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HP SC Commission Meeting: वीरेंद्र कश्यप बोले- अनुसूचित जाति के लोगों के साथ बन्द हो भेदभाव, समाज में समानता होना जरूरी

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Published : Jun 9, 2022, 8:39 PM IST

किन्नौर जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में वीरवार को हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष व पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा आयोग की बैठक (HP SC Commission Meeting) रखी गई. हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके.

sc commission meeting at Reckong Peo
रिकांगपिओ में अनुसूचित जाति आयोग की बैठक

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ स्थित उपायुक्त कार्यालय सभागार में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जिले के अनुसूचित जाति वर्ग की कुछ संस्थाओं व सदस्यों द्वारा बैठक में यह मामला उठाया गया कि जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को न्याय दिलवाने के लिए ‘ऐट्रोसिटी एक्ट’ प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम-2004 के तहत प्रदेश भर में लागू आरक्षण रोस्टर को किन्नौर जिले में भी लागू किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्यों को जिला परिषद अध्यक्ष, पंचायत समिति अध्यक्ष व ग्राम पंचायतों के (HP SC Commission Meeting) प्रधान पदों के लिए आरक्षण उपलब्ध हो सके. आरक्षण उपलब्ध न होने के कारण जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के लोग ग्राम पंचायत प्रधान, पंचायत समिति अध्यक्ष व जिला परिषद अध्यक्ष के पदों पर निर्वाचित होने से वंचित रह रहे हैं.

बैठक में सदस्यों द्वारा वर्ष 2011 की जनगणना में जिले की अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या पर भी आपत्ति जताई और कहा कि इसमें अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या सही नहीं दर्शाई गई है. उन्होंने जिला प्रशासन को आगामी जनगणना में अनुसूचित जाति वर्ग की जाति प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों से भी आग्रह किया कि वे अपनी जाति को न छुपाएं और दस्तावेजों में इसे दर्ज करवाएं ताकि इस वर्ग की आने वाली पीढ़ियां सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं व लाभों से वंचित न हों.

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल जनसंख्या 84,121 में से 14,750 अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या है जो कुल जनसंख्या का 17.53 प्रतिशत बनता है. उन्होंने कहा कि जिले में अनुसूचित जाति वर्ग की साक्षरता दर 67.79 प्रतिशत है. जिले में जिला परिषद व पंचायत समिति में अनुसूचित जाति के 11 सदस्य निर्वाचित हुए हैं जबकि 66 वार्ड सदस्य अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हैं. वीरेंद्र कश्यप ने जनजाति उपयोजना के तहत खर्च की जा रही राशि पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि अनुसूचित जनजाति उपयोजना की राशि का जिले में अनुसूचित जाति की आबादी के आधार पर आबंटन किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष भी उठाएंगे.

ये भी पढ़ें: रिकांगपिओ में HP SC Commission Meeting में नहीं पहुंचे कई अधिकारी, वीरेंद्र कश्यप ने लगाई क्लास

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ स्थित उपायुक्त कार्यालय सभागार में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जिले के अनुसूचित जाति वर्ग की कुछ संस्थाओं व सदस्यों द्वारा बैठक में यह मामला उठाया गया कि जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को न्याय दिलवाने के लिए ‘ऐट्रोसिटी एक्ट’ प्रभावी ढंग से लागू किया जाए.

उन्होंने कहा कि पंचायती राज अधिनियम-2004 के तहत प्रदेश भर में लागू आरक्षण रोस्टर को किन्नौर जिले में भी लागू किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्यों को जिला परिषद अध्यक्ष, पंचायत समिति अध्यक्ष व ग्राम पंचायतों के (HP SC Commission Meeting) प्रधान पदों के लिए आरक्षण उपलब्ध हो सके. आरक्षण उपलब्ध न होने के कारण जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के लोग ग्राम पंचायत प्रधान, पंचायत समिति अध्यक्ष व जिला परिषद अध्यक्ष के पदों पर निर्वाचित होने से वंचित रह रहे हैं.

बैठक में सदस्यों द्वारा वर्ष 2011 की जनगणना में जिले की अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या पर भी आपत्ति जताई और कहा कि इसमें अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या सही नहीं दर्शाई गई है. उन्होंने जिला प्रशासन को आगामी जनगणना में अनुसूचित जाति वर्ग की जाति प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों से भी आग्रह किया कि वे अपनी जाति को न छुपाएं और दस्तावेजों में इसे दर्ज करवाएं ताकि इस वर्ग की आने वाली पीढ़ियां सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं व लाभों से वंचित न हों.

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल जनसंख्या 84,121 में से 14,750 अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या है जो कुल जनसंख्या का 17.53 प्रतिशत बनता है. उन्होंने कहा कि जिले में अनुसूचित जाति वर्ग की साक्षरता दर 67.79 प्रतिशत है. जिले में जिला परिषद व पंचायत समिति में अनुसूचित जाति के 11 सदस्य निर्वाचित हुए हैं जबकि 66 वार्ड सदस्य अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हैं. वीरेंद्र कश्यप ने जनजाति उपयोजना के तहत खर्च की जा रही राशि पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि अनुसूचित जनजाति उपयोजना की राशि का जिले में अनुसूचित जाति की आबादी के आधार पर आबंटन किया जाए ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष भी उठाएंगे.

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