शिमला: राजधानी में करवा चौथ पर्व को लेकर बाजारों की रौनक बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे करवा चौथ का पर्व नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे महिलाएं तैयारियां भी तेज कर दी हैं. मंगलवार को शिमला के लोअर बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. जगह-जगह करवा चौथ के सामानों से दुकानें सजी हुई नजर आई. दुकानों पर सस्ते से लेकर महंगे सामान बिक रहे हैं. महिलाओं को लुभाने के लिए तरह-तरह की फैंसी चुड़ियां और श्रृंगार के सामान बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं.
करवाचौथ का पर्व 24 अक्तूबर रविवार को है. ऐसे में महिलाएं करवा चौथ के लिए जरूरी सामानों की खरीदारी अभी से ही शुरू कर दी हैं. वहीं, दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें करवा चौथ के सामान से पूरी तरह सजा के रखी हुई है. करवा चौथ का सामान शहर के विभिन्न स्थानों पर रेहड़ी फड़ी वालों ने भी सजाया है. खासकर संजौली, छोटा शिमला, पंथाघाटी, विकास नगर, खलीनी, बालुगंज और ढली में करवा चौथ के सामान से दुकानें सजी हुई हैं.
बता दें कि समय के साथ-साथ पर्वों में इस्तेमाल होने वाले सामान में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. बाजार में साधारण कलश से लेकर फैन्सी कलश, थाली भी मौजूद है. इसके अतिरिक्त दान में दी जाने वाली सुहागी भी पैकेट में तैयार की गई है. वहीं, शहर के टक्का बैंच और कालीबाड़ी मंदिर के समीप हाथों में मेहंदी लगाने वालों की भी खूब चांदी रहती है.
शहर के दुकानदारों का कहना है कि पिछला त्योहारी सीजन कोरोना की भेंट चढ़ गया था. उन्हें उम्मीद है कि इस बार त्योहारी सीजन में उनकी अच्छी कमाई होगी. जिससे पिछले सीजन में हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकेगी.
महिलाओं ने बताया कि वे कई सालों से यहां पर करवा चौथ और सावन के महीने में मेहंदी लगवाने आती हैं. यहां के मेहंदी डिजाइनर काफी अच्छे-अच्छे डिजाइन लगाते हैं. करवा चौथ से एक दिन पहले इन दोनों जगहों पर मेंहदी लगाने के लिए महिलाओं की भीड़ लगी होती है. मेंहदी का रेट 150 से लेकर 1500 रुपये तक है.
गौर रहे कि आजकल मेहंदी लगाने को लेकर महिलाओं की इतनी ज्यादा तादाद देखने को नहीं मिल रही, जैसे बीते कुछ सालों में देखने को मिलती थी. मेहंदी लगाने वाले कारोबारियों का कहना है कि शादियों की वजह से अभी कम महिलाएं मेहंदी लगाने के लिए आ रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि शुक्रवार से मेहंदी लगवाने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है.
सुहागने अपने पति की लंबी आयु व सुखी दांपत्य जीवन के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार करके ही पूजा में बैठती हैं. जिन महिलाओं का पहला करवा चौथ होता है उन्हें शादी का जोड़ा पहनकर करवा चौथ पूजन करना शुभ माना जाता है. महिलाएं पूजा अर्चना करने के बाद रात के समय चांद को अर्घ्य देकर करवा चौथ का व्रत तोड़ती हैं.
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