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HPU में NSUI को धरना करना पड़ा महंगा, प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह सहित तीन पर बैन

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को धरना करना महंगा पड़ गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर सहित तीन पर बैन लगा दिया. वहीं, विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले तीन छात्रों पर भी नजर रखी जाएगी. यदि नियमों को ताक पर रखा जाएगा तो इनको बिना सुनवाई निष्काषित किया जाएगा.

शिमला
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Published : Aug 14, 2021, 7:57 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को धरना करना महंगा पड़ गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने धरना करने वाले विद्यार्थियों पर बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से जारी नोटिस में तीन ऐसे आउटसाइडर कार्यकर्ताओं पर बैन लगाया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया.

इनमें एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर, प्रवीण और बलविंदर सिंह बल्लू शामिल हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले यासीन मोहम्मद, विनोद कुमार और रजत भारद्वाज पर संबंधित विभाग के अध्यक्ष, चीफ वार्डन और चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज की नजर रहेगी. यदि यह नियमों को तोड़ते हैं, तो इन्हें बिना सुनवाई निष्काषित किया जाएगा.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज अरविंद कालिया की ओर से जारी आदेशों में एनएसयूआई के इन कार्यकर्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों की अवहेलना माना गया. उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक प्रदेश विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों पर की गई कार्रवाई को एनएसयूआई ने तानाशाही रवैया करार दिया है. एनएसयूआई के राज्य उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाए हुए है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर विशेष विचारधारा के लिए काम करने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें:स्वतंत्रता दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह के लिए मंडी तैयार, सीएम जयराम फहराएंगे तिरंगा

शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को धरना करना महंगा पड़ गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने धरना करने वाले विद्यार्थियों पर बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से जारी नोटिस में तीन ऐसे आउटसाइडर कार्यकर्ताओं पर बैन लगाया है, जिन्होंने विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया.

इनमें एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर, प्रवीण और बलविंदर सिंह बल्लू शामिल हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले यासीन मोहम्मद, विनोद कुमार और रजत भारद्वाज पर संबंधित विभाग के अध्यक्ष, चीफ वार्डन और चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज की नजर रहेगी. यदि यह नियमों को तोड़ते हैं, तो इन्हें बिना सुनवाई निष्काषित किया जाएगा.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज अरविंद कालिया की ओर से जारी आदेशों में एनएसयूआई के इन कार्यकर्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों की अवहेलना माना गया. उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक प्रदेश विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों पर की गई कार्रवाई को एनएसयूआई ने तानाशाही रवैया करार दिया है. एनएसयूआई के राज्य उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाए हुए है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर विशेष विचारधारा के लिए काम करने का आरोप लगाया.

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