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हायर स्टडी को भेजे 151 डॉक्टर में से 149 भगोड़े, HP High Court ने कहा- 40 लाख गारंटी मनी के बाद मंजूरी दे सरकार - hp high court news

हिमाचल हाई कोर्ट में फेलोशिप के लिए सरकारी एनओसी की मांग को लेकर दायर मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को बताया कि (doctors did not return to Himachal) वर्ष 2016 के बाद से हायर एजुकेशन को भेजे (Himachal doctors went for higher education) 151 डॉक्टरों में से 2 ही वापस आए. इस तरह 149 डॉक्टर भगोड़े हो गए.

Himachal doctors went for higher education
हिमाचल हाई कोर्ट
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Published : Sep 8, 2022, 8:50 PM IST

शिमला: डॉक्टरों को उच्चतर शिक्षा के लिए भेजना हिमाचल सरकार को भारी (Himachal doctors went for higher education) पड़ रहा है. हिमाचल हाई कोर्ट में फेलोशिप के लिए सरकारी एनओसी की मांग को लेकर दायर मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 के बाद से हायर एजुकेशन को भेजे 151 डॉक्टरों में से 2 ही वापस आए. इस तरह 149 डॉक्टर भगोड़े हो गए. अब उनके द्वारा भरे गए बॉन्ड न भुनाए जा सके हैं न ही उनका अता पता चल रहा है.

यही नहीं, 137 डॉक्टरों द्वारा पॉलिसी के अनुसार प्रदेश में कम से कम निर्धारित समय तक नौकरी करने की शर्त को पूरा करने की एवज में दिए चेक भी बाउंस हो गए हैं और उनके खिलाफ संबंधित अदालतों में मुकदमे दायर किए गए हैं. आईजीएमसी शिमला से भेजे गए 47 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2016 -17 में वापस आने चाहिए थे, लेकिन 1 डॉक्टर ही वापस (doctors did not return to Himachal) आकर पॉलिसी के तहत अपनी सेवाएं प्रदेश में दे रहा है. डॉ. आरपीजीएमसी टांडा से भेजे गए 22 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2016 -17 में वापस आने चाहिए थे लेकिन एक भी वापस नहीं लौटा.

इसी तरह आईजीएमसी शिमला से भेजे गए 56 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2017-18 में वापस आने चाहिए थे लेकिन 1 डॉक्टर ही वापस आकर पॉलिसी के तहत अपनी सेवाएं प्रदेश को दे रहा है. मुख्य न्यायाधीश एए सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार द्वारा बताए इन तथ्यों के दृष्टिगत प्रार्थी डॉक्टर को 40 लाख रुपए की बैंक गारंटी देने की शर्त के बाद ही उच्च शिक्षा के लिए एनओसी देने के आदेश पारित किए.

ये भी पढ़ें: NEET Exam Result 2022: शिमला के आदित्य ने देश भर में पाया 409वां अंक, भावना ने भी अच्छे अंकों से पास की परीक्षा

शिमला: डॉक्टरों को उच्चतर शिक्षा के लिए भेजना हिमाचल सरकार को भारी (Himachal doctors went for higher education) पड़ रहा है. हिमाचल हाई कोर्ट में फेलोशिप के लिए सरकारी एनओसी की मांग को लेकर दायर मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 के बाद से हायर एजुकेशन को भेजे 151 डॉक्टरों में से 2 ही वापस आए. इस तरह 149 डॉक्टर भगोड़े हो गए. अब उनके द्वारा भरे गए बॉन्ड न भुनाए जा सके हैं न ही उनका अता पता चल रहा है.

यही नहीं, 137 डॉक्टरों द्वारा पॉलिसी के अनुसार प्रदेश में कम से कम निर्धारित समय तक नौकरी करने की शर्त को पूरा करने की एवज में दिए चेक भी बाउंस हो गए हैं और उनके खिलाफ संबंधित अदालतों में मुकदमे दायर किए गए हैं. आईजीएमसी शिमला से भेजे गए 47 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2016 -17 में वापस आने चाहिए थे, लेकिन 1 डॉक्टर ही वापस (doctors did not return to Himachal) आकर पॉलिसी के तहत अपनी सेवाएं प्रदेश में दे रहा है. डॉ. आरपीजीएमसी टांडा से भेजे गए 22 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2016 -17 में वापस आने चाहिए थे लेकिन एक भी वापस नहीं लौटा.

इसी तरह आईजीएमसी शिमला से भेजे गए 56 डॉक्टर उच्च शिक्षा पूरी कर वर्ष 2017-18 में वापस आने चाहिए थे लेकिन 1 डॉक्टर ही वापस आकर पॉलिसी के तहत अपनी सेवाएं प्रदेश को दे रहा है. मुख्य न्यायाधीश एए सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार द्वारा बताए इन तथ्यों के दृष्टिगत प्रार्थी डॉक्टर को 40 लाख रुपए की बैंक गारंटी देने की शर्त के बाद ही उच्च शिक्षा के लिए एनओसी देने के आदेश पारित किए.

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