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शिक्षा की गुणवत्ता और रैंक सुधारने के लिए HPU में कार्यशाला आयोजित, शैक्षणिक ऑडिट करवाने की सलाह

इर्टनल क्वालिटी ऐशोरेंस सेल द्वारा दो दिवसीय कार्याशाला का आयोजन हुआ. कार्याशाला में प्रो. रमेश कासेतवार विश्वविद्यालयों में शिक्षण की गुणवता को बनाए रखने के लिए आंतरिक व बाहरी शैक्षणिक ऑडिट को जरुरी बताया.

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Published : Aug 6, 2019, 9:45 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यलय की शिक्षा में गुणवत्ता लाने व अपना रैंक सुधारने के लिए इर्टनल क्वालिटी एशोरेंस सेल द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में प्रो. रमेश कासेतवार बतौर मुख्यातिथि पहुंचे.
प्रो. रमेश कासेतवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवता को बनाए रखने के लिए आंतरिक व बाहरी शैक्षणिक ऑडिट होना जरुरी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक ऑडिट करवाना इसलिए भी जरूरी होता है ताकि बाजार की मांग और शैक्षणिक जगत की जरुरत के अनुसार नए रोजगार परक व कौशल विकास पर आधारित सिलेबस शुरू किए जा सकें.
प्रो. कासेतवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संगोष्ठियां आयोजित करना ही काफी नहीं होता बल्कि उन संगोष्ठियों में व्याख्यानों के दौरान निकाले गए निष्कर्षों को प्रयोग में लाया जाना चाहिए.
वहीं,कार्याशाला को संबोधित करते हुए विवि कुलपति आचार्य सिकन्दर कुमार ने कहा है कि एचपीयू के आंतरिक गुणवत्ता को और अधिक क्रियाशील बनाया जाएगा ताकि एचपीयू में अगले वर्ष होने वाले नैक के दौरे के लिए तैयारियां गहनशीलता से की जा सके.
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को अलग से प्लेसमेंट सेल, ईआरपी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ सॉफ्ट स्क्लि डवेल्पमेंट और छात्र हैल्प लाईन जैसे कार्यों को जल्द पूर्ण किया जाएगा. नए शैक्षणिक विभागों के साथ-साथ प्राध्यापकों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर करने की भी बात कही.

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यलय की शिक्षा में गुणवत्ता लाने व अपना रैंक सुधारने के लिए इर्टनल क्वालिटी एशोरेंस सेल द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में प्रो. रमेश कासेतवार बतौर मुख्यातिथि पहुंचे.
प्रो. रमेश कासेतवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवता को बनाए रखने के लिए आंतरिक व बाहरी शैक्षणिक ऑडिट होना जरुरी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक ऑडिट करवाना इसलिए भी जरूरी होता है ताकि बाजार की मांग और शैक्षणिक जगत की जरुरत के अनुसार नए रोजगार परक व कौशल विकास पर आधारित सिलेबस शुरू किए जा सकें.
प्रो. कासेतवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संगोष्ठियां आयोजित करना ही काफी नहीं होता बल्कि उन संगोष्ठियों में व्याख्यानों के दौरान निकाले गए निष्कर्षों को प्रयोग में लाया जाना चाहिए.
वहीं,कार्याशाला को संबोधित करते हुए विवि कुलपति आचार्य सिकन्दर कुमार ने कहा है कि एचपीयू के आंतरिक गुणवत्ता को और अधिक क्रियाशील बनाया जाएगा ताकि एचपीयू में अगले वर्ष होने वाले नैक के दौरे के लिए तैयारियां गहनशीलता से की जा सके.
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को अलग से प्लेसमेंट सेल, ईआरपी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ सॉफ्ट स्क्लि डवेल्पमेंट और छात्र हैल्प लाईन जैसे कार्यों को जल्द पूर्ण किया जाएगा. नए शैक्षणिक विभागों के साथ-साथ प्राध्यापकों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर करने की भी बात कही.

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Intro:
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए ओर अपना रैंक सुधारने के लिए शैक्षणिक ऑडिट करने की सलाह सी.पी विवि मेवाड़ के पूर्व कुलपति व नैक विषेषज्ञ, आचार्य रमेश कासेतवार ने दी। एचपीयू के आंतरिक गुणवत्ता विष्वसनीयता प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में बतौर अतिथि पहुंचे प्रो.रमेश कासेतवार ने इस कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षण संस्थानों विशेष रूप से विश्वविद्यालयों में शिक्षण की गुुनवता को बनाए रखने के लिए आंतरिक व बाह्य शैक्षणिक आडिट होना अति आवशयक है।
Body:उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संगोष्ठियां इत्यादि आयोजित करना ही काफी नहीं होता बल्कि उन संगोष्ठियों में व्याख्यानों के दौरान निकाले गए निष्कर्षों को कार्यरूप दिया जाना चाहिए। इनमें उजागर हुई कमियों को सुधारने के लिए सार्थक प्रयास होने चाहिए जिससे उच्चतर शिक्षा में तथ्यपरक वृद्धि हो सकती है। आचार्य कासेतवार ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक ऑडिट करवाना इसलिए भी आवशयक होता है ताकि बाज़ार की मांग तथा शैक्षणिक जगत की आवष्यकताओं के अनुसार नए रोज़गारपरक कौशल-विकास पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकें।
Conclusion:वहीं इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वविश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सिकन्दर कुमार ने कहा है कि एचपीयू के आंतरिक गुणवत्ता विश्वसनियता प्रकोष्ठ को और अधिक क्रियाशील बनाया जाएगा ताकि एचपीयू में अगले वर्ष होने वाले नैक के दौरे के लिए तैयारियां और गहनशीलता से की जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकोष्ठ में विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त हो चुके प्राध्यापकों ओर अधिकारियों को भी जोड़ा जाएगा ताकि शैक्षणिक गुणात्मकता के लिए कार्य और अधिक गतिशीलता और प्रभावशाली रूप में किया जा सके। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को अलग से प्लेसमेंट सैल, ईआरपी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ साॅफ्ट स्क्लि डवेल्पमेंट और छात्र हैल्प लाईन जैसे कार्यों को अतिशीघ्र पूर्ण करना होगा। नए शैक्षणिक विभागों के साथ-साथ प्राध्यापकों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।

         
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