शिमलाः केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के दो नवाचार यानी तीन गैरिएट्रिक डे केयर केंद्रों और संडे क्षय रोग एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को देशभर में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चुना गया है.
नेशनल हेल्थ मिशन के राज्य मिशन डायरेक्टर डाॅ. निपुण जिंदल ने बताया कि केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में गुड रेप्लिकेबल प्रेक्टिसिज और नवाचार पर वर्चुअल माध्यम से एक राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया. सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी गई है.
गैरिएट्रिक डे केयर केंद्र को भी मिला उत्कृष्ट सेवा सम्मान
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि एनएचएम ने हेल्थ एज इंडिया की सहभागिता से प्रदेश के शिमला, मंडी और धर्मशाला जिलों में तीन गैरिएट्रिक डे केयर केंद्र खोले हैं. इनका शुभारंभ 21 अगस्त 2019 को अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के दौरान किया गया. ये केंद्र इन जिलों के सीनीयर सीटीजन की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए खोले गए हैं.
ये केंद्र स्वास्थ्य देखभाल, कौशल निर्माण, कानूनी सहायता सहित शारीरिक और मानसिक व्यस्तता और मनोरंजक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 तक इस सेवा से 25,000 से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए. इनमें लगभग 15,000 बुजुर्ग शामिल हैं, जिन्होंने फिजियोथेरेपी ली. लगभग 2,500 लोग वरिष्ठजनों की विभिन्न स्वास्थ्य शिविरों में जांच की गई.
क्षय रोग उन्मूलन में लाभाकारी
उन्होंने बताया कि राज्य में नवाचार लागू होने के बाद से, क्षय रोग के लक्षणों के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 56,81,115 लोगों की मौखिक रूप से जांच की गई है और 12018 सैंपल एकत्रित किए गए हैं. एकत्रित किए गए सैंपल में से 2.28 प्रतिशत लोग पाॅजिटिव पाए गए हैं. कांगड़ा, ऊना और मंडी में सैंपल की जांच करने और टीबी रोग के निदान में की गई पहल में अग्रणी जिले हैं. यह गतिविधि राज्य में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फायदेमंद साबित हो रही है.
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