शिमला: राजधानी शिमला में इन दिनों जाम से हाल बेहाल (Traffic Jam in Shimla) है. आलम ये है कि दो किलोमीटर का सफर तय करने में भी एक घंटे का समय लग रहा है. शहर के तकरीबन सभी क्षेत्रों में हर रोज जाम लग रहा है. लोगों के साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी जाम से परेशान हैं. वहीं अब इसका असर पर्यटन कारोबार भी पड़ने लगा है. जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन में जिला प्रशासन और पुलिस को सुझाव दिए हैं और शहर में प्रवेश द्वार पर ट्रैफिक लाइट लगाकर ट्रैफिक को कंट्रोल करने को कहा है. साथ ही सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करने वालो पर कार्यवाही की मांग की है.
हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन (Himachal Pradesh Tourism Stakeholder Association) अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि शिमला शहर में ट्रैफिक की समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है. जिसका मुख्य कारण सही से प्लानिंग न होना है. शिमला की सबसे बड़ी बहुमंजिला पार्किंग और माल को जोड़ने वाली लिफ्ट को आस पास बनाया गया है, जिससे इस क्षेत्र में काफी जाम लगता है. उन्होंने कहा कि शहर के अन्य हिस्सों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, क्योंकि अन्य हिस्सों में न तो कोई बहुमंजिला पार्किंग बनाई गई है और न ही माल रोड को जोड़ने वाली कोई अन्य लिफ्ट.
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ट्रैफिक और बढ़ने के बाद एडवाइजरी जारी कर रहा है, जिसका पर्यटन पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वीकेंड पर 11 घंटे में 9 हजार वाहन आने की बात कही जा रही है, लेकिन इतनी गाड़ियां आती नहीं है. शिमला पुलिस पर्यटकों को एडवाइजरी जारी करने के बजाय शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए प्लान तैयार करे. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक जाम के कारण शोघी से शिमला पहुंचने में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगता है. इसको लेकर उन्होंने सुझाव दिया कि शहर में कई जगह ट्रैफिक लाइट लगाई जा सकती हैं, जिससे ये ट्रैफिक कंट्रोल हो सके. इसके अलावा शहर के मुख्य स्थानों पर किसी भी वाहन को सड़क किनारे पार्क करने की अनुमति न दी जाए.
ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान: शिक्षकों में ढूंढना होगा 'अमिताभ बच्चन'