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IGMC में अब रात 1 बजे तक होंगे कोरोना टेस्ट, दूसरे दिन मिलेगी रिपोर्ट

शिमला में लगभग 100 मामले अभी भी सामने आ चुके है. ऐसे में मरीजों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए ना भटकना पड़े और रिपोर्ट जल्दी मिल जाये इसके लिए आईजीएमसी में अब देर रात तक एक बजे तक कोरोना सैंपल की जांच की जाएगी.

IGMC administration will examine samples of Corona patients till late 1 o'clock
IGMC administration will examine samples of Corona patients till late 1 o'clock
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Published : Dec 12, 2020, 3:25 PM IST

शिमलाः प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी शिमला में लगभग 100 मामले अभी भी सामने आ चुके है. ऐसे में मरीजों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए ना भटकना पड़े और रिपोर्ट जल्दी मिल जाये इसके लिए आईजीएमसी में अब देर रात तक एक बजे तक कोरोना सैंपल की जांच की जाएगी.

ऐसा करने से ज्यादातर मरीजों की कोरोना रिपोर्ट दूसरे दिन ही मिल जाएगी. इससे करीब 200 मरीजों की रिपोर्ट पेंडिंग नहीं रहेगी. उसी दिन देर रात तक वह रिपोर्ट आ जाएगी, जिससे कि आसानी से दूसरे दिन मरीजों को रिपोर्ट दे दी जाएगी.

आइजीएमसी में सोलन, बिलासपुर, किन्नौर, लाहौल स्पीति के कोरोना सैम्पल जांच के लिए आते हैं, जिससे की रिपोर्ट आने में देरी लग जाती है. हालांकि आईजीएमसी के अलावा कसौली, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज, नाहन मेडिकल कॉलेज, टांडा मेडिकल कॉलेज और चंबा मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर मशीनें लगाई है.

एक साथ 90 सैंपल की होगी जांच
कोरोना जांच करने वाली मशीन में एक साथ 90 सैंपल जांच के लिए लगाए जाते हैं, करीब 3 से 4 घंटे एक सैंपल की रिपोर्ट आने में लग जाता है. यहां पर अभी 2 मशीनें हैं, लेकिन कई सैंपल आपातकाल में आ जाते हैं, जिन्हें पहले लगाना होता है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि आरटीपीसी सैंपल की रिपोर्ट आने में 24 घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगता.

सैंपल में कुछ गलती के चलते प्रक्रिया लंबी चली जाती है. सैंपल के फेल हो जाने पर इसे दोबारा लेना पड़ता है, जिससे कि ये प्रक्रिया फिर से पहले जैसी हो जाती है. आईजीएमसी में दो आरटीपीसी मशीनें इस समय कोविड सैंपलों की जांच कर रही है, इसमें एक मशीन में एक साथ 70 और एक मशीन में 90 सैंपल लगाए जा सकते हैं.

आईजीएमसी को मिले चार फार्मासिस्ट
आईजीएमसी प्रशासन को चार फार्मासिस्ट मिले हैं. प्रशासन ने सरकार से इनकी डिमांड की थी, जिसके बाद सरकार से यह फार्मासिस्ट मिले हैं. इसके बाद अब देर रात तक सैंपलों की जांच की जाएगी. ये फार्मासिस्ट शिफ्टों में काम करेंगे. पहले यहां स्टाफ की कमी थी, जिसके कारण यहां नौ बजे तक ही जांच की जा रही थी. वहीं, अगर सरकार अब यहां पर मशीनों की संख्या बढ़ा दे तो यहां पर सभी सैंपलों की रिपोर्ट दूसरे दिन आ सकेगी.

रोजाना 500 से ज्यादा सैंपलों की जांच
अभी आइजीएमसी में मरीजों को कोरोना टेस्टिंग के सैंपल देने के बाद रिपोर्ट के लिए 3 से 4 दिन का इंतजार करना पड़ता था. ऐसा इसलिए होता था, क्योंकि यहां पर टेस्टिंग के लिए केवल दो ही मशीनें लगाई गई हैं, जो रात 9 बजे तक ही सैंपल की जांच करती थी.

इन मशीनों में सैंपल लगाने के बाद 3 से 4 घंटे एक रिपोर्ट बनाने में लगते थे. मशीन में एक बार में 90 सैंपल लगाए जाते हैं. ऐसे में दो मशीनों में से एक दिन में लगभग 250 से 300 सैंपल की रिपोर्ट ही आ पाती थी, जबकि आईजीएमसी में रोजाना 500 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए आते हैं.

अब ज्यादा सैंपलों की होगी जांच
वहीं, जानकारी देते हुए आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने कहा कि आईजीएमसी में देर रात एक बजे तक कोरोना सैंपल की जांच होगी. टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर सरकार ने आउटसोर्स पर भर्तियां करने के भी निर्देश जारी किए थे.

इसके तहत विभिन्न मेडिकल कॉलेज जहां पर सैंपलों की जांच की जाती है, वहां पर आउटसोर्स आधार पर लैब टेक्नीशियनों को रखा जा रहा है. ऐसे में अब पहले जो मशीनें 9 बजे तक चलती थी वे रात 1 बजे तक चलाई जाएगी, जिससे की ज्यादा सैंपलों की जांच हो पाएगी.

शिमलाः प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी शिमला में लगभग 100 मामले अभी भी सामने आ चुके है. ऐसे में मरीजों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए ना भटकना पड़े और रिपोर्ट जल्दी मिल जाये इसके लिए आईजीएमसी में अब देर रात तक एक बजे तक कोरोना सैंपल की जांच की जाएगी.

ऐसा करने से ज्यादातर मरीजों की कोरोना रिपोर्ट दूसरे दिन ही मिल जाएगी. इससे करीब 200 मरीजों की रिपोर्ट पेंडिंग नहीं रहेगी. उसी दिन देर रात तक वह रिपोर्ट आ जाएगी, जिससे कि आसानी से दूसरे दिन मरीजों को रिपोर्ट दे दी जाएगी.

आइजीएमसी में सोलन, बिलासपुर, किन्नौर, लाहौल स्पीति के कोरोना सैम्पल जांच के लिए आते हैं, जिससे की रिपोर्ट आने में देरी लग जाती है. हालांकि आईजीएमसी के अलावा कसौली, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज, नाहन मेडिकल कॉलेज, टांडा मेडिकल कॉलेज और चंबा मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर मशीनें लगाई है.

एक साथ 90 सैंपल की होगी जांच
कोरोना जांच करने वाली मशीन में एक साथ 90 सैंपल जांच के लिए लगाए जाते हैं, करीब 3 से 4 घंटे एक सैंपल की रिपोर्ट आने में लग जाता है. यहां पर अभी 2 मशीनें हैं, लेकिन कई सैंपल आपातकाल में आ जाते हैं, जिन्हें पहले लगाना होता है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि आरटीपीसी सैंपल की रिपोर्ट आने में 24 घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगता.

सैंपल में कुछ गलती के चलते प्रक्रिया लंबी चली जाती है. सैंपल के फेल हो जाने पर इसे दोबारा लेना पड़ता है, जिससे कि ये प्रक्रिया फिर से पहले जैसी हो जाती है. आईजीएमसी में दो आरटीपीसी मशीनें इस समय कोविड सैंपलों की जांच कर रही है, इसमें एक मशीन में एक साथ 70 और एक मशीन में 90 सैंपल लगाए जा सकते हैं.

आईजीएमसी को मिले चार फार्मासिस्ट
आईजीएमसी प्रशासन को चार फार्मासिस्ट मिले हैं. प्रशासन ने सरकार से इनकी डिमांड की थी, जिसके बाद सरकार से यह फार्मासिस्ट मिले हैं. इसके बाद अब देर रात तक सैंपलों की जांच की जाएगी. ये फार्मासिस्ट शिफ्टों में काम करेंगे. पहले यहां स्टाफ की कमी थी, जिसके कारण यहां नौ बजे तक ही जांच की जा रही थी. वहीं, अगर सरकार अब यहां पर मशीनों की संख्या बढ़ा दे तो यहां पर सभी सैंपलों की रिपोर्ट दूसरे दिन आ सकेगी.

रोजाना 500 से ज्यादा सैंपलों की जांच
अभी आइजीएमसी में मरीजों को कोरोना टेस्टिंग के सैंपल देने के बाद रिपोर्ट के लिए 3 से 4 दिन का इंतजार करना पड़ता था. ऐसा इसलिए होता था, क्योंकि यहां पर टेस्टिंग के लिए केवल दो ही मशीनें लगाई गई हैं, जो रात 9 बजे तक ही सैंपल की जांच करती थी.

इन मशीनों में सैंपल लगाने के बाद 3 से 4 घंटे एक रिपोर्ट बनाने में लगते थे. मशीन में एक बार में 90 सैंपल लगाए जाते हैं. ऐसे में दो मशीनों में से एक दिन में लगभग 250 से 300 सैंपल की रिपोर्ट ही आ पाती थी, जबकि आईजीएमसी में रोजाना 500 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए आते हैं.

अब ज्यादा सैंपलों की होगी जांच
वहीं, जानकारी देते हुए आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने कहा कि आईजीएमसी में देर रात एक बजे तक कोरोना सैंपल की जांच होगी. टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर सरकार ने आउटसोर्स पर भर्तियां करने के भी निर्देश जारी किए थे.

इसके तहत विभिन्न मेडिकल कॉलेज जहां पर सैंपलों की जांच की जाती है, वहां पर आउटसोर्स आधार पर लैब टेक्नीशियनों को रखा जा रहा है. ऐसे में अब पहले जो मशीनें 9 बजे तक चलती थी वे रात 1 बजे तक चलाई जाएगी, जिससे की ज्यादा सैंपलों की जांच हो पाएगी.

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