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7 माह के बच्चे की मौत का मामला: आईजीएमसी प्रशासन ने जांच के लिए एफएसएल जुंगा भेजे सैंपल - sfl report

आईजीएमसी प्रशासन ने बीते सोमवार को अस्पताल में सात महीने के बच्चे की हुई मौत मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रशासन ने बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कर जांच के लिए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला जुंगा भेजा है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज का कहना है कि एसएफएल रिपोर्ट आने के बाद बच्चे की मौत का सही कारण पता लग सकेगा. इस मामले में बच्चे के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था.

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Published : Sep 21, 2021, 4:58 PM IST

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल में बीते सोमवार को सात महीने के बच्चे की मौत की बाद अस्पताल प्रशासन इस मामले की जांच में जुट गया है. बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कर जांच के लिए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) जुंगा भेजा गया है. ताकि बच्चे की मौत का सही कारण पता लग सके.

बच्चे की मौत के मामले में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज का कहना है कि अस्पताल में सात माह के बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था. पोस्टमार्टम के बाद जांच के लिए सैंपल जुंगा लैब भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चे की मौत का कारण पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में हर रोज सैकड़ों मरीज गंभीर अवस्था में आते हैं और डॉक्टर उनकी जान बचाने का हर संभव कोशिश करता है.

बता दें कि आईजीएमसी अस्पताल में सोमवार को रोहडू के रहने वाले सात माह के बच्चे की मौत अस्पताल में हो गई थी. परिजनों का कहना था कि उनका बच्चे को खांसी की दिक्कत थी. शनिवार को इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चे को जिस बेड पर रखा गया था वहां, पहले से ही एक 14 साल का बच्चा था. नर्स ने 14 साल के बच्चे को लगने वाले इंजेक्शन को उनके बच्चे को लगा दिया. जिससे कुछ ही देर में उनके बच्चे ने दम तोड़ दिया. हंगामे के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने परिजनों को इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.

ये भी पढ़ें: मंडी के एक बोर्डिंग स्कूल में 40 बच्चे कोरोना पॉजिटिव, सभी को किया गया आइसोलेट

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल में बीते सोमवार को सात महीने के बच्चे की मौत की बाद अस्पताल प्रशासन इस मामले की जांच में जुट गया है. बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कर जांच के लिए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) जुंगा भेजा गया है. ताकि बच्चे की मौत का सही कारण पता लग सके.

बच्चे की मौत के मामले में आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज का कहना है कि अस्पताल में सात माह के बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था. पोस्टमार्टम के बाद जांच के लिए सैंपल जुंगा लैब भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चे की मौत का कारण पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में हर रोज सैकड़ों मरीज गंभीर अवस्था में आते हैं और डॉक्टर उनकी जान बचाने का हर संभव कोशिश करता है.

बता दें कि आईजीएमसी अस्पताल में सोमवार को रोहडू के रहने वाले सात माह के बच्चे की मौत अस्पताल में हो गई थी. परिजनों का कहना था कि उनका बच्चे को खांसी की दिक्कत थी. शनिवार को इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चे को जिस बेड पर रखा गया था वहां, पहले से ही एक 14 साल का बच्चा था. नर्स ने 14 साल के बच्चे को लगने वाले इंजेक्शन को उनके बच्चे को लगा दिया. जिससे कुछ ही देर में उनके बच्चे ने दम तोड़ दिया. हंगामे के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने परिजनों को इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.

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