, पांवटा साहिब और शिलाई में देंगे सेवाएं

शिमला: दिल्ली में डॉक्टरों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे संघर्ष को हिंसात्मक तरीके से दबाने की कोशिश, मारपीट और जबरदस्ती डॉक्टरों को संघर्ष स्थल से उठाने को लेकर आई.जी.एम.सी. में रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को दोपहर तक हड़ताल की. जिसके कारण मरीजों को (resident doctors strike in IGMC) परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह के समय दूर-दराज से मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन ओपीडी में रेजीडेंट डॉक्टर नहीं होने की वजह से उन्हें घंटों वहीं बैठकर इंतजार करना पड़ा.


दोपहर बाद केंद्रीय रेजिडेंट डॉक्टरों से आश्वासन मिलने के बाद आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को वापिस लिया. अब रेजिडेंट (IGMC resident doctors strike ends ) डॉक्टर रोजाना की तरह रूटीन में अपनी ड्यूटी देंगे. बताया जा रहा है कि केंद्रीय एसोसिएशन केंद्रीय मंत्री से मिली है और उन्होंने (Central Resident Doctors Association)आशवासन दिया है कि 6 जनवरी को मांगे पूरी कर ली जाएंगी. वहीं, जिन डॉक्टरों के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई है उसे भी वापिस लिया जाएगा.

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. माधव ने कहा कि (Resident Doctors Association himachal) लोकतंत्र में हर नागरिक को अधिकार है कि वह अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रख सकता है, लेकिन इस तरह का बर्बरता पूर्ण रवैया दिल्ली पुलिस ने दिखाया और जबरदस्ती चिकित्सकों को वहां से उठाया. यहां तक की महिला चिकित्सकों के साथ भी दुर्व्यवहार और हिंसात्मक रवैया अपनाया गया.

उन्होंने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर पी.जी. काउंसलिंग को जल्द से जल्द करवाने की मांग पिछले डेढ़ महीने से शांतिपूर्ण तरीके कर रहे हैं. इस काउंसलिंग से अगर नए विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पूरे देश में दाखिल होंगे तो उससे किसको फायदा होगा. जाहिर है कि फायदा जनता को होना है, क्योंकि इस समय पूरा देश करोना कि अगली लहर के कहर के साए में जी रहा है तो फिर यह मांग कैसे अनुचित है. आईजीएमसी में पी.जी. काउंसलिंग को लेकर पहले भी हड़ताल हो चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर ने (Resident Doctors Association himachal) जब हड़ताल की तो उसके बाद हिमाचल सरकार ने पी.जी. काउंसलिंग को शुरू करवाया था. उस दौरान भी आईजीएमसी में काफी ज्यादा दिक्कतें सामने आई थीं.

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