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रामपुर में सड़कों की हालत खस्ता, बागवानों को सेब मंडी पहुंचाने में हो रही परेशानी

रामपुर में सड़कों की खस्ता हालत को लेकर बागवानों ने रोष जताया है. उनका कहना है कि सेबों को मंडी ले जाने के लिए रास्तों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोनिवि की ओर से भी समय रहते सड़कों की मरम्मत और रखरखाव नहीं किया गया है.

Condition of  roads in Rampur
Condition of roads in Rampur
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Published : Aug 31, 2020, 6:19 PM IST

रामपुरः उपमंडल रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों सेब का सीजन जोरों पर चल रहा है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के उदासीन रवैये से सड़कों की स्थिति बदतर बनी हुई है. स्थानीय बागवानों का कहना है कि सेब से लदी गाड़ियों को खराब रास्तों से गुजरने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कई बार बारिश के कारण सड़कों पर जमा हुए पानी में गाड़ियं फंस भी जाती हैं.

रापमुर के बागवानों का कहना है कि इस बार सेब की जहां पैदावार में गिरावट आई हैं और बरसात भी कम हुई हैं. दूसरी ओर, सेबों को मंडी ले जाने के लिए रास्तों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों की हालत खस्ता है और लोनिवि की ओर से भी समय रहते सड़कों की मुररमत और रखरखाव नहीं किया गया है.

वीडियो.

बागवानों ने बताया कि रामपुर उपमंडल कि देवठी से दारनघाटी सड़क, बाहलीधार से जुआं सड़क, तकलेच-चौकानाला-मंडोग सड़क की हालत जर्जर बनी हुई है. इस पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है. इन सड़कों पर गड्ढे पड़े हुए हैं. बारिश से अब गढों में पानी भर गया है. ऐसे में वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

एक अन्य बागवान ने बताया कि सड़कों के किनारे पानी की निकासी न होने के कारण सारा पानी सड़क के बीचों-बीच बह रहा है. इससे कई जगह पूरी सड़क पर जलभराव हो गया है. वाहन चालक इस सड़क पर वाहन ले जाने से मना कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 10 हजार के करीब सेब की पेटियां बागवानों द्वारा तैयार की जाती हैं जो मुख्य मार्ग तक पहुंचाना चुनौती बन गया है. ऐसे में यहां के बागवनों ने विभाग व सरकार से मांग की है कि इस सड़क को जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाए ताकि बागवानों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें- कोरोना के दौर में नहीं हो पाए दंगल, पहलवानों को सरकार से मदद की आस

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कोरोना वायरस से 34वीं मौत, व्यक्ति ने आईजीएमसी में तोड़ा दम

रामपुरः उपमंडल रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों सेब का सीजन जोरों पर चल रहा है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के उदासीन रवैये से सड़कों की स्थिति बदतर बनी हुई है. स्थानीय बागवानों का कहना है कि सेब से लदी गाड़ियों को खराब रास्तों से गुजरने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कई बार बारिश के कारण सड़कों पर जमा हुए पानी में गाड़ियं फंस भी जाती हैं.

रापमुर के बागवानों का कहना है कि इस बार सेब की जहां पैदावार में गिरावट आई हैं और बरसात भी कम हुई हैं. दूसरी ओर, सेबों को मंडी ले जाने के लिए रास्तों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों की हालत खस्ता है और लोनिवि की ओर से भी समय रहते सड़कों की मुररमत और रखरखाव नहीं किया गया है.

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बागवानों ने बताया कि रामपुर उपमंडल कि देवठी से दारनघाटी सड़क, बाहलीधार से जुआं सड़क, तकलेच-चौकानाला-मंडोग सड़क की हालत जर्जर बनी हुई है. इस पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है. इन सड़कों पर गड्ढे पड़े हुए हैं. बारिश से अब गढों में पानी भर गया है. ऐसे में वाहन चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

एक अन्य बागवान ने बताया कि सड़कों के किनारे पानी की निकासी न होने के कारण सारा पानी सड़क के बीचों-बीच बह रहा है. इससे कई जगह पूरी सड़क पर जलभराव हो गया है. वाहन चालक इस सड़क पर वाहन ले जाने से मना कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 10 हजार के करीब सेब की पेटियां बागवानों द्वारा तैयार की जाती हैं जो मुख्य मार्ग तक पहुंचाना चुनौती बन गया है. ऐसे में यहां के बागवनों ने विभाग व सरकार से मांग की है कि इस सड़क को जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाए ताकि बागवानों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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