शिमलाः प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों और कामगारों पर कोरोना संकट का बड़ा असर देखने के लिए मिला है. कोविड-19 से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चरमरा गया है. ऐसे में होटल व्यवसायियों के साथ ही रेस्टोरेंट और पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
भले ही अब पर्यटन धीरे-धीरे पटरी लौट रहा है लेकिन कोविड-19 से जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई अभी भी नहीं हो पा रही हैं. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि सरकार की ओर से भी कोई बड़ी राहत पर्यटन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को नहीं दी गई है. प्रदेश सरकार से उनके समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन करने की मांग की जा रही है.
मांगों को लेकर प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला
इस मांग को लेकर शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मिला है. उन्होंने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि पर्यटन कारोबारियों के लिए सरकार की ओर से एक ऐसी कमेटी का गठन किया जाए जहां उनकी समस्याओं और मांगों का सुनवाई हो सके और उसका समाधान भी किया जा सकें.
इन समस्याओं को किया उजागर
शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि एसोसिएशन ने सरकार के सामने अपनी सारी समस्याएं बताई हैं और इसके बाद भी उन्हें बिल थमाए गए हैं. बिजली के बिल के साथ ही पानी और गार्बेज बिल भी बंद पड़े होटल और रेस्टोरेंट को दिए गए हैं. इसके अलावा प्रोपर्टी टैक्स भी उनसे वसूले जा रहे है और किसी भी तरह की राहत उन्हें कोविड के इस संकट के बीच मे सरकार की ओर से नहीं मिली है.
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