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किन्नौर की पहाड़ियों पर दिखे दुर्लभ IBEX, देखें वीडियो

किन्नौर की रोपा घाटी की पहाड़ियों पर रविवार को (Ropa Valley of Kinnaur) आईबेक्स यानी पहाड़ी जंगली बकरों का बहुत बड़ा झुंड देखने को मिला है. जिसे स्थानीय लोगों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. इन दिनों काफी संख्या में पर्यटक इन जानवरों को देखने के लिए भी यहां पहुंचते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही इन आईबेक्स को देख पाते हैं.

ibex in kinnaur
आइबेक्स
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Published : Mar 27, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 7:10 PM IST

किन्नौर: किन्नौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों मे पर्यटक इन दिनों स्नो लेपर्ड और आईबेक्स (Snow leopard and ibex in kinnaur) की तस्वीरें लेने व उनके दीदार के लिए रोजाना पहाड़ों की ओर देखकर उनका इंतजार करते हैं, लेकिन यह दोनों जंगली जानवर बहुत कम ही पर्यटकों व स्थानीय लोगों को दिखते हैं. रविवार को जिले के रोपा घाटी की पहाड़ियों (Ropa Valley of Kinnaur) पर आईबेक्स यानी पहाड़ी जंगली बकरों का बहुत बड़ा झुंड देखने को मिला. जिसे स्थानीय लोगों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया.

किन्नौर जिले के ऊंची पहाड़ियों पर रहने वाले आईबेक्स यानि पहाड़ी (Rare ibex seen on the hills) जंगली बकरों का वजन 80 किलो से एक क्विंटल तक हो सकता है और इनके सूंघने की शक्ति इतनी तेज होती है कि वह लोगों की आहट व आवाजाही को कई किलोमीटर दूर से आभास कर सकते हैं. यह आईबेक्स इस वर्ष रोपा घाटी के पहाड़ियों के निचले हिस्सों तक आए हुए हैं, क्योंकि आईबेक्स पीने के पानी की तलाश व स्वयं को दूसरे जानवरों से बचाव करते हुए सफर करते हैं और रोपा क्षेत्र में लोग आईबेक्स को पवित्र जानवर मानते हैं.

वीडियो.

आईबेक्स को बहुत ही दुर्लभ किस्म का जंगली या पहाड़ी बकरा भी कहा जा सकता है. यह ऐसी पहाड़ियों पर रहते हैं जहां आदमी तो दूर, जंगल के खूंखार जानवर भी इन तक आसानी से नहीं पहुंच पाते. जानकार बताते हैं कि किन्नौर (Tourism in kinnaur) के कई क्षेत्रों मे अब आईबेक्स ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच रहे हैं और पीने के पानी के अलावा शुद्ध घास भी खा रहे हैं. जानकारों के अनुसार आईबेक्स किसी मानव के द्वारा छुए हुए घास या अनाज को नहीं खाते हैं. केवल जंगल में शुद्ध साफ घास को ही खाते हैं और पीने के पानी के लिए वे या तो सतलुज या फिर स्वच्छ नदी नालों में जाते हैं.

ये भी पढ़ें: IPS अधिकारी को लात मारने वाले CM जयराम ठाकुर के PSO पर महिला ने लगाए मारपीट के आरोप

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किन्नौर: किन्नौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों मे पर्यटक इन दिनों स्नो लेपर्ड और आईबेक्स (Snow leopard and ibex in kinnaur) की तस्वीरें लेने व उनके दीदार के लिए रोजाना पहाड़ों की ओर देखकर उनका इंतजार करते हैं, लेकिन यह दोनों जंगली जानवर बहुत कम ही पर्यटकों व स्थानीय लोगों को दिखते हैं. रविवार को जिले के रोपा घाटी की पहाड़ियों (Ropa Valley of Kinnaur) पर आईबेक्स यानी पहाड़ी जंगली बकरों का बहुत बड़ा झुंड देखने को मिला. जिसे स्थानीय लोगों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया.

किन्नौर जिले के ऊंची पहाड़ियों पर रहने वाले आईबेक्स यानि पहाड़ी (Rare ibex seen on the hills) जंगली बकरों का वजन 80 किलो से एक क्विंटल तक हो सकता है और इनके सूंघने की शक्ति इतनी तेज होती है कि वह लोगों की आहट व आवाजाही को कई किलोमीटर दूर से आभास कर सकते हैं. यह आईबेक्स इस वर्ष रोपा घाटी के पहाड़ियों के निचले हिस्सों तक आए हुए हैं, क्योंकि आईबेक्स पीने के पानी की तलाश व स्वयं को दूसरे जानवरों से बचाव करते हुए सफर करते हैं और रोपा क्षेत्र में लोग आईबेक्स को पवित्र जानवर मानते हैं.

वीडियो.

आईबेक्स को बहुत ही दुर्लभ किस्म का जंगली या पहाड़ी बकरा भी कहा जा सकता है. यह ऐसी पहाड़ियों पर रहते हैं जहां आदमी तो दूर, जंगल के खूंखार जानवर भी इन तक आसानी से नहीं पहुंच पाते. जानकार बताते हैं कि किन्नौर (Tourism in kinnaur) के कई क्षेत्रों मे अब आईबेक्स ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच रहे हैं और पीने के पानी के अलावा शुद्ध घास भी खा रहे हैं. जानकारों के अनुसार आईबेक्स किसी मानव के द्वारा छुए हुए घास या अनाज को नहीं खाते हैं. केवल जंगल में शुद्ध साफ घास को ही खाते हैं और पीने के पानी के लिए वे या तो सतलुज या फिर स्वच्छ नदी नालों में जाते हैं.

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Last Updated : Mar 27, 2022, 7:10 PM IST
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